Wayanad Landslide: 'धरती और मकान सब हिल रहा है, मदद करो', जब मलबे में दबे बेबस लोगों ने लगाई गुहार
Wayanad Landslide केरल के वायनाड में आज सुबह हुए भूस्खलन में अब तक 41 लोगों की मौत हो चुकी है। अब पीड़ितों ने हादसे की दर्दनाक कहानी सुनाई है। मीडिया चैनल द्वारा प्रसारित की गई लोगों की बातचीत सामने आई है। जिसमें पीड़ित रो रहे थे और खुद को बचाने का अनुरोध कर रहे थे। भूस्खलन के बाद उनके पास वहां से बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं बचा था।
पीटीआई, वायनाड (केरल)। केरल के वायनाड में हुए भूस्खलन में अब तक 41 लोगों की मौत हो चुकी है। हादसे से ठीक पहले लोग अपने घरों में चैन की नींद सो रहे थे और जैसे ही हादसा हुआ तो चारों ओर चीख पुकार मच गई।
वायनाड जिले में ऊंचाई पर स्थित बस्तियों में मंगलवार को तड़के भूस्खलन से कई मकान भी तबाह हो गए। मकानों और मलबे के ढेर के नीचे फंसे होने के बाद लोग लगातार फोन कर मदद की गुहार लगाते रहे।
टेलीविजन चैनलों ने वायनाड में हुए भूस्खलन के बाद कई लोगों की फोन पर बातचीत जारी की है, जिसमें वे रो रहे थे और खुद को बचाने की गुहार लगा रहे थे।
हादसे के बाद कुछ लोग अपने घरों में फंस गए थे। भूस्खलन के कारण कई पुल भी बह चुके थे और सड़कों पर पानी भरा हुआ था जिसके कारण अपने घरों में फंसे लोगों के पास बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं बचा था।
महिला ने रोते हुए कहा उसके घर में कोई फंस गया है...
ऐसी ही एक बातचीत में चूरलमाला शहर की निवासी एक महिला को जोर-जोर से रोते हुए यह कहते सुना गया कि उसके घर में कोई व्यक्ति मलबे में फंस गया है और उसे बाहर नहीं निकाला जा सका।
महिला को यह कहते हुए सुना गया कि कृपया कोई आए और हमारी मदद करे। हमने अपना घर खो दिया है। हमें नहीं पता कि नौशीन (स्पष्ट रूप से परिवार का कोई सदस्य) जीवित है या नहीं। वह दलदल में फंस गयी है। हमारा घर शहर में ही है...।
मेरा मकान अब भी हिल रहा, पीड़ित ने बताया खौफनाक मंजर
चूरलमाला के एक और निवासी ने फोन पर बातचीत के दौरान कहा कि उनका मकान अब भी हिल रहा है और उन्हें नहीं पता कि क्या किया जाए।
उन्होंने कहा, धरती हिल रही है। इस जगह बड़ा शोर है। हमारे पास चूरलमाला से बाहर आने का कोई रास्ता नहीं बचा है।
एक अन्य व्यक्ति ने फोन पर सूचना दी कि मुंडक्कई में बड़ी संख्या में लोग मलबे में फंसे हैं और जिंदा रहने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अगर कोई मेप्पदी इलाके से वाहन से यहां आ सकता है तो हम सैकड़ों लोगों की जान बचा सकते हैं।
एक घायल बुजुर्ग ने एक टेलीविजन चैनल को बताया कि उनकी पत्नी लापता हैं और उन्हें नहीं मालूम कि वह कहां हैं।
हम घर में सो रहे थे और फिर...
उन्होंने बताया कि हम घर में सो रहे थे। अचानक एक तेज आवाज सुनाई दी और हमने बड़े-बड़े पत्थर तथा पेड़ों को हमारे मकान की छत पर गिरते हुए देखा। घर में बाढ़ का पानी घुस गया जिससे घर का दरवाजा टूट गया।
उन्होंने यह भी बताया कि किसी ने उन्हें बचाया और अस्पताल पहुंचाया लेकिन उनकी पत्नी का कुछ अता-पता नहीं चला है।
केरल के पर्वतीय वायनाड जिले में मंगलवार को तड़के कई जगहों पर हुई भूस्खलन की घटनाओं में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 41 हो चुकी है। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने यह जानकारी दी है।
अधिकारियों के मुताबिक, भूस्खलन प्रभावित इलाकों में मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टमाला और नूलपुझा गांव शामिल हैं।
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