Wayanad Landslides: वायनाड में अब जीवित लोगों को खोजेगा ड्रोन, अब तक 210 शव बरामद; 300 लोग लापता
Wayanad Landslide केरल के वायनाड जिले में आई तबाही ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 300 लोग अब भी लापता हैं। अब लापता लोगों की तलाश में ड्रोन की मदद ली जाएगी। इन ड्रोन में विशेष सेंसर लगे हैं। इनकी मदद से मलबे के अंदर दबे लोगों का भी पता लगाया जा सकेगा।
पीटीआई, वायनाड। केरल के वायनाड में मंगलवार तड़के बड़े पैमाने पर हुए भूस्खलन के बाद राहत और बचाव कार्य जारी है। प्राकृतिक आपदा के तीन दिन बाद भी बचाव दल ने उम्मीदें नहीं छोड़ी हैं और जीवित लोगों का पता लगाने के लिए ड्रोन चित्रों और सेल फोन से जीपीएस का उपयोग किया जा रहा है।
यह भी पढ़ें: झारखंड में कल बंद रहेंगे सभी स्कूल, भारी बारिश के अलर्ट के बाद निर्देश जारी
मलबे में दबे लोगों को खोज निकालने में सक्षम हैं ड्रोन
बचाव अभियान को गति देने के लिए दिल्ली के निकट हिंडन एयरफोर्स स्टेशन से विमान सी-130 जे द्वारा शुक्रवार दोपहर 12:40 बजे चार विशेष ड्रोन और तकनीकी टीम भेजी गई है। ड्रोन आसमान में उड़ेंगे और उनमें लगे विशेष सेंसर और रडार से तीन मीटर नीचे तक मलबे में दबे लोगों का पता लगा सकेंगे।210 शव बरामद
ड्रोन को जिस क्षेत्र में उड़ाया जाएगा, उसमें लगे सेंसर मलबे को तीन मीटर तक स्कैन कर लेंगे। इससे उस क्षेत्र के मलबे में दबे लोगों का पता चल जाएगा। केरल के पर्यटन मंत्री पीए मोहम्मद रियास ने शुक्रवार को बताया कि भूस्खलन में मरने वालों की संख्या 210 हो गई है। 83 महिलाओं और 29 बच्चों सहित 210 शव बरामद किए गए हैं।
300 लोग अब भी लापता
मंत्री ने बताया कि 119 शव मृतकों के स्वजन को सौंप दिए गए हैं। लगभग 300 लोग अब भी लापता हैं, जिससे मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है। मंत्री ने बताया कि भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में करीब 1,374 बचावकर्मी जीवित लोगों की तलाश के अभियान में जुटे हुए हैं। शुक्रवार को पदावेट्टी कुन्नू के निकट एक सुनसान घर से चार लोगों के एक परिवार को बचाया गया।हेलीकॉप्टर की भी ली जा रही मदद
अधिकारियों ने बताया कि बचाव कार्य को सुविधाजनक बनाने के लिए एक उन्नत लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) की मदद ली गई। त्वरित कार्रवाई करते हुए फंसे हुए व्यक्तियों को समय पर निकाल लिया गया। सेना ने कहा कि बचाई गई महिलाओं में से एक को पैर में तकलीफ हो रही थी और उसे आवश्यक चिकित्सा सहायता प्रदान की गई।