यात्रा के दौरान बातचीत से यह दृष्टिकोण उभरेगा। इसमें नफरत, हिंसा और एकाधिकार के लिए कोई जगह नहीं होगी। उन्होंने कहा कि इस यात्रा के माध्यम से कांग्रेस लोगों के मन की बात सुनना चाहती है और उनके दर्द को समझना चाहती है।
राहुल गांधी ने अब तक मणिपुर हिंसा से पीड़ित लोगों के आंसू पोंछने के लिए नहीं आने को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमला करते हुए इस सूबे के साथ ही देश में शांति, सद्भावना और न्याय का दौर लौटाने का वादा किया। कहा कि मणिपुर आरएसएस और भाजपा की अन्याय तथा नफरत की राजनीति का प्रतीक बन गया है। इसीलिए पूरब से पश्चिम भारत की अपनी यात्रा का यहां से आगाज किया है।
राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर किए तीखे हमले
लोकसभा चुनाव से पूर्व शुरू हुई न्याय यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने देश की जनता के सामने बराबरी और भाईचारे के साथ विकास का नया विजन पेश करने का भी एलान किया। मणिपुर की राजधानी इंफाल से करीब 40 किलोमीटर दूर थौबल में खोंगजोम युद्ध स्मारक के निकट भारत जोड़ो न्याय यात्रा की बस रवाना होने से पूर्व एक बड़ी जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर तीखे हमले किए।
दिल्ली में कोहरे के चलते करीब तीन घंटे विलंब से कांग्रेस नेताओं के साथ यहां पहुंचे राहुल ने सबसे पहले युद्ध स्मारक पर जाकर अंग्रेजों से लोहा लेने वाले मणिपुर के बलिदानी सेनानियों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि हम भारत में बड़े अन्याय के दौर से गुजर रहे हैं।
छोटे और मध्यम व्यवसाय को किया जा रहा है ध्वस्त
इसका असर सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक सभी क्षेत्रों में दिख रहा है। मणिपुर इस अन्याय का सबसे ज्वलंत उदाहरण है। भाजपा-आरएसएस के लिए मणिपुर तो भारत का जैसे हिस्सा ही नहीं रह गया। राहुल ने केंद्र सरकार की नीतियों पर प्रहार करते हुए कहा, एक तरफ आर्थिक एकाधिकार कायम हो रहा है और चंद लोगों को देश की सारी संपत्ति तक पहुंच मिल रही है। छोटे और मध्यम व्यवसाय को ध्वस्त किया जा रहा है। भयंकर बेरोजगारी है और महंगाई का उफान चरम पर है। देश की शासन व्यवस्था में दलितों, वंचितों, पिछड़ी जातियों और आदिवासियों की कोई भूमिका नहीं है।
4,000 किमी की भारत जोड़ो यात्रा का सकारात्मक प्रभाव
राहुल ने कहा कि नफरत मिटाने के लिए कन्याकुमारी से कश्मीर तक की 4,000 किमी की भारत जोड़ो यात्रा का सकारात्मक प्रभाव हुआ। इसीलिए मणिपुर से मुंबई की न्याय यात्रा में जनता के मन की बात सुनकर कांग्रेस देश को अन्याय के दौर से बाहर निकालने का एक नया नजरिया पेश करेगी। किसानों, मजदूरों, छोटे दुकानदारों, महिलाओं, युवाओं की बातें सुनना इस यात्रा का लक्ष्य है। हम जो विजन रखेंगे उसमें हिंसा, नफरत, एकाधिकार के लिए कोई जगह नहीं होगी। कांग्रेस सद्भावना, समानता और भाईचारे पर आधारित देश निर्माण का विजन जनता के सामने रखने जा रही है।
हजारों की भीड़ तिरंगा लिए घंटों डटी रही
मणिपुर के हिंसक उथल-पुथल के दौर के बावजूद खोंगजोम में जुटी हजारों की भीड़ तिरंगा लिए घंटों डटी रही। जब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राहुल गांधी को राष्ट्रध्वज सौंपकर न्याय यात्रा का आगाज किया तो भारत माता के जयघोष से सभास्थल गूंज उठा। इसके बाद खरगे ने यात्रा के लिए तैयार विशेष बस का पर्दा हटाया और जनसभा के उपरांत हरी झंडी दिखाकर यात्रा को रवाना किया। खोंगजोम स्मारक से इंफाल तक की यात्रा के दौरान शाम होने के बावजूद बड़ी संख्या में लोग राहुल की अगवानी करने के लिए सड़क किनारे खड़े दिखाई दिए। इनमें महिलाओं की तादाद ज्यादा थी।
राहुल ने कहा कि वह न्याय यात्रा भी पैदल करना चाहते थे
मणिपुर की स्थिति को देखते हुए यात्रा स्थल से लेकर पूरे रूट पर स्थानीय पुलिस के साथ केंद्रीय बलों का दस्ता पूरी चौकसी से निगरानी कर रहा था। इस मौके पर कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्यों, वरिष्ठ नेताओं, पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के अलावा सभी राज्यों के पार्टी अध्यक्ष व विधायक दल के नेता मौजूद थे। राहुल ने कहा कि वह न्याय यात्रा भी पैदल करना चाहते थे। मगर लोकसभा चुनाव की वजह से समयाभाव के कारण यह संभव नहीं हुआ।
फासीवादी ताकतों को रोकने के लिए है न्याय यात्रा
खरगेकांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस मौके पर अपने संबोधन में कहा कि न्याय यात्रा देश में फासीवादी ताकतों को रोकने, लोकतंत्र, संविधान को बचाने और भावी पीढि़यों के जीवन और करियर के निर्माण के लिए है। यात्रा लोगों के लिए न्याय की मांग, रोजगार की कमी, बढ़ती कीमतों, अमीर-गरीब के बीच बढ़ती खाई, सरकारी कंपनियों को बंद करने और बेचने के खिलाफ है।
वहीं किसानों को उचित मूल्य दिलाने और महिला पहलवानों तथा अन्य लोगों को न्याय दिलाने के लिए है। मणिपुर की हिंसा को लेकर पीएम के उदासीन और असंवेदनशील होने की बात उठाते हुए खरगे ने कहा कि वह यहां हमेशा वोट के लिए आते हैं। लेकिन जब लोग पीड़ा और हिंसा का सामना कर रहे हैं, तो पीएम ने उनसे मिलने की जहमत नहीं उठाई। खरगे ने तंज कसते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के पास समुद्र के तट पर सैर करने का वक्त है, मगर मणिपुर के लोगों का दुख-दर्द सुनने के लिए नहीं है।
मणिपुर से होगी यात्रा की शुरुआत
मुंबई में समापन-मणिपुर के थौबल जिले से 14 जनवरी को शुरू हुई भारत जोड़ो न्याय यात्रा का 21 मार्च को मुंबई में समापन होगा। -यात्रा की कुल दूरी 6,713 किलोमीटर होगी। इस दौरान यह 15 राज्यों से होकर गुजरेगी। -यह यात्रा 115 से अधिक जिलों से होकर गुजरेगी। यह 100 संसदीय क्षेत्रों को कवर करेगी। न्याय यात्रा हाइब्रिड मोड में होगी। इस दौरान राहुल रोजाना आठ-दस किमी पैदल और करीब 80 किमी बस से चलेंगे। राहुल गांधी की यह यात्रा पूर्वोत्तर के पांच राज्यों से होकर गुजरेगी। इनमें मणिपुर, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और असम शामिल हैं।
दानिश अली रविवार को भारत जोड़ो न्याय यात्रा में हुए शामिल
भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल हुए दानिश अलीप्रेट्र के अनुसार, बसपा से निलंबित लोकसभा सदस्य दानिश अली रविवार को भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि वह एक राजनेता के रूप में अपने कर्तव्य में विफल होंगे, यदि उन्होंने एकता और न्याय के लिए सबसे बड़े अभियान में भाग नहीं लिया। थौबल में यात्रा को हरी झंडी दिखाने के कार्यक्रम में अली मंच पर अग्रिम पंक्ति में कांग्रेस नेताओं के साथ बैठे और बाद में यात्रा बस में राहुल गांधी के साथ सवार हुए। इससे पहले अली ने एक्स पर पोस्ट किया कि उन्होंने भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होने का फैसला किया है। उन्होंने इसे अपने लिए बहुत महत्वपूर्ण क्षण बताया।
यह भी पढ़ें-
'DMK ने बिहारियों के साथ किया दुर्व्यवहार, क्या राहुल दिला पाएंगे न्याय', पूनावाला ने कांग्रेस पर कसा तंज