Weather Update: चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के चलते बदला मौसम का मिजाज, गुजरात समेत इन राज्यों में होगी भारी बारिश!
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने चक्रवात बिपारजॉय के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 1965 से अब तक जून में पश्चिमी राज्य से टकराने वाला यह तीसरा चक्रवात होगा। चक्रवात बिपारजॉय गुजरात समेत कई राज्यों में बारिश की संभावना है।
By Jagran NewsEdited By: Narender SanwariyaUpdated: Tue, 13 Jun 2023 05:39 AM (IST)
नई दिल्ली, एजेंसी। देश के कई राज्यों में हीटवेव की संभावना के बीच भारतीय मौसम विभाग ने गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ तट के लिए चक्रवाती तूफान 'बिपरजॉय' की चेतावनी जारी की है। आईएमडी ने कच्छ और सौराष्ट्र के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। चक्रवात बिपरजॉय तेजी से एक गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल गया है और वर्तमान में अरब सागर को पार कर रहा है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने चक्रवात बिपारजॉय के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। चक्रवात की चेतावनी जारी होने के बीच, कांडला में दीनदयाल पोर्ट अथॉरिटी के अधिकारियों ने निचले इलाकों में लोगों को गांधीधाम में आश्रयों में स्थानांतरित करना शुरू कर दिया। छह जहाज पहले ही बंदरगाह छोड़ चुके हैं और 11 और जहाज आज रवाना होंगे।
पोरबंदर के डीएम केडी लखानी ने चक्रवात की तैयारियों पर कहा कि तूफान के प्रभावों की तैयारी के लिए जिला प्रशासन सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा है। इसमें विभिन्न गैर सरकारी संगठनों का भी साथ हमें मिल रहा है। निचले इलाकों और तटीय क्षेत्रों पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है। भारी बारिश की आशंका जताई गई है। निचले इलाकों में लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए 500 लोगों की क्षमता वाले साइक्लोन शेल्टर तैयार किए गए हैं। मछली पकड़ने के परमिट पर रोक लगा दी गई है।
मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 1965 से अब तक जून में पश्चिमी राज्य से टकराने वाला यह तीसरा चक्रवात होगा। मौसम विभाग ने बताया कि 1965 से 2022 तक के आंकड़ों के आधार पर जून के महीने में 13 चक्रवात विकसित हुए हैं। इनमें से दो ने गुजरात, एक ने महाराष्ट्र, एक ने पाकिस्तान और तीन ने ओमान-यमन के तटों को पार किया। छह चक्रवात समुद्र में ही कमजोर पड़ गए।
गुजरात के तट को पार करने वाले दो चक्रवातों में से एक 1996 में गंभीर चक्रवात था, जबकि 1998 वाला चक्रवात अत्यधिक गंभीर था। छह जून को सुबह 5.30 बजे विकसित होने वाले बिपर्जय चक्रवात का जीवनकाल अभी लगभग आठ दिनों का है। 2019 में अरब सागर में बनने वाले अत्यधिक गंभीर चक्रवात क्यार का जीवनकाल नौ दिन और 15 घंटे था।वर्ष 2018 में बंगाल की खाड़ी में बनने वाले चक्रवात गाजा का जीवनकाल भी नौ दिन और 15 घंटे था। यह दक्षिणी प्रायद्वीप क्षेत्र को पार करके अरब सागर में पहुंच गया था और वहां कमजोर पड़ गया था। मौसम विज्ञानियों के अनुसार, चक्रवात बिपरजॉय शुरुआती दिनों में तेजी से बढ़ा और अरब सागर के असामान्य रूप से गर्म होने के कारण इसने अपनी ताकत बरकरार रखी है।
बिपरजॉय का गुजरात पर प्रभावअरब सागर का चक्रवात बिपरजॉय हफ्तेभर बाद अत्यंत गंभीर तूफान में बदल चुका है। यह अभी तक 175 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ चुका है। अभी चक्रवात की स्थिति पूर्व-मध्य अरब सागर में है। यह 15 जून की दोपहर तक सौराष्ट्र-कच्छ के पास तट से टकराएगा। भारतीय मौसम विभाग (आइएमडी) का मानना है कि तट से टकराने के दौरान हवा की गति थोड़ी धीमी हो जाएगी, लेकिन फिर भी यह कम से कम 150 किलोमीटर प्रति घंटे तक रह सकती है। अत्यधिक वर्षा होगी। समुद्र में ऊंची-ऊंची लहरें उठेंगी। इससे कई जिलों में बाढ़ का खतरा बढ़ जाएगा। तट से टकराने के दौरान लहरों की ऊंचाई पोरबंदर में 2.6 मीटर तक हो सकती हैं। कुछ स्थानों पर यह साढ़े तीन से चार मीटर तक की ऊंची भी हो सकती हैं। तेज हवा एवं अत्यधिक वर्षा से कच्ची दीवारें गिर सकती हैं। बिपरजॉय का राजस्थान पर प्रभावसमुद्र में अभी से हलचल बढ़ने लगी है। सबसे ज्यादा खतरा गुजरात के तटीय जिलों पर है। देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, कच्छ, जामनगर, राजकोट, मोरबी एवं जूनागढ़ के पास तीन से चार मीटर तक ऊंची लहरें उठ सकती हैं और 14-15 जून को भारी से बहुत भारी वर्षा हो सकती है। महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्र एवं राजस्थान के पश्चिमी जिलों के लिए भी यह खतरनाक साबित होगा। तेज हवा के साथ बारिश की आशंका व्यक्त की गई है। बिपरजॉय को लेकर पीएम मोदी की बैठकचक्रवात की गंभीरता को इसी से समझा जा सकता है कि इससे निपटने की तैयारियों को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को उच्चस्तरीय बैठक कर संवेदनशील क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का निर्देश दिया। बैठक में प्रधानमंत्री ने बिजली, संचार, स्वास्थ्य और पेयजल जैसी सभी आवश्यक सेवाओं को बनाए रखने और इन्हें कोई क्षति पहुंचने पर तत्काल बहाल करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने पशुओं की भी सुरक्षा सुनिश्चित करने और चौबीसों घंटे चलने वाले नियंत्रण कक्ष स्थापित करने को कहा है। बिपरजॉय को लेकर कई टीमें तैनातराष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने 12 टीमें तैनात कर दी हैं जो नौकाओं, पेड़ काटने वाली आरियों, संचार उपकरणों आदि से लैस हैं। साथ ही एनडीआरएफ ने अपनी 15 टीमों को आपात स्थिति के लिए तैयार रखा है। भारतीय तटरक्षक बल और नौसेना ने राहत, तलाशी और बचाव अभियानों के लिए अपने पोत और हेलीकाप्टर तैनात कर दिए हैं। तटों के समीप निगरानी विमान और हेलीकाप्टरों को तैनात किया गया है। सेना, नौसेना और तटरक्षक बलों के आपदा राहत दलों और चिकित्सा टीमों को भी तैयार रखा गया है। 7,500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचायातटवर्ती क्षेत्रों से निकासी शुरू कर दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि 7,500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है। पोरबंदर के 31 गांवों से 3,000 लोगों और देवभूमि द्वारका में 1,500 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। यहीं नहीं, करीब 3,000 लोगों, खासकर बंदरगाहों पर कार्यरत मछुआरों व श्रमिकों को कांडला में स्थानांतरित कर दिया गया है।बिपरजॉय का मुंबई पर असरमुंबई में पहले से तैनात एनडीआरएफ की तीन टीमों के अलावा वहां दो और टीमें तैनात कर दी गई हैं। छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे ने कहा, स्टैंडर्ड प्रोटोकाल के मुताबिक उठाए सभी एहतियाती कदम। यात्रियों से किया अनुरोध, उड़ानों की ताजा स्थिति को जानने के लिए संबंधित एयरलाइनों से संपर्क करें।- रेलवे ने गांधीधाम, वेरावल, ओखा और पोरबंदर समेत तटीय स्थानों पर जाने वाली 56 ट्रेनों को अहमदाबाद, राजकोट व सुरेंद्रनगर में समाप्त किया। कई ट्रेनें रद कीं। हवा की रफ्तार 50 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक होने पर ट्रेनों को रोक ने का निर्देश जारी किया गया है।मौसम विभाग का पूर्वानुमानअरब सागर में उठे चक्रवात बिपारजाय के प्रभाव से दिल्ली, राजस्थान, उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बृहस्पतिवार और शुक्रवार को हल्की वर्षा हो सकती है। यह जानकारी निजी पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट वेदर ने साझा की है। वहीं, मौसम विभाग ने 15 और 16 जून को राजधानी में भी बादल छाए रहने और बूंदाबांदी होने की संभावना व्यक्त की है।निजी पूर्वानुमान एजेंसी ने कहा, अरब सागर में चक्रवात, 15 जून को दस्तक देने के बाद जून के तीसरे सप्ताह में राजस्थान, दिल्ली, उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में छिटपुट इलाकों में बरसात हो सकती है।क्षेत्रीय पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि दिल्ली में एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ और अरब सागर से आने वाली नमी से भरी दक्षिण-पश्चिमी हवा के कारण हल्की वर्षा हो सकती है, जो राजस्थान व दक्षिण हरियाणा को पार करने के बाद दिल्ली पहुंचेगी।मौसम की जानकारी उत्तर प्रदेशआज का मौसम मंगलवार को मौसम में उतार चढ़ाव का क्रम जारी रहेगा। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार हल्के से मध्यम ऊंचे बादलों की आवाजाही बनी रहेगी। अगले पांच दिनों में हल्के बादल छाए रहने के साथ लू चलने के आसार हैं। तापमान में बढ़ोतरी होगी, लेकिन बारिश की कोई संभावना नहीं है। सोमवार को तेज धूप के साथ दोपहर बाद बादलों की आवाजाही लगी रही।चक्रवात बिपारजॉय के मद्देनजर राज्य सरकार, केंद्र सरकार अलर्ट पर है। हमारे पास एनडीआरएफ की 12 टीमें हैं और उन्हें कच्छ, पोरबंदर, जूनागढ़, जामनगर, देवभूमि द्वारका, गिर सोमनाथ, मोरबी और राजकोट जिलों में तैनात किया गया है। केंद्र से 3 टीमें हमारे पास आ चुकी हैं और उन्हें राजकोट,… pic.twitter.com/yFNYm2jOA9
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 13, 2023