दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में भीषण गर्मी और हीटवेव ने सभी का हाल बेहाल कर दिया। इस साल गर्मी का हाल ऐसा है कि दिन ही नहीं रात में भी तापमान रिकॉर्ड तोड़ रहा है। हीटवेव को ग्लोबल वॉर्मिंग का ही असर माना जा रहा है। यह साल सबसे लंबी और भीषण गर्मी वाला रहा है और हीटवेव से कई लोगों की जान तक चली गई।
जागरण डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में इस बार भीषण गर्मी और हीटवेव ने सभी का हाल बेहाल कर दिया। इस साल गर्मी का हाल ऐसा है कि दिन ही नहीं रात में भी तापमान रिकॉर्ड तोड़ रहा है।
ग्लोबल वॉर्मिंग का सबसे स्पष्ट प्रभाव हीटवेव नई आपदा बनकर उभरा है। यह साल सबसे लंबी और भीषण गर्मी वाला रहा है और देश में 25,000 से अधिक हीटवेव से बीमार हुए लोगों के मामले दर्ज किए गए हैं।
मई 2024 अब तक का सबसे गर्म महीना
यूरोपीय जलवायु एजेंसी कॉपरनिकस के अनुसार, मई 2024 अब तक का सबसे गर्म मई का महीना था। उत्तर पश्चिम भारत और मध्य क्षेत्र के कुछ हिस्से प्रचंड गर्मी की चपेट में हैं। इस साल देश सबसे लंबी और भीषण गर्मी झेल रहा है। साल 2024 पिछले 15 वर्षों में सबसे तीव्र और सबसे अधिक हीटवेव वाले दिनों वाला वर्ष बनने जा रहा है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के आंकड़ों से पता चला है कि 1 मार्च से 9 जून के बीच 15 से अधिक हीटवेव वाले दिन दर्ज किए गए हैं। आमतौर पर औसतन 6-8 लू वाले दिन होते हैं।
हीटवेव के मामले में 2024 ने तोड़ा 15 साल का रिकॉर्ड
मौसम विभाग का कहना है कि पिछले 15 सालों में सबसे अधिक हीटवेव वाले दिन 2024 में देखने को मिले हैं। सबसे अधिक हीटवेव वाले (27) दिन ओडिशा में दर्ज किए गए हैं, इसके बाद राजस्थान (23), गंगीय पश्चिम बंगाल (21), हरियाणा (20), चंडीगढ़ (20), दिल्ली (20) और पश्चिम उत्तर प्रदेश (20) का स्थान रहा।
पहाड़ी क्षेत्र भी हीटवेव की चपेट में...
हीटवेव का आलम ऐसा है कि पहाड़ी क्षेत्र भी इससे बचे नहीं। जम्मू-कश्मीर में छह दिन, हिमाचल प्रदेश (12) और उत्तराखंड में दो दिन हीटवेव देखी गई। केरल में 5 तो तमिलनाडु जैसे तटीय क्षेत्रों चौदह दिन हीटवेव के दर्ज किए गए।
दिल्ली में तापमान ने तोड़ा 80 साल का रिकॉर्ड
दिल्ली में तापमान ने पिछले 80 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। उत्तर भारत के राज्यों में ही हीटस्ट्रोक के कारण अनेक लोगों की जान चली गई। उत्तर भारत में गर्मी का कहर जमकर बरसा है। पूरे देश में लू से मरने का सिलसिला जारी है।
दुनिया के 40 फीसदी हिस्से में बढ़ गया औसत तापमान
जलवायु परिवर्तन पर केंद्रित यूके स्थित प्रकाशन कार्बन ब्रीफ ने पिछले साल एक विश्लेषण प्रकाशित किया था जिसके मुताबिक धरती के लगभग 40 फीसद हिस्से ने 2013 से 2023 के बीच अपना उच्चतम दैनिक तापमान दर्ज किया था। इसमें अंटार्कटिका भी शामिल हैं। इस अवधि के दौरान भारत में सबसे अधिक तापमान राजस्थान में दर्ज किया गया।
हीटवेव से मौतों पर IMD ने दी ये चेतावनी
आईएमडी ने चेतावनी दी कि सभी आयुवर्ग के लोगों में ताप जनित बीमारियां और हीट स्ट्रोक की बहुत अधिक संभावना है और कमजोर लोगों के लिए अत्यधिक देखभाल की आवश्यकता है। वर्षों के वैज्ञानिक शोध से पता चला है कि जलवायु संकट के कारण हीटवेव अधिक लंबे समय तक, अधिक बार और अधिक तीव्र हो रही हैं।
जलवायु परिवर्तन का असर है हीटवेव
वर्ल्ड वेदर एट्रिब्यूशन ग्रुप के अध्ययन से पता चला है कि जलवायु परिवर्तन ने पूरे एशिया में अनुभव की गई हीट वेव की तीव्रता को काफी बढ़ा दिया है। उत्तर भारत में सामान्य रूप से तापमान 40-48 डिग्री सेल्सियस को पार करता रहा है। लगातार रिकॉर्ड तोड़ने वाले गर्म महीनों का सिलसिला जारी रखते हुए जून भी उसी तर्ज पर उबला है।