Monsoon Alert: जुलाई में जमकर बरसेगा मानसून, बिहार-बंगाल में भारी बारिश के आसार; IMD ने जारी किया अलर्ट
आइएमडी के आंकड़ों से पता चलता है कि यह लगातार तीसरा साल है जब मानसून ने तय समय से पहले पूरे देश को कवर किया है। अगले चार दिन बिहार अरुणाचल प्रदेश असम मेघालय बंगाल सिक्किम नगालैंड मणिपुर मिजोरम और त्रिपुरा में अलग-अलग स्थानों पर बहुत भारी वर्षा होने का अनुमान है। आइएमडी ने कई राज्यों में अलर्ट जारी किया है।
पीटीआई, नई दिल्ली। जून के मध्य में धीमी प्रगति के बावजूद मानसून सामान्य तिथि से छह दिन पहले ही पूरे देश में पहुंच गया है। दक्षिण-पश्चिम मानसून मंगलवार को राजस्थान, हरियाणा और पंजाब के शेष भागों में और आगे बढ़ गया। इस तरह इसने दो जुलाई तक ही पूरे देश को कवर कर लिया, जबकि यह सामान्य रूप से आठ जुलाई तक पूरे देश में पहुंचता है।
भीषण गर्मी ने कर दिया था बेहाल
मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) के अनुसार मानसून केरल और पूर्वोत्तर क्षेत्र में 30 मई को पहुंचा था, जो सामान्य से दो से छह दिन पहले है। यह महाराष्ट्र तक सामान्य रूप से आगे बढ़ा, लेकिन फिर इसकी गति धीमी पड़ गई जिसके कारण बंगाल, ओडिशा, झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में बारिश का इंतजार बढ़ गया तथा उत्तर-पश्चिम भारत में भीषण गर्मी का प्रकोप और अधिक बढ़ गया।
जून में कुल मिलाकर सामान्य से कम वर्षा हुई
देश में 11 जून से 27 जून तक 16 दिन सामान्य से कम वर्षा दर्ज की गई, जिसके कारण जून में कुल मिलाकर सामान्य से कम वर्षा हुई। जून महीने में 147.2 मिलीमीटर (मिमी) वर्षा हुई, जबकि इस महीने में सामान्य रूप से 165.3 मिमी वर्षा होती है। 2001 के बाद से यह सातवीं सबसे कम वर्षा है। देश में चार महीने के मानसून के दौरान होने वाली कुल वर्षा 87 सेंटीमीटर में से 15 प्रतिशत बारिश जून महीने में होती है।
आमतौर पर दक्षिण-पश्चिम मानसून एक जून तक केरल में प्रवेश कर जाता है और आठ जुलाई तक पूरे देश को कवर कर लेता है। मानसून 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से लौटने लगता है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह से वापस चला जाता है।
तिथि से पहले देश के सभी हिस्सों में पहुंचा मानसून
आइएमडी के आंकड़ों से पता चलता है कि यह लगातार तीसरा साल है जब मानसून ने तय समय से पहले पूरे देश को कवर किया है। वहीं, 2011 से अब तक मानसून सात बार सामान्य तिथि से पहले देश के सभी हिस्सों में पहुंच चुका है।
पिछले साल मानसून केरल में आठ जून को पहुंचा था और दो जुलाई को पूरे देश में पहुंच गया था। इस तरह मानसून ने तय समय से छह दिन पहले पूरे देश को कवर कर लिया था। पश्चिमी राजस्थान में आठ दिन की देरी से मानसून की वापसी 25 सितंबर को शुरू हुई।