हालांकि, आपको बता दें, सिर्फ भारत ही नहीं दुनिया के कई हिस्सों में बारिश और बाढ़ ने काफी तबाही मचाई है। कई देशों के पूरे शहर, गांव और कस्बे पानी में डूबे हुए हैं। भारत समेत जापान, इंडोनेशिया, ढाका में भी आसमान से आफत बरस रही है।
वहीं, कुछ देशों में लोगों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ रहा है। हीटवेव के कारण हाहाकार मचा हुआ है, लोग राहत की सांस नहीं ले पा रहे हैं। चेक गणराज्य, ग्रीस, अफ्रीका, इटली, चीन, जापान और अमेरिका के कई राज्य इस समय भीषण गर्मी की मार झेल रहे हैं।
मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि
जलवायु परिवर्तन के कारण ही इस तरह का प्राकृतिक आपदा और उथल-पुथल देखने को मिल रही है, लेकिन कहीं न कहीं माना जा रहा है कि प्रकृति के साथ मानव द्वारा की जा रही छेड़छाड़ ने भी मौसम में हो रहे बदलाव को बढ़ावा दिया है। कुछ मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि हम आज वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को पूरी तरह से रोक भी देते हैं, तो भी जलवायु गर्म होती रहेगी। हालांकि, हम ग्लोबल वार्मिंग की दर को धीमा कर सकते हैं।
क्या है जलवायु परिवर्तन (Climate Change)?
मौसम के इस फेरबदल को समझने के लिए पहले जानना जरूरी है कि आखिर जलवायु परिवर्तन क्या है। दरअसल, जलवायु का मतलब किसी क्षेत्र में लंबे समय तक औसत मौसम से होता है, लेकिन जब किसी क्षेत्र विशेष के औसत मौसम में परिवर्तन आता है, तो उसे जलवायु परिवर्तन कहते हैं। जलवायु परिवर्तन किसी एक विशेष क्षेत्र में भी हो सकता है और पूरे विश्व में भी इसका असर देखने को मिल सकता है।
यदि वर्तमान समय की बात करें, तो जलवायु परिवर्तन का असर दुनिया के कई हिस्से में देखने को मिल रहा है। हम इसको ऐसे समझ सकते हैं कि अमेरिका का एक हिस्सा बाढ़ में डूब गया है, तो वहीं उसके दूसरे हिस्से में लोगों को हीट वेव का सामना करना पड़ रहा है।
अमेरिका में कहीं हीटवेव, तो कहीं बाढ़ का प्रकोप
पश्चिमी संयुक्त राज्य अमेरिका में गर्मी अपने चरम पर है, कैलिफोर्निया के रेगिस्तान में तापमान 53 सेल्सियस तक पहुंच गया, जबकि पूर्वोत्तर में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। कई क्षेत्रों में लगभग बाढ़ से अब तक कई लोगों की मौत हो गई है।
अमेरिका की लगभग एक-चौथाई आबादी भीषण गर्मी की चपेट में आ गई है। राष्ट्रीय मौसम सेवा के मुताबिक, देश के कुछ हिस्सों में गर्मी के कारण पूर्वोत्तर में भारी बारिश होने में भी मदद मिली है, यह पैटर्न हफ्तों नहीं तो कई दिनों तक जारी रहने की उम्मीद है। कैलिफोर्निया, टेक्सास, फ्लोरिडा जैसे शहरों में तापमान 43 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया है।
कैलिफोर्निया की डेथ वैली में तापमान 54 डिग्री सेल्सियस पहुंचने का अनुमान है। माना जा रहा है कि 1913 में फर्नेस क्रीक में इतना ही तापमान दर्ज किया गया था। अमेरिकी शहरों में 9 बजे सुबह से शाम 6 तक लोगों को हीट वेव के कारण घरों से निकलने की मनाही है। इस साल लू के कारण 70 हजार लोगों ने अपनी जान गंवाई है।वहीं, दूसरी ओर पूर्वोत्तर के अधिकांश हिस्सों में भारी बारिश के कारण तबाही मच गई, विशेष रूप से वर्मोंट की राजधानी मोंटपेलियर में विनाशकारी बाढ़ ने जानमाल का काफी नुकसान किया है। अनुमानित तौर पर बताया गया है कि बाढ़ के चलते वर्मोंट में 41 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है।
पूर्वी पेंसिल्वेनिया में भी बाढ़ और बारिश का कहर बना हुआ। अब तक प्रभावित इलाकों से 70 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। बाढ़ और बारिश से हालात इतने खराब हो चुके हैं कि राष्ट्रपति बाइडन ने इसे आपदा घोषित कर दिया है।
चीन में एक साथ बाढ़, बारिश और सूखा पड़ा
चीन में मौसम के हालात काफी हैरान करने वाले हैं। दरअसल, 1961 के बाद पहली बार देश एक साथ लू, बाढ़ और बारिश से प्रभावित हुआ है। चीन में मौसमी बाढ़ एक नियमित घटना है, लेकिन इस साल बाढ़ का पानी असामान्य रूप से बढ़ा है, जिसने कई शहरों को प्रभावित किया है। उत्तरी, मध्य और दक्षिण-पूर्वी चीन में भारी बाढ़ के बीच हजारों लोगों को आश्रय स्थलों में ले जाया गया है।
वहीं, इस सप्ताह की शुरुआत से ही राजधानी बीजिंग में पारा 35 डिग्री सेल्सियस के पार जा चुका है। इसके अलावा, ग्वांगडोंग, सिचुआन, चोंगकिंग, हुबेई और शंघाई जैसे बड़े शहर हीटवेव और भीषण गर्मी से प्रभावित हैं।
हीटवेव के लिए जारी हुआ रेड अलर्ट
दक्षिणी यूरोप का ज्यादातर हिस्सा प्रचंड गर्मी से तप रहा है, अधिकारियों ने आने वाले दिनों में उच्च तापमान की चेतावनी दी है। बढ़ते तापमान का असर इटली के कई शहरों में सबसे ज्यादा देखने को मिल रहा है। हीटवेव को लेकर इटली के 16 शहरों में रेड अलर्ट जारी किया गया है।
यहां तक कि रोम, फ्लोरेंस और बोलोग्ना समेत कई मुख्य पर्यटक स्थलों में भी अलर्ट जारी किया गया है। ग्रीस में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक दर्ज किया गया, जिसके कारण आगंतुकों की सुरक्षा के मद्देनजर देश के सबसे लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण एक्रोपोलिस को बंद करना पड़ा था। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) ने चेताया है कि आने वाले समय में इटली, स्पेन, फ्रांस, जर्मनी तथा पोलैंड में स्थिति और भी भयावह हो सकती है।
स्पेन में 45 डिग्री सेल्सियस के पार जाएगा तापमान
इस हफ्ते स्पेन में सबसे ज्यादा गर्मी पड़ने के आसार हैं। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस सप्ताह स्पेन का पारा 45 डिग्री सेल्सियस के पार जा सकता है। सोमवार को ग्रेनाडा के पास एक गांव में तापमान 45 डिग्री को छू गया था। इस बीच, इटली के 10 शहरों में बुजुर्गों के लिए हीट वेव का अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, उत्तर में बोलजानो से लेकर दक्षिण में बोलोग्ना, फ्लोरेंस और रोम में भी रेड अलर्ट जारी है।
भारत के कई राज्यों में बाढ़ से तबाही
देश के कई राज्यों में इस साल सामान्य से अधिक बारिश हुई है, जिसके कारण
बाढ़ के हालात हो गए। बाढ़ से सबसे ज्यादा तबाही हिमाचल प्रदेश में मची है। वहां पर बादल फटने के कारण भारी तबाही मची है, जिसमें जान-माल का काफी नुकसान हुआ है।
इसके साथ ही, दिल्ली, असम, मुम्बई, गुजरात, उत्तराखंड समेत कई राज्यों में भी बाढ़ से लोगों को काफी क्षति का सामना करना पड़ा है। इन राज्यों के कई शहर तो पूरी तरह से पानी में डूब गए, तो वहीं कई शहरों में जलभराव के कारण लोगों की जिंदगी में कई तरह के परेशानियां हुई हैं।
दक्षिण कोरिया में आसमानी आफत
दक्षिण कोरिया में पिछले 10 दिनों से मूसलधार बारिश हो रही है, जिसने पूरे प्रदेश में आफत ढा दिया है। कई जगहों पर भूस्खलन और बाढ़ जैसे हालात हैं। अब तक प्रदेशभर में लगभग 25 लोगों की मौत हो गई है और कई लोग घायल हुए हैं। वहीं, 14 लोग बाढ़ के कारण लापता हो गए हैं, जिनकी तलाश जारी है। हालांकि, केंद्रीय आपदा मुख्यालय के मुताबिक, बारिश के प्रकोप से प्रभावित होने वालों की संख्या और बढ़ने की आशंका है।
प्रदेश में खराब मौसम के कारण 20 उड़ानें रद्द कर दी गई हैं और वहीं बुलेट और साधारण ट्रेन की गति को भी सीमित कर दिया गया है। बाढ़ के कारण कई सड़कें और पुल भी क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिसके कारण 140 सड़कों को बंद करना पड़ा है।
खतरे के निशान से ऊपर बह रही नदियां
बांग्लादेश में बीते कुछ दिनों से लगातार भारी बारिश का प्रकोप जारी है। यहां की तीस्ता नदी खतरे के निशान से 20 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है, जिसके कारण आसपास के कई इलाकों में पानी भर गया है। बारिश और बाढ़ के कारण रंगपुर जिले के गंगाचारा में निचले इलाकों में करीब 50,000 लोग फंसे हुए हैं। उफान पर बह रही तीस्ता नदी के कारण लगभग 30-40 गांव प्रभावित हुए हैं और सैकड़ों परिवारों को अपना घर छोड़कर ऊंची जगहों पर शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
इंग्लैंड भारी बारिश और तेज हवाओं का कर रहा सामना
इंग्लैंड में पिछले कुछ दिनों से मौसम का मिजाज काफी बदला हुआ है। हालांकि, वहां मौसमी बारिश हो रही है, लेकिन इस बार बारिश काफी तेजी से और सामान्य से ज्यादा हो रही है। कई इलाकों में जलभराव और बाढ़ जैसे हालात बन चुके हैं। लगातार हो रही बारिश के कारण कई शहरों में बिजली गुल रही और सड़क पर पेड़ गिरने के कारण यातायात भी प्रभावित हुआ। हालांकि, कई इलाकों में बिजली बहाल कर दी गई है। अभी अगले कुछ दिनों तक बारिश के आसार हैं।