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Weather Update: अक्टूबर में भी सताएगी गर्मी! पश्चिम-उत्तर भारत से मानसून की विदाई, जानिए कब आएगी ठंड

Weather Update For October 2024 इस वर्ष दक्षिण-पश्चिम मानसून के कारण देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश हुई। बुधवार को आईएमडी ने कहा की आज दक्षिण-पश्चिम मानसून जम्मू-कश्मीर लद्दाख हिमाचल प्रदेश उत्तराखंड पंजाब हरियाणा दिल्ली पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों पश्चिमी मध्य प्रदेश और पूर्वी राजस्थान और पश्चिमी राजस्थान के कुछ और हिस्सों से वापस चला गया है।

By Jagran News Edited By: Narender Sanwariya Updated: Wed, 02 Oct 2024 08:47 PM (IST)
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अक्टूबर सामान्य से अधिक गर्म रहेगा। (File Photo)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। इस बार मानसून पहले आकर देर से जा रहा है। दिल्ली समेत जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड एवं राजस्थान से मानसून की बुधवार को विदाई हो गई। उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश का पश्चिमी हिस्सा भी मानसून से मुक्त हो गया। मौसम विभाग यानी आईएमडी के मुताबिक पूरे देश से मानसून की वापसी के लिए स्थितियां अनुकूल हैं। अगले दो-तीन दिनों में थोड़ा और पीछे हटते हुए यह देश के करीब आधे हिस्से से चला जाएगा।

अक्टूबर सामान्य से अधिक गर्म

इस तरह 17 अक्टूबर तक मानसून की संपूर्ण रूप से वापसी हो जाएगी। दक्षिण-पश्चिम मानसून की विदाई सामान्य तौर पर 17 सितंबर से शुरू हो जाती है। एक सप्ताह के भीतर यह दिल्ली से भी वापस चला जाता है। मगर इस बार इसकी वापसी आठ दिनों के बाद हो रही है। इसके चलते अनुमान है कि इस बार अक्टूबर सामान्य से अधिक गर्म रहेगा। अरसे बाद 137 दिनों तक बिना ब्रेक मानसून की सघन सक्रियता का असर शीत ऋतु पर भी पड़ सकता है।

कब ठंड बढ़ेगी

हालांकि यह बहुत हद तक पश्चिमी विक्षोभ पर निर्भर करेगा। एक दिन पहले आईएमडी ने दिसंबर-जनवरी के दौरान उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड का अनुमान जताया था, लेकिन मौसम पर नजर रखने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने पर ही ठंड बढ़ेगी। सामान्य स्थितियों में मानसून के दौरान अत्यधिक वर्षा से ठंड का कोई लेना-देना नहीं होता है।

कब आएगी ठंड?

आईएमडी का कहना है कि पश्चिमी प्रशांत महासागर में अलनीनो के कमजोर पड़ने एवं ला-नीना के सक्रिय होने की प्रक्रिया भी आगामी दिनों में शुरू होगी, जो ठंड को बढ़ाने में सहायक हो सकती है, किंतु इसके बारे में अभी से सटीक अनुमान लगाना उचित नहीं होगा। नवंबर में ही स्पष्ट रूप से कुछ कहा जा सकता है। ला-नीना के कारण सामान्य तौर पर तापमान में गिरावट आती है। सर्दियों में भी इसके चलते अधिक वर्षा होती है, जिससे देश के उत्तर-पश्चिमी हिस्से में तापमान सामान्य से कुछ कम हो जाता है।

एनसीआर में बारिश

बारिश के बाद उमस भरी गर्मी से परेशान एनसीआर एवं आसपास के क्षेत्रों को पश्चिमी विक्षोभ से दो-तीन दिनों में राहत मिल सकती है। स्काईमेट के प्रवक्ता महेश पलावत ने कहा है कि दिल्ली व आसपास पांच अक्टूबर को हल्की बारिश हो सकती है, जिससे तापमान कुछ गिर सकता है। चार वर्षों के बाद इस बार सामान्य से आठ प्रतिशत अधिक 934.8 एमएम वर्षा दर्ज की गई। सबसे ज्यादा बारिश अगस्त-सितंबर में हुई। देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश हुई।

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