Weather Update: आज उत्तर भारत में चलेगी धूल भरी आंधी, राजस्थान के लिए येलो अलर्ट जारी- मानसून आने में देरी
आईएमडी के अनुसार आगामी चार-पांच दिनों तक आसमान में आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे और शाम तक हल्की बारिश से मामूली राहत मिल सकती है। रविवार तक अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ने का अनुमान है।
By Jagran NewsEdited By: Narender SanwariyaUpdated: Wed, 17 May 2023 06:00 AM (IST)
नई दिल्ली, एजेंसी। दिल्ली-एनसीआर समेत पुर उत्तर भारत में मंगलवार को धूल भरी आंधी चली। देख के कई राज्यों में मौसम ने फीर से करवट बदल ली है। कहीं जमकर बारिश हो रही है तो कहीं धूप और कहीं धूल भरी आंधी से लोग परेशान हो गए हैं। मंगलवार सुबह पूरी दिल्ली में तेज हवाएं चलीं, जिससे धूल उठी और हवा की गुणवत्ता प्रभावित हुई।
मौसम विज्ञान कार्यालय द्वारा जारी सैटेलाइट तस्वीरों में उत्तर-पश्चिम भारत के बड़े हिस्से में धूल की मोटी परत दिखाई दे रही है। मौसम विज्ञानियों ने कहा कि पिछले पांच दिनों में उत्तर-पश्चिम भारत में तीव्र गर्मी के कारण धूल भरी परिस्थितियां बनी है।
आईएमडी ने कहा कि आगामी चार-पांच दिनों तक आसमान में आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे और शाम तक हल्की बारिश से मामूली राहत मिल सकती है। रविवार तक अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ने का अनुमान है।
आज का मौसम राजस्थानराजस्थान के कुछ हिस्सों में पिछले 24 घंटों के दौरान हल्की से मध्यम बारिश होने के बाद मंगलवार को अधिकतम तापमान में तीन डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गई। इसने अगले तीन दिनों के लिए कई जिलों में धूल भरी आंधी और आंधी के लिए "येलो अलर्ट" जारी किया। मौसम विभाग के अनुसार, अजमेर, अलवर, बारां, भरतपुर, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौड़गढ़, दौसा, धौलपुर, जयपुर, झालावाड़, झुंझुनू, करौली, कोटा, सवाई माधोपुर में धूल भरी आंधी चलेगी।
आज का मौसम उत्तर प्रदेशबुधवार को मौसम में उतार चढ़ाव का क्रम जारी रहेगा। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार हल्के से मध्यम ऊंचे बादलों की आवाजाही बने रहने के आसार हैं। अगले पांच दिनों में हल्के बादल छाए रहने के आसार हैं, लेकिन बारिश की कोई संभावना नहीं है। मंगलवार सुबह से ही तेज धूप का असर रहा।आज का मौसम बिहारराजधानी समेत प्रदेश का मौसम शुष्क बना रहा। पुरवा के कारण पटना व इसके आसपास इलाकों में उमस भरी गर्मी से लोग परेशान रहे। मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार एक ट्रफ रेखा उत्तर बिहार से मध्य छत्तीसगढ़ तक फैला हुआ है। इसके प्रभाव से 17-20 मई के दौरान वर्षा की गतिविधियां बनी रहेगी। अगले 24 घंटों के दौरान प्रदेश के उत्तरी भागों में मेघ गर्जन के साथ आंधी-पानी को लेकर चेतावनी जारी की गई है। इस दौरान हवा की गति 30-40 किमी प्रतिघंटा रहने की संभावना है। वहीं गुरुवार को उत्तरी भागों के अलावा पटना समेत दक्षिणी भागों में 40-50 किमी प्रतिघंटा हवा का प्रवाह होने के साथ मेघ गर्जन, बिजली चमकने व वर्षा को लेकर अलर्ट जारी किया गया है।
मानसून में देरी, चार जून को केरल में दे सकता है दस्तकमौसम विज्ञान विभाग ने इस साल दक्षिण पश्चिम मानसून की शुरुआत में थोड़ी देरी होने का पूर्वानुमान व्यक्त करते कहा है कि इसके चार जून तक केरल में दस्तक देने की संभावना है। मौसम विज्ञानियों ने कहा कि मानसून में मामूली देरी से देश में कृषि और कुल वर्षा पर असर पड़ने की संभावना नहीं है। दक्षिण पश्चिम मानसून सामान्य तौर पर एक जून को केरल में प्रवेश करता है। इसमें आमतौर पर लगभग सात दिन की देरी या जल्दी होती है।
आइएमडी के अनुसार इस साल केरल में दक्षिण पश्चिम मानसून के आगमन में मामूली देरी होने की संभावना है। दक्षिणी राज्य में मानसून पिछले साल 29 मई को पहुंचा था। इसके अलावा 2021 में यह तीन जून और 2020 में एक जून को पहुंचा था। भारत में दक्षिण पश्चिम मानसून का आगे बढ़ना केरल के ऊपर मानसून के आरंभ से चिह्नित होता है और यह एक गर्म और शुष्क मौसम से वर्षा के मौसम में बदलने वाला एक महत्वपूर्ण संकेत है। जैसे-जैसे मानसून उत्तर दिशा में आगे की ओर बढ़ता है, इन क्षेत्रों को चिलचिलाती गर्मी के तापमान से राहत मिलने लगती है। हालांकि अभी देश के कई हिस्सों में गर्मी का प्रकोप जारी रहेगा। वैसे मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) का कहना है कि देश में 21 अप्रैल से लेकर सात मई तक किसी भी स्थान पर लू चलने की रिपोर्ट नहीं है।
अल नीनो के बावजूद सामान्य बारिश की उम्मीद आइएमडी ने पिछले महीने कहा था कि भारत में अल नीनो की स्थिति के बावजूद दक्षिण पश्चिम मानसून के मौसम के दौरान सामान्य बारिश होने की उम्मीद है। वर्षा सिंचित कृषि का भारत की कृषि में महत्वपूर्ण स्थान है। शुद्ध खेती क्षेत्र का 52 प्रतिशत इस पद्धति पर निर्भर है। इसका देश के कुल खाद्य उत्पादन में योगदान लगभग 40 प्रतिशत है जोकि इसे भारत की खाद्य सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता में एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता बनाता है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के पूर्व सचिव एम राजीवन ने कहा कि यह संभावना नहीं है कि मानसून में देरी चक्रवात मोचा के कारण हो रही है। यदि चक्रवात 20 से 25 मई के आसपास आया होता तो यह जरूर मानसून को प्रभावित करता लेकिन चक्रवात पहले ही खत्म हो चुका है।