Ratan Tata: पीएम मोदी के आग्रह पर गुजरात में नैनो लाए थे रतन टाटा, पढ़ें उस एक SMS से जुड़ा दिलचस्प किस्सा
टाटा ने तीन अक्टूबर 2008 को बंगाल से नैनो परियोजना को बाहर ले जाने की घोषणा की थी और कहा था कि अगले चार दिन के भीतर गुजरात के साणंद में यह संयंत्र स्थापित किया जाएगा। पीएम मोदी ने तब कहा था कि कई देश नैनो परियोजना के लिए हरसंभव मदद देने को उत्सुक हैंलेकिन गुजरात सरकार के अधिकारियों ने यह सुनिश्चित किया कि परियोजना भारत से बाहर न जाए।
पीटीआई, नई दिल्ली। गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रतन टाटा को एक शब्द का एसएमएस 'वेल्कम' (स्वागत है) भेजा था। इसके बाद 2008 में टाटा नैनो परियोजना बंगाल से गुजरात आ गई थी। 2006 में बंगाल के तत्कालीन मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के नेतृत्व वाली वाम मोर्चा सरकार ने टाटा समूह के लिए सिंगूर में नैनो कार उत्पादन इकाई स्थापित करने के लिए भूमि का अधिग्रहण किया था। इसके खिलाफ तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के नेतृत्व में उग्र विरोध प्रदर्शन हुए थे।
एक छोटे से मैसेज ने कर दिया कमाल
पीएम मोदी ने रतन टाटा को यह एसएमएस उस समय भेजा था, जब वह कोलकाता में बंगाल से नैनो परियोजना को बाहर ले जाने की घोषणा कर रहे थे। मोदी ने 2010 में साणंद में 2,000 करोड़ रुपये के निवेश से बने टाटा नैनो संयंत्र का उद्घाटन करते हुए कहा था कि जब रतन टाटा ने कोलकाता में कहा कि वह बंगाल छोड़ रहे हैं तो मैंने उन्हें एक छोटा सा एसएमएस भेजा था। इसमें मैंने लिखा था, 'वेल्कम' और अब आप देख सकते हैं कि एक रुपये का एसएमएस क्या कर सकता है।
परियोजना भारत से बाहर न जाए
टाटा ने तीन अक्टूबर, 2008 को बंगाल से नैनो परियोजना को बाहर ले जाने की घोषणा की थी और कहा था कि अगले चार दिन के भीतर गुजरात के साणंद में यह संयंत्र स्थापित किया जाएगा। पीएम मोदी ने तब कहा था कि कई देश नैनो परियोजना के लिए हरसंभव मदद देने को उत्सुक हैं, लेकिन गुजरात सरकार के अधिकारियों ने यह सुनिश्चित किया कि परियोजना भारत से बाहर न जाए।टाटा ने 2018 में नैनो कारों का उत्पादन बंद कर दिया
साणंद में प्लांट से जून 2010 में पहली नैनो कार के बाहर निकलने के समय टाटा ने इकाई स्थापित करने में मदद के लिए मोदी के नेतृत्व वाली गुजरात सरकार की सराहना की थी। उन्होंने कहा था कि गुजरात ने हमें वह सब कुछ दिया जिसकी हमें जरूरत थी। पीएम मोदी ने हमसे कहा, यह सिर्फ टाटा की परियोजना नहीं, यह हमारी परियोजना है। टाटा ने 2018 में नैनो कारों का उत्पादन बंद कर दिया।
कंपनी को आगे ले जाने की योजनाओं पर मजदूरों से भी चर्चा करते थे रतन टाटा
देश के प्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा मजदूरों से भी कंपनी को आगे ले जाने की योजनाओं पर चर्चा करते थे और उनके सुझावों को अमल में लाने का प्रयास करते थे। मजदूरों को वह समाजसेवा के लिए हमेशा प्रेरित करते थे। जब भी वह जमशेदपुर आते थे, उनसे जरूर मिलते थे।टाटा स्टील में उप महाप्रबंधक रहे डा. त्रिदिवेश मुखर्जी रतन टाटा से जुड़ा दिलचस्प प्रसंग याद करते बताते हैं कि इसी का नतीजा रहा कि टाटा स्टील भारत, नीदरलैंड और यूनाइटेड किंगडम समेत 26 देशों में काम करती है और लगभग 80,500 लोगों को रोजगार देती है।