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सरकार पर लगाया माइक बंद करने का आरोप, विपक्ष को दिखाया आईना; ममता के दोहरे दांव की क्यों हो रही चर्चा?

विपक्ष शासित ज्यादातर राज्यों ने शनिवार को हुई नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार किया। मगर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बैठक में हिस्सा लिया। मगर कुछ ही देर में वह बैठक से बाहर निकल आईं। उन्होंने आरोप लगाया कि मुझे पांच मिनट से अधिक बोलने का मौका नहीं दिया गया। मेरा माइक बंद कर दिया गया। केंद्र सरकार ने भी इस मामले में अपना पक्ष रखा।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Sat, 27 Jul 2024 09:00 PM (IST)
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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी। (फाइल फोटो)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विपक्षी दलों के फैसले से जुदा होकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की बैठक मे शामिल तो हुईं लेकिन यह आरोप लगाकर बाहर आ गईं कि उन्हें बोलने की पूरा मौका नहीं दिया गया। बीच मे ही माइक बंद कर दिया गया।

केंद्र ने दावे को झुठलाया

केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इस आरोप को झूठ करार देते हुए कहा कि उन्हें भी उतना समय मिला जितना दूसरे मुख्यमंत्रियों को, बल्कि उनके आग्रह पर तो उन्हें समय से पहले ही बोलने का अवसर दिया गया।

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पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन ने तो ममता के बयान को नाटक करार दे दिया। वैसे ममता के इस दांव ने उन्हें चर्चा के केंद्र में भी ला दिया और विपक्ष का झंडाबरदार भी बना दिया। विपक्ष की ओर से उनकी माइक बंद करने का नैरिटव पहले भी तेज है। ममता ने उसे भी बढ़ा दिया और यह संदेश दिया कि वह साथ है।

ममता पर अधीर का तीखा बयान

वरिष्ठ कांग्रेस नेता व लोकसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी से जुड़े इस सारे घटनाक्रम को विपक्ष की राजनीति में प्रतिद्वंद्विता से जोड़ा है।

झूठ बोल रही हैं ममता: अधीर

चौधरी ने कहा कि मुझे लगता है कि ममता झूठ बोल रही हैं। उन्हें बैठक में जाने से पहले मालूम था कि क्या होने वाला है। वह बयान देकर ही गई थीं कि मैं वहां जा रही हूं, लेकिन मुझे बोलने नहीं दिया जाएगा। राहुल गांधी की जो वाहवाही विपक्ष के नेता की हैसियत से हो रही है, उससे ममता बनर्जी को जलन हो रही है। मुझे नहीं लगता कि एक मुख्यमंत्री को बैठक में बोलने न दिया जाए। इस नौटंकी की स्क्रिप्ट पहले ही तैयार हो गई थी।

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