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क्या होती है रेव पार्टी... कौन-कौन से ड्रग्‍स का होता है इस्‍तेमाल, जानिए सबकुछ

दिल्ली मुंबई बेंगलुरु समेत देश के सभी बड़े शहरों में रेव पार्टियों का चलन बढ़ गया है। इन पार्टियों में चरस कोकीन हशीश जैस ड्रग्स का इस्तेमाल होता है जिसको लेने के बाद छह से आठ घंटे तक युवा नशे में डूबे रहते हैं।

By Manish PandeyEdited By: Updated: Sun, 03 Oct 2021 01:31 PM (IST)
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रेव पार्टियों में अय्यशी का पूरा इंतजाम होता है।
 नई दिल्ली, एजेंसी। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने मुंबई से गोवा जा रहे क्रूज शिप पर छापा मारकर हाई प्रोफाइल रेव पार्टी का भंडाफोड़ किया है। इस दौरान भारी मात्रा में ड्रग्स भी बरामद किया गया है। हालांकि, यह इस तरह का कोई पहला मामला नहीं है। दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु समेत कई शहरों में रोजाना इस तरह की कितनी ही रेव पार्टियां होती हैं, जहां खुलेआम अय्यशी का पूरा इंतजाम होता है। शराब, ड्रग्स और नाच-गाने के इस काकटेल को बेहद गुपचुप तरीके से आयोजित किया जाता है, जिसकी किसी को भनक तक नहीं लग पाती है। रेव पार्टियां ज्यादातर भीड़भाड़ से दूर आयोजित की जाती है।

क्या होती है रेव पार्टी

दुनिया में रेव पार्टियों का चलन बड़ी तेजी से बढ़ता जा रहा है। माना जाता है कि 80 और 90 के दशक में ही इन पार्टियों की शुरुआत हो गई थी। अगर रेव पार्टी की बात करें तो इसका मतलब जोश और मौज मस्ती से भरी महफिलों से है। इन पार्टियों में धड़ल्ले से गैरकानूनी ड्रग्‍स का इस्तेमाल किया जाता है। बेहद गुपचुप तरीके से होने वाली इन पार्टियों में रईसजादों का मजमा लगा होता है। यहां तेज म्यूजिक बजता है। नशे में डूबे अमीरजादे पूरी रात नशा करते हैं और नाचते हैं। इन पार्टियों में जमकर पैसा बहता है। नशीले पदार्थ बेचने वालों के लिए ये पार्टियां किसी लाटरी से कम नहीं होती।

कौन-कौन से ड्रग्‍स का होता है इस्तेमाल

रेव पार्टियों में हर कोई शामिल नहीं हो सकता है। इसके लिए मोटी रकम चुकानी पड़ती है। इन पार्टियों में गांजा, चरस, कोकीन, हशीश, एलएसडी, मेफेड्रोन जैसे ड्रग्‍स का इस्तेमाल होता है। इनमें से ज्यादा ड्रग्स का असर करीब 7 से 8 घंटों तक रह सकता है। रेव पार्टियों में ज्यादातर ड्रग्‍स इसके अयोजक ही उपलब्ध कराते हैं। इस तरह की पार्टियों में सिर्फ लड़के ही नहीं लड़कियों की संख्या भी अच्छी होती है।