AFSPA: असम से इस साल हट जाएगा यह कानून, देश के कितने राज्यों में लागू है प्रावधान; जानें सबकुछ
What is AFSPA Law सुरक्षाबलों की सहायता के लिए 11 सितंबर 1958 को आफ्सपा कानून को पास किया गया था। AFSPA सुरक्षा बलों को किसी व्यक्ति को बिना वारंट के गिरफ्तार करने बिना वारंट के परिसर में प्रवेश करने या तलाशी लेने और अन्य कार्रवाई करने का अधिकार देता है।
By Mohd FaisalEdited By: Mohd FaisalUpdated: Tue, 23 May 2023 01:10 PM (IST)
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने आफ्सपा (AFSPA) को 2023 के अंत तक राज्य से हटाने का लक्ष्य रखा है। ऐसे में इस कानून को लेकर एक बार फिर चर्चाएं होने लगी हैं कि आखिर आफ्सपा (AFSPA) क्या है और क्यों इसे राज्य में लागू किया जाता है। आइये जानते AFSPA कानून के बारे में।
क्यों चर्चा में आया AFSPA?
एक दिन पहले असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने ट्वीट कर आफ्सपा को लेकर बड़ी घोषणा की थी। उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि हम 2023 के अंत तक असम से AFSPA को पूरी तरह से वापस लेने का लक्ष्य बना रहे हैं। हम अपने पुलिस बल को प्रशिक्षित करने के लिए पूर्व सैन्य कर्मियों की सेवा लेंगे।
We are aiming at withdrawing AFSPA completely from Assam by the end of 2023. We will also rope in ex-military personnel to train our police force.
Excerpts from my speech 👇 https://t.co/d723eVih4y
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) May 22, 2023
असम के कितने जिलों में लागू है AFSPA?
- वर्तमान में असम के 8 जिलों में अफस्पा लगा हुआ है।
- असम में यह कानून पहली बार नवंबर 1990 में लागू किया गया था।
- इसके बाद से जो भी सरकारें आईं, उन्होंने स्थिति की समीक्षा के बाद इसे हर छह महीने में बढ़ाया है।
- पिछले साल सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून 1958 (AFSPA) को असम के 8 जिलों में छह महीने के लिए बढ़ाया था।
- पिछले साल 1 अप्रैल से असम के 9 जिलों और एक जिले के एक सब-डिविजन को छोड़कर शेष पूरे असम राज्य से अफस्पा के अन्तर्गत अशांत क्षेत्रों को हटा लिया गया था।
- 1 अप्रैल 2023 से अशांत क्षेत्रों में और कमी करते हुए इसे मात्र 8 जिलों तक सीमित कर दिया गया था।
कितने राज्यों में लागू है कानून?
दरअसल, आफ्सपा (AFSPA) कानून को समय-समय पर देश के कई राज्यों में लागू किया गया है। इनमें असम, मणिपुर, त्रिपुरा, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, नगालैंड, पंजाब, चंडीगढ़ और जम्मू-कश्मीर शामिल हैं। हालांकि, बाद में कई जगहों से AFSPA को पूरी तरह वापस ले लिया गया। बता दें कि अभी AFSPA कानून जम्मू-कश्मीर, नगालैंड, मणिपुर के कुछ क्षेत्र में लागू है। इसके अलावा असम और अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में भी AFSPA लागू है, जबकि त्रिपुरा, मिजोरम और मेघालय से इसे हटा दिया गया है।
क्या होता है AFSPA?
बता दें कि AFSPA को अशांत इलाकों में लागू किया जाता है। इस कानून के तहत सुरक्षाबलों को एक महत्वपूर्ण ताकत मिलती है। इसके तहत सुरक्षाबलों के पास बिना वारंट के किसी को भी गिरफ्तार करने की ताकत होती है। साथ ही इसके कानून के चलते कई मामलों में बल प्रयोग का भी प्रावधान है। AFSPA को सिर्फ अशांत क्षेत्रों में ही लागू किया जाता है।सुरक्षाबलों को क्या मिले हैं विशेष अधिकार?
- आफ्सपा (AFSPA) कानून सुरक्षा बलों को किसी व्यक्ति को बिना वारंट के गिरफ्तार करने, बिना वारंट के परिसर में प्रवेश करने या तलाशी लेने और अन्य कार्रवाई करने का अधिकार देता है।
- साथ ही AFSPA गोली चलाने की भी अनुमति देता है।
- इसके अलावा सुरक्षाबलों को ये भी अधिकार है कि अगर कोई भी उग्रवादी या उपद्रवी घर में छिपा होता है तो उसे तबाह भी किया जा सकता है।
- इस कानून के तहत कार्रवाई तभी संभव है, जब केंद्र सरकार द्वारा इसे किसी अशांत क्षेत्र में लागू किया हो।
जम्मू-कश्मीर में बढ़ा आतंकवाद तो लागू हुआ AFSPA
बता दें कि पूर्वोत्तर में सुरक्षाबलों की सहायता के लिए 11 सितंबर 1958 को इस कानून को पास किया गया था। हालांकि, जब 1989 में जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद बढ़ा तो यहां कानून-व्यवस्था की स्थिति को संभालने के लिए 1990 में अफस्पा को लागू किया गया था।