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क्या है 'डार्क टूरिज्म' जिसे लेकर केरल पुलिस ने पर्यटकों से लगाई गुहार? वायनाड भूस्खलन से जुड़ा है शब्द

वायनाड में विनाशकारी भूस्खलन के बीच केरल पुलिस ने पर्यटकों को डार्क टूरिज्म को लेकर चेतावनी जारी की है। इसको लेकर पुलिस ने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर पर्यटकों से गुहार लगाई। दरअसल वायनाड में भूस्खलन को हुए पांच दिन बीत जाने के बाद भी बचाव अभियान जारी है। पुलिस नहीं चाहती है कि बचावकर्मियों को अभियान में किसी भी तरह की रूकावट पैदा हो।

By Jagran News Edited By: Abhinav Atrey Updated: Sat, 03 Aug 2024 01:20 PM (IST)
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हादसे में अब तक 344 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। (फाइल फोटो)

डिजिटल डेस्क, वायनाड। वायनाड में विनाशकारी भूस्खलन के बाद चल रहे बचाव प्रयासों के बीच, केरल पुलिस ने पर्यटकों को 'डार्क टूरिज्म' को लेकर चेतावनी जारी की है। पुलिस ने सोशल मीडिया पर पर्यटकों से गुहार लगाते हुए कहा कि वे भूस्खलन प्रभावित इलाकों में न आएं, क्योंकि इससे बचाव कार्य में परेशानी आ सकती है।

केरल पुलिस विभाग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर चेतावनी देते हुए लिखा, "कृपया आपदाग्रस्त इलाकों में घूमने न जाएं। इससे बचाव कार्य प्रभावित होगा।"

डार्क टूरिज्म क्या है?

डार्क टूरिज्म का मतलब मौत और त्रासदी से जुड़ी जगहों पर घूमने के लिए जाना होता है। यानी कि जब लोग किसी हादसे या घटना वाली जगह पर धूमने के लिए जाते हैं तो उसे डार्क टूरिज्म कहा जाता है।

— Kerala Police (@TheKeralaPolice) July 30, 2024

साल 1996 में ईजाद किया गया था डार्क टूरिज्म शब्द

पिना ट्रैवल्स ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि डार्क टूरिज्म शब्द साल 1996 में ग्लासगो कैलेडोनियन यूनिवर्सिटी के जे. जॉन लेनन और मैल्कम फोले ने ईजाद किया था। यह शब्द किसी दुख या आपदा से पहचाने गए स्थानों की लोगों द्वारा यात्रा को दर्शाता है। इन धूमने वाली जगहों में अत्याचार, प्राकृतिक आपदाएं, नरसंहार या कुख्यात मौतों के स्थान शामिल होते हैं।

केरल पुलिस ने लोगों से सहयोग करने और आपदाग्रस्त क्षेत्रों में जाने से बचने का आग्रह किया है ताकि बचाव और राहत कार्यों की सुचारू तौर से किया जा सके।

पांच दिन बीत जाने के बाद भी बचाव अभियान जारी

वायनाड में भूस्खलन को हुए पांच दिन बीत जाने के बाद भी तेजी से बचाव अभियान किया जा रहा है। 1300 से अधिक बचावकर्मी भारी मशीनों और अत्याधुनिक उपकरणों के साथ में मलबे में दबे लोगों की तलाश करते रहे।

हादसे में अब तक 344 से अधिक लोगों की मौत

इस हादसे में अब तक 344 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें सैकड़ों लोगों के अभी भी लापता होने की संभावना है, जिससे मरने वालों का आंकड़ा बढ़ सकता है।

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