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Defamation Case In India : मानहानि क्या है, किन बड़े दिग्गजों पर दायर हो चुका है मानहानि का मुकदमा

भारत में किसी के नाम और उसके सम्मान के साथ खिलवाड़ ना हो इसके लिए एक सख्त कानून है। जी हां भारतीय कानून में व्यक्ति की प्रतिष्ठा की सुरक्षा के प्रावधान बनाए गए हैं। इसके तहत आप अपने सम्मान की रक्षा के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकते हैं।

By Ashisha Singh RajputEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Wed, 12 Apr 2023 09:48 PM (IST)
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इस लेख में आप विस्तार से जान सकते हैं कि किस तरह आप अपने सम्मान की लड़ाई लड़ सकते हैं-
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। हर किसी की चाहत होती है कि वो जीवन में बड़ा नाम कमाए। लोगों को नाम कमाने में लंबा वक्त लगता है। वो जीवन में अपनी प्रतिष्ठा के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। अक्सर जब कुछ लोग ऊपर उठते हैं तो बहुत सारे लोग उन्हें नीचे खींचने का प्रयास करते हैं। ये लोग सबसे पहले व्यक्ति की प्रतिष्ठा पर कीचड़ उछालने का काम करते हैं। वहीं, कई बार कुछ सज्जन लोग बुरे व्यक्तियों की दुर्भावना का शिकार हो जाते हैं।

हमारे देश में किसी के नाम और उसके सम्मान के साथ खिलवाड़ ना हो इसके लिए एक सख्त कानून है। जी हां भारतीय कानून में व्यक्ति की प्रतिष्ठा की सुरक्षा के प्रावधान बनाए गए हैं। इसके तहत आप अपने सम्मान की रक्षा के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकते हैं। यही नहीं आपके सही साबित होने पर आप उस व्यक्ति को सजा दिलवा सकते हैं, जिसने आपके खिलाफ झूठी या अपमानजनक टिप्पणी की है।

इस लेख में आप विस्तार से जान सकते हैं कि किस तरह आप अपने सम्मान की लड़ाई लड़ सकते हैं,इसकी क्या प्रक्रिया होती है,‌ साथ ही अब तक किन बड़े दिग्गजों पर मानहानि का मामला दर्ज हुआ है और कितनों को सजा मिली है।‌

क्या है मानहानि?

मानहानि का अर्थ होता है किसी के मान का हनन करना। किसी के लिए जानबूझकर गलत बातें फैलाना, चाहे वो लिखित हो या बोल कर कही गई हो। इससे किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा सकता है या समाज में व्यक्ति के सम्मान या फिर विश्वास को कम कर सकता है। इसे सरल शब्दों में किसी को 'बदनाम' करना भी कहा जा सकता है। किसी के बारे में अनावश्यक या किसी गलत लक्ष्य के साथ कही गई झूठी और बेबुनियाद बातें उक्त व्यक्ति के विरुद्ध अपमानजनक, या शत्रुतापूर्ण या अप्रिय भावना उत्पन्न करता है।

कानूनी भाषा में मानहानि को समझें

मानहानि मामला एक कानूनी प्रक्रिया के अंतर्गत आता है। भारत में किसी के सम्मान को गलत इरादों से भंग करने के खिलाफ कानून बनाया गया है। बता दें कि इंडियन पीनल कोड यानी भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 में व्यक्ति की प्रतिष्ठा की सुरक्षा के प्रावधान हैं। IPC की धारा 499 के अनुसार, किसी के विषय में अपमानजनक टिप्पणी करना, किसी के खिलाफ दुष्प्रचार करना, झूठी बात फैलाना, उसके मान -सम्मान के खिलाफ कुछ लिखना, छापना या छपवाना मानहानि माना जाता है।

मानहानि (Defamation Case) के लिए क्या है कार्रवाई?

मानहानि की कानूनी मामले में कड़ी कार्रवाई की जाती है। इसके तहत भारत का कोई भी ऐसा व्यक्ति जिसकी प्रतिष्ठा या मान-सम्मान की हानि हुई हो वो CR.P.C. की धारा 499 के अंतर्गत उस व्यक्ति के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दायर कर सकता है। आपको बता दें कि मानहानि का मुकदमा केवल एक व्यक्ति पर ही नहीं बल्कि इसमें शामिल अन्य व्यक्तियों या समूह पर दायर किया जा सकता है।

यही नहीं देश का कानून ये भी हक देता है कि अगर किसी व्यक्ति का नाम खराब करने की साजिश में उस व्यक्ति या उसके व्यवसाय को कुछ क्षति या हानि हुई है तो मानहानि का मुकदमा करने वाला व्यक्ति हर्जाने के लिए कोर्ट में अलग से भी केस दाखिल कर सकता है।

क्या है शिकायत करने की प्रक्रिया?

मानहानि का मुकदमा करने के लिए सबसे पहले जरूरी यह जानना है कि इसकी प्रक्रिया क्या होती है और इसे कैसे किया जाता है। आपको बता दें कि मानहानि की शिकायत करने के लिए शिकायतकर्ता को मानहानि करने वाले के खिलाफ वकील के माध्यम से मानहानि संबंधी सभी दस्तावेजों और सबूतों के साथ कोर्ट में लिखित शिकायत दर्ज करनी होती है।

कोर्ट इसे आगे बढ़ाते हुए शिकायतकर्ता के बयान को दर्ज करता है। मामले की गंभीरता को देखते हुए अदालत एक या दो अन्य गवाहों के बयान भी दर्ज करती है। इन बयानों के आधार पर शिकायत सही पाए जाने पर मुकदमा दर्ज होता है और कोर्ट आरोपितों को अदालत में पेश होने के लिए समन जारी करता है।

क्या है मानहानि का मुकदमा दायर करने की फीस?

अब सवाल यह उठता है कि मानहानि का मुकदमा दायर करने के लिए क्या फीस होती है। बता दें कि इसके लिए कोई भारी-भरकम रकम नहीं, बल्कि छोटी-सी राशि देनी होती है। मानहानि का मुकदमा दर्ज करने के लिए अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग फीस निर्धारित है।‌ वहीं, मुकदमे के साथ यदि आप हर्जाने की भी मांग करते हैं तो इसके लिए 5 से 7% अलग से फीस देनी होती है।

दोषी पाए जाने पर क्या है मानहानि के लिए सजा

मानहानि की सजा का प्रावधान धारा 500 CR.P.C. में तय है। इसके तहत मानहानि के लिए दोषी पाए गए व्यक्ति को दो साल के कारावास अथवा जुर्माना या दोनो की सजा भुगतनी पड़ती है। इसके तहत आप अपने अनुसार, मानहानि की राशि‍ क्‍लेम कर सकते हैं। आपको अपने मन अनुसार क्लेम की हुई राशि तभी मिलेगी, जब यह बात सिद्ध होगी कि आपके द्वारा लगाया गया मानहानि का मामला सामने वाले पक्ष पर सही है। साथ ही जुर्माना राशि आरोपी की हैसियत और दोनों पक्षों में हुई बातचीत पर ही निर्भर करेगी।

मानहानि के झूठे मुकदमे से कैसे किया जा सकता है बचाव?

हर सिक्के के दो पहलू होते हैं। ठीक इसी प्रकार मानहानि का मुकदमा जहां एक तरफ अपने सम्मान की एक लड़ाई है। ‌वहीं, दूसरी तरफ कई लोग इसका गलत इस्तेमाल कर सामने वाले व्यक्ति को मुश्किल में डाल देते हैं। इस कानून का कोई भी दुरुपयोग ना कर सके इसके लिए भारतीय कानून में एक और प्रावधान है। ‌

यदि कोई व्यक्ति बदला लेने या फिर गलत इरादों के साथ किसी पर मानहानि का मुकदमा करता है तो ऐसे व्यक्ति के खिलाफ ही अन्य मुकदमा किया जा सकता है। यही नहीं, अपने अपमान और मेंटल हैरेसमेंट के लिए मुआवजे की भी मांग कर सकता है।

राहुल गांधी को मानहानि मामले में दोषी करार दिया गया?

मानहानि का मामला जो हाल ही में सबसे ज्यादा चर्चा में रहा वह कांग्रेस नेता राहुल गांधी का है। राहुल गांधी को 'मोदी सरनेम' पर टिप्पणी को लेकर मानहानि के मामले में दोषी करार दिया गया है। बता दें कि राहुल गांधी के 'इन सारे चोरों का नाम मोदी क्यों है' इस बयान पर सूरत में भाजपा नेता पूर्णेश मोदी ने उनपर मानहानि का केस दर्ज करवाया था। इस मामले में 23 मार्च 2023 को गुजरात की सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी। हालांकि, उन्हें तुरंत जमानत भी मिल गई।

साथ ही कोर्ट ने राहुल पर 15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। जिसके बाद, राहुल की संसद सदस्यता रद कर दी गई। ये सब होने के बाद राहुल गांधी को सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस भी दे दिया गया। हालांकि राहुल गांधी ने मोदी उपनाम संबंधी टिप्पणी को लेकर मानहानि मामले में अपनी दोषसिद्धि पर रोक लगाने का अनुरोध किया।

अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मानहानि का मुकदमा

भाजपा नेता नितिन गडकरी ने आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल के खिलाफ 2014 में मानहानि का मुकदमा दायर किया था। गडकरी ने केजरीवाल पर यह मुकदमा इसलिए लगाया था, क्योंकि 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भ्रष्ट लोगों की सूची पढ़ी थी, जिसमें उन्होंने नितिन गडकरी का भी नाम शामिल किया था।

गडकरी ने इसे अपमानजनक बताते हुए दिल्ली की अदालत में केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा दायर किया था। केजरीवाल ने अपने बचाव में यह कहते हुए जमानत लेने से इनकार कर दिया था वह अपराधी नहीं है। हालांकि बाद में उन्हें ट्रायल कोर्ट द्वारा न्यायिक हिरासत में भी रखा गया था।

अरविंद केजरीवाल ने 2018 में गडकरी से माफी मांग ली, जिसके बाद दोनों ने मानहानि के मामले को बंद करने के लिए अदालत में एक संयुक्त आवेदन दिया।

एक्ट्रेस जैकलीन फर्नांडिज के खिलाफ मामला

एक्ट्रेस और डांसर नोरा फतेही ने एक्ट्रेस जैकलीन फर्नांडिज के खिलाफ 12 दिसंबर को 200 करोड़ रुपये का मानहानि का मुकदमा दायर किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि जैकलीन फर्नांडिज ने दुर्भावनापूर्ण इरादे से झूठे बयान दिए। ईडी (ED) ने दोनों से 200 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ की थी, जिसमें सुकेश चंद्रशेखर मुख्य आरोपी है।

नोरा फतेही ने अपनी दलील में कहा, "जैकलीन फर्नांडिज ने अपने हितों को आगे बढ़ाने के लिए शिकायतकर्ता को आपराधिक रूप से बदनाम करने की कोशिश की, क्योंकि वे दोनों एक ही उद्योग में काम कर रहे हैं और समान पृष्ठभूमि वाले हैं।"

कंगना रनोट पर जावेद अख्तर ने दर्ज कराया मानहानि का मुकदमा

अपने विवादास्पद बयानों के लिए पहचानी जाने वाली बॉलीवुड क्वीन कंगना रनोट पर बॉलीवुड के मशहूर कवि और गीतकार जावेद अख्तर ने 2020 के नवंबर महीने में कंगना के खिलाफ मानहानि मुकदमा दर्ज कराया था।

जावेद ने अपनी शिकायत में एक टीवी इंटरव्यू में अभिनेत्री पर उनके खिलाफ मानहानिकारक बयान देने का गंभीर आरोप लगाया था। अपनी शिकायत में जावेद द्वारा कहा गया था कि इससे उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है। इसके साथ ही जावेद ने यह भी दावा किया था कि जून 2020 में अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की खुदकुशी के बाद बॉलीवुड में एक कटोरी का जिक्र करते हुए कंगना ने एक टीवी इंटरव्यू के दौरान उनका नाम घसीटा था।