बेहद जघन्य अपराध है डिजिटल दुष्कर्म, कुछ साल पहले ही भारत में इसको लेकर बनाया गया कानून; जानें सबकुछ
Digital Physical Assault डिजिटल दुष्कर्म का अर्थ होता है कि किसी के इजाजत के बिना उसके साथ गलत तरह से छेड़छाड़ करना। निर्भया कांड के बाद से दुष्कर्म के कानून में किए गए बदलाव के बाद से इस अपराध के खिलाफ कानून बनाया गया है।
By Shalini KumariEdited By: Shalini KumariUpdated: Sun, 14 May 2023 01:40 PM (IST)
नई दिल्ली, शालिनी कुमारी। आज के समय में महिलाओं के खिलाफ जुर्म बढ़ता जा रहा है। आए दिन अखबारों और समाचार पत्रों में महिलाओं के साथ हुए अपराध की खबरें छाई रहती हैं। कहीं महिलाओं के साथ दुष्कर्म करके उन्हें मरता छोड़ दिया जाता है और कई बार तो यह भी सुनने में आया है कि महिला के साथ दुष्कर्म करने के बाद उसे मौत के घाट उतार दिया जाता है। दुष्कर्म किसी भी महिला की जिंदगी का सबसे डरावना पल होता है।
आपको बता दें दुष्कर्म के श्रेणी में भी कई तरह के अपराध शामिल है। जैसे वैवाहिक दुष्कर्म, सामूहिक दुष्कर्म और डिजिटल दुष्कर्म आदि। आपको बता दें, डिजिटल दुष्कर्म के मामले साफ तौर पर सामने नहीं आते हैं। साथ ही, इसको लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल भी आते हैं, क्योंकि इस शब्द का प्रचलन काफी कम है और खबरों में भी ऐसे मामले काफी कम देखने को मिलते हैं, लेकिन आपको बता दें कि डिजिटल दुष्कर्म किसी भी महिला को अंदर तक झकझोर कर रख देता है।
इस खबर में हम आपको डिजिटल दुष्कर्म के बारे में बताएंगे कि आखिर इसका क्या मतलब होता है, भारत में इसको लेकर क्या नियम-कानून और सजा है।
क्या होता है डिजिटल दुष्कर्म?
डिजिटल दुष्कर्म शब्द सुनकर लोगों के मन में आता है कि किसी महिला के साथ डिजिटल तरीके से दुष्कर्म किया गया हो, जैसे सोशल मीडिया पर उसकी तस्वीर और वीडियो शेयर करना या फोन पर किसी महिला को प्रताड़ित करना।
डिजिटल दुष्कर्म, ऐसा घिनौना अपराध है, जिसमें व्यक्ति के इजाजत के बिना किसी के साथ अप्राकृतिक तरीके से पेनिट्रेशन करना है। अगर कोई शख्स महिला की बिना सहमति के उसके साथ अप्राकृतिक तरीके से पेनिट्रेशन करता है तो ये डिजिटल दुष्कर्म कहलाता है।
कब प्रचलन में आया ये शब्द?
दिल्ली में हुए निर्भया कांड के बाद से डिजिटल दुष्कर्म शब्द प्रचलन में आया है। दरअसल, इसके खिलाफ कानून बनाने के लिए कोर्ट में डिजिटल दुष्कर्म शब्द का इस्तेमाल किया गया था। साल 2012 से पहले डिजिटल दुष्कर्म की जगह छेड़खानी शब्द का इस्तेमाल किया जाता था।
2013 में इसके खिलाफ कानून बनाया गया और फिर इसको सेक्शन 375 और पोक्सो एक्ट की श्रेणी में शामिल कर दिया गया। आमतौर पर कह सकते हैं कि साल 2013 के बाद दुष्कर्म का मतलब सिर्फ संभोग ही नहीं रहा, बल्कि इसमें कई नियम जोड़े जा चुके हैं।