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क्‍या होता है रिक्‍टर स्‍केल, किस तीव्रता पर कितना नुकसान; जानिए कैसे भूकंप से पृथ्‍वी पर आएगी तबाही

Richter Scale भूकंप को रिक्‍टर स्‍केल पर मापा जाता है। अमेरिकी भू-विज्ञानी चार्ल्‍स एफ रिक्‍टर ने इस पद्धति का अविष्‍कार किया था। इसकी गणना आमतौर पर 1 से 10 के बीच में की जाती है। 1 तीव्रता के भूकंप सिर्फ रिक्‍टर स्‍केल पर दर्ज होते हैं।

By TilakrajEdited By: Updated: Wed, 09 Nov 2022 01:28 PM (IST)
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1 तीव्रता के भूकंप सिर्फ रिक्‍टर स्‍केल पर दर्ज होते हैं, लोगों को महसूस नहीं होते।

नई दिल्‍ली, आनलाइन डेस्‍क। नेपाल में मंगलवार की देर रात आए भूकंप (Earthquake in Nepal) के झटके भारत में भी महसूस किए गए। नेपाल में भूकंप की तीव्रता 6.3 थी, लेकिन भारत (Earthquake in India) में ये इतना शक्तिशाली नहीं था। भूकंप की तीव्रता बेहद मायने रखती है, जिसे रिक्‍टर स्‍केल (Earthquake Richter Scale) पर मापा जाता है। नेशनल सेंटर ऑफ सीस्मोलॉजी (एनसीएस) भूकंप की तीव्रता मापने के लिए विशेष यंत्रों का इस्‍तेमाल करता है। आइए आपको बताते हैं कि कितने रिक्‍टर स्‍केल का भूकंप कितना विनाशकारी साबित हो सकता है।

रिक्‍टर स्‍केल क्‍या होता है

अमेरिकी भू-विज्ञानी चार्ल्‍स एफ रिक्‍टर ने सन 1935 में एक ऐसे उपकरण का इजाद किया, जो पृथ्‍वी की सतह पर उठने वाली भूकंपीय तरंगों के वेग को माप सकता था। इस उपकरण के जरिए भूकंपीय तरंगों को आंकड़ों में परिवर्तित किया जा सकता है। रिक्‍टर स्‍केल आमतौर पर लॉगरिथम के अनुसार कार्य करता है। इसके अनुसार एक संपूर्ण अंक अपने मूल अर्थ के 10 गुना अर्थ में व्‍यक्‍त होता है। रिक्‍टर स्‍केल में 10 अधिकतम वेग को दर्शाता है।

0-1.9 रिक्‍टर स्‍केल

जब कभी किसी भूकंप की तीव्रता रिक्‍टर स्‍केल पर 0 से 1.9 होती है, तो सिर्फ सीज्‍मोग्राफ पर ही ये दर्ज होता है। आमलोगों को यह बिल्‍कुल भी महसूस नहीं होता है। इसलिए बहुत कम सुनने को मिलता है कि फलां जगह 0 से 1.9 तीव्रता का भूकंप आया। दुनियाभर में प्रतिवर्ष ऐसे 10 हजार से ज्‍यादा भूकंप दर्ज किए जाते हैं।

2-2.9 रिक्‍टर स्‍केल

रिक्‍टर स्‍केल पर जब 2 से 2.9 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया जाता है, तब लोगों को बेहद हल्‍का कंपन महसूस होता है। हालांकि, इन भूकंप के झटको में इतनी क्षमता नहीं होती कि जानमाल का कोई नुकसान कर सकें।

3-3.9 रिक्‍टर स्‍केल

अगर कहीं 3-3.9 तीव्रता का भूकंप आता है, तो वहां लोगों को हल्‍के झटके महसूस होते हैं। ये झटके ऐसे होते हैं, जैसे कोई बड़ी गाड़ी बस या ट्रक आपके नजदीक से गुजरी हो। हालांकि, इस दौरान भी जानमाल का नुकसान नहीं होता है।

4-4.9 रिक्‍टर स्‍केल

4-4.9 रिक्‍टर स्‍केल के भूकंप में इमारतों को नुकसान हो सकता है। इस तीव्रता के भूकंप के दौरान हल्‍के से कुछ तेज झटके महसूस होते हैं। इस दौरान दीवार पर टंगी तस्‍वीरें गिर सकती हैं। यहां तक कि इमारत की खिड़कियां भी टूट सकती हैं। इसलिए लोगों को सर्तक रहने की सलाह दी जाती है।

5-5.9 रिक्‍टर स्‍केल

भूकंप का वेग जब रिक्‍टर स्‍केल पर 5 से 5.9 के बीच होता है, तब काफी नुकसान हो सकता है। इस दौरान घर में रखी भारी वस्‍तुएं जैसे फर्नीचर आदि हिलने लगता है। कमजोर इमारतों को इस दौरान काफी दीवारों में दरारें भी इस दौरान आ सकती है।

6-6.9 रिक्‍टर स्‍केल

अगर 6-6.9 तीव्रता का भूकंप आता है, तो तेज कंपन महसूस होता है। इस तरह के भूकंप पूरे शहर में प्रभाव दिखा सकते हैं। कच्‍चे घर इस दौरान ढह सकते हैं और कई इमारतों की भी नींव दरक सकती हैं। आमतौर पर दुनियाभर में प्रतिवर्ष ऐसे अधिकतम 200 भूकंप आते हैं।

7-7.9 रिक्‍टर स्‍केल

जब 7-7.9 रिक्‍टर स्‍केल का भूकंप आता है, तब बहुत तीव्र कंपन महसूस होता है। इसे विनाशकारी भूकंप कहा जा सकता है, जिसमें जानमाल का काफी नुकसान होता है। इस दौरान इमारतें गिर सकती हैं। सुनामी की आशंका भी इस दौरान जताई जाती है। गुजरात के भुज और नेपाल में भी इसी तीव्रता का भूकंप आया था।

8-8.9 रिक्‍टर स्‍केल

इस दौरान पृथ्‍वी की सतह इतनी तेज गति से हिलती है कि बड़े-बड़े पुल भी ढह सकते हैं। सुनामी आ सकती है। ऐसे में जानमाल का भारी नुकसान हो सकता है। ऐसे भूकंप शहर के शहर तबाह कर देते हैं।

9-9.9 रिक्‍टर स्‍केल

अगर 9-9.9 तीव्रता का भूकंप आता है, तो पृथ्‍वी के बड़े हिस्‍से का नाश हो जाएगा। इस दौरान मैदानी घरती किसी खेत की तरह लहराती नजर आ सकती है। ऐसे प्रलय की सिर्फ कल्‍पना ही की जा सकती है।

10 रिक्‍टर स्‍केल

रिक्‍टर स्‍केल पर 10 तीव्रता का भूकंप ऐतिहासिक होगा, जिसकी कल्‍पना भी नहीं की जा सकती है। ऐसा भूकंप आने के बाद शायद ही कोई धरती पर जिंदा बचे।

गौरतलब है कि भारत में जनवरी से सिंतबर तक बीते 9 महीनों में 948 बार भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं। इनमें 240 ऐसे भूकंप के झटके महसूस किए गए, जो 4 तीव्रता से ज्‍यादा थे। बीती रात को नेपाल में आए भूकंप के झटको की तीव्रता भी 4 से अधिक थी। इसके अलावा भारत 5 से 5.9 तीव्रता के 14 भूकंप और 4 से लेकर 4.9 तक के 224 भूकंप आए। नेपाल में इससे पहले 2015 में आए विनाशकारी भूकंप में 10 हजार से ज्‍यादा लोगों की मौत हो गई थी।

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