ISRO का 'नॉटी बॉय' रचेगा इतिहास, INSAT-3D सैटेलाइट की लॉन्चिंग आज; पढ़ें कैसे करेगा काम और क्या है खासियत
ISRO INSAT-3DS Mission मौसम संबंधी उपग्रह इनसेट-3डीएस (INSAT-3DS ) के प्रक्षेपण की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) आज श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से मौसम संबंधी उपग्रह INSAT-3DS लॉन्च करेगा। इसे शाम 5.30 बजे लॉन्च किया जाएगा। बता दें कि इनसेट-3डीएस भूस्थैतिक कक्षा में स्थापित किए जाने वाले तीसरी पीढ़ी के मौसम उपग्रह का मिशन है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ISRO INSAT-3DS Mission: मौसम संबंधी उपग्रह इनसेट-3डीएस (INSAT-3DS ) के प्रक्षेपण की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) आज श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से मौसम संबंधी उपग्रह INSAT-3DS लॉन्च करेगा। इसे शाम 5.30 बजे लॉन्च किया जाएगा।
इसरो ने जानकारी देते हुए बताया कि जियोसिंक्रोनस सेटेलाइट लॉन्च व्हीकल (जीएसएलवी)-एफ14 शनिवार शाम 5:35 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से इनसेट-3डीएस के साथ उड़ान भरेगा।
क्या है INSAT-3DS मिशन?
- इनसेट-3डीएस भूस्थैतिक कक्षा में स्थापित किए जाने वाले तीसरी पीढ़ी के मौसम उपग्रह का मिशन है।
- इसे मौसम का अवलोकन करने, भविष्यवाणी व आपदा चेतावनी के लिए भूमि व महासागर सतहों की निगरानी करने के लिए डिजाइन किया गया है।
- अपने इस 16वें मिशन में GSLV का मकसद INSAT-3DS के मौसम संबंधी उपग्रह को जियोसिंक्रोनस सेटेलाइट ऑर्बिट (GTO) में तैनात करना है।
- इसके बाद कक्षा की निगरानी करने वाला यान यह सुनिश्चित करेगा कि उपग्रह को भू-स्टेशनरी कक्षा में स्थापित किया जाए।
- यह मौसम पूर्वानुमान और आपदा चेतावनी के लिए भूमि और समुद्र सतह की बेहतर मौसम निरीक्षण और निगरानी के लिए डिजाइन किया गया है।
- इस उपग्रह से वर्तमान में संचालित इनसैट-3डी और इनसैट-3डीआर उपग्रहों के साथ मौसम संबंधी सेवाओं में वृद्धि होगी।