क्या होती है JPC और क्यों होता है गठन? जानिए इनके कार्य, अधिकार और शक्तियों से जुड़ी सभी जानकारी
What is Joint Parliamentary Committee केंद्र सरकार ने वक्फ अधिनियम संशोधन विधेयक 2024 की जांच संयुक्त संसदीय समिति (JPC) से कराने की सिफारिश की है । ऐसे में यह समझना अहम है कि आखिर ये समिति होती क्या है और इनका गठन क्यों और कैसे किया जाता है। साथ ही जानिए इनके कार्य अधिकार शक्तियां एवं इससे जुड़ी सभी अहम जानकारियां।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। What is Joint Parliamentary Committee: केंद्र सरकार ने गुरुवार को लोकसभा में वक्फ अधिनियम संशोधन विधेयक 2024 (Waqf Amendment Bill) पेश किया। हालांकि, विपक्ष के विरोध के बाद इसे संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजने का निर्णय लिया गया है। विपक्षी दलों की आपत्ति के बाद केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री किरेन रिजिजू ने इसे संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजने का प्रस्ताव रखा।
इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि वह सभी दलों के नेताओं से बात करके संयुक्त संसदीय समिति का गठन करेंगे। ऐसे में यह जानना अहम है कि आखिर संयुक्त संसदीय समिति होती क्या है और इसका गठन कब और कैसे किया जाता है एवं इसके कार्य और शक्तियां क्या हैं। जानिए इससे जुड़े सभी अहम सवालों के जवाब।
क्या होती है संसदीय समिति?
संसद में विधायी समेत अन्य मामलों के बहुत सारे कामकाज होते हैं। सभी मामलों पर पर गहराई से विचार करना संभव नहीं होता है, ऐसे में कई कार्यों को करने के लिए विशेष समितियों का गठन किया जाता है। अलग-अलग कार्यों के उद्देश्य से विभिन्न प्रकार की समिति गठित की जा सकती है।अस्थायी एवं स्टैंडिंग कमेटी
संसदीय समितियां मुख्य रूप से दो प्रकार की होती हैं, अस्थायी या एडहॉक और स्टैंडिंग कमेटी। अस्थायी समितियां किसी विशेष उद्देश्य से नियुक्त की जाती हैं और अपना कार्य समाप्त करने के बाद स्वत: समाप्त हो जाती हैं।
संयुक्त संसदीय समिति
- उद्देश्य: भारतीय संसदीय प्रणाली में संयुक्त संसदीय समिति एक शक्तिशाली जांच निकाय है, जिसे कई सारे अधिकार प्राप्त होते हैं। इसमें कई दलों के सदस्य शामिल होते हैं। आमतौर पर किसी बिल के प्रावधानों या किसी मुद्दे या घोटाले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति का गठन किया जाता है।
- संरचना: अस्थायी समितियों में मुख्य रूप से चयन और संयुक्त संसदीय समिति शामिल होती हैं। संयुक्त संसदीय समिति किसी बिल या मुद्दे पर गहन जांच के लिए गठित की जाती है। इसमें राज्यसभा और लोकसभा दोनों सदनों के सदस्य शामिल होते हैं।
- गठन: जेपीसी यानी संयुक्त संसदीय समिति का गठन करने के लिए संसद के एक सदन द्वारा प्रस्ताव पारित किया जाता है और दूसरे सदन से इस पर सहमति ली जाती है। इसके बाद दल अपने सदस्यों का नाम जेपीसी के लिए आगे बढ़ाते हैं।
- सदस्यों की संख्या: संयुक्त संसदीय समिति में सदस्यों की संख्या निश्चित नहीं होती है, लेकिन इसके निर्माण के समय ध्यान रखा जाता है कि अधिक से अधिक पार्टियों के सदस्यों की भागीदारी इसमें हो। आमतौर पर समिति में बहुमत वाले या फिर सबसे बड़े दल के सदस्य सबसे अधिक होते हैं। लोकसभा स्पीकर समिति के अध्यक्ष का चुनाव करते हैं।
- शक्तियां: जेपीसी को जिस उद्देश्य से गठित किया गया है, उससे संबंधित साक्ष्य और तथ्य जुटाने के लिए उसके पास किसी भी व्यक्ति, संस्था या पक्ष को बुलाने और पूछताछ करने का अधिकार होता है। साथ ही मामले से जुड़े किसी भी माध्यम से सबूत जुटाने का हक होता है।
- गोपनीयता: जनहित के मामलों को छोड़कर समिति की कार्यवाही और निष्कर्ष को गोपनीय रखा जाता है। सरकार चाहे तो राज्य या देश की सुरक्षा से जुड़े दस्तावेजों को वापस ले सकती है।
- विघटन: संयुक्त संसदीय समिति के पास किसी भी विषय की जांच के लिए अधिकतम तीन महीने की समय सीमा होती है। जांच रिपोर्ट पेश करने के बाद समिति का अस्तित्व स्वत: ही समाप्त हो जाता है।
- रिपोर्ट: विषय पर रिपोर्ट पेश करने के बाद संयुक्त समिति स्वत: ही समाप्त हो जाती है। समिति की रिपोर्ट पर कार्रवाई करने के लिए सरकार बाध्य नहीं होती है। अगर वह चाहे तो अपने विवेक से रिपोर्ट के आधार पर जांच शुरू करने का फैसला कर सकती है। सरकार को जेपीसी की सिफारिशों के आधार पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट देनी होती है।
- संसद में चर्चा: सरकार के जवाब के आधार पर समितियां संसद में कार्रवाई रिपोर्ट पेश करती हैं। रिपोर्टों पर संसद में चर्चा की जा सकती है और इससे जुड़े सवाल उठाए जा सकते हैं।
किन-किन मामलों में हुई है जांच?
अब तक देश में कई मामलों में जेपीसी की जांच की जा चुकी है। इनमें कुछ हाई-प्रोफाइल मामले निम्नलिखित हैं:-- बोफोर्स घोटाला (1987)
- हर्षद मेहता स्टॉक मार्केट घोटाला (1992)
- केतन पारेख शेयर बाज़ार घोटाला (2001)
- राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी, 2016)
- व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक (2019)
हाल में कब-कब उठी मांग
गुरुवार को केंद्र सरकार ने वक्फ अधिनियम संशोधन विधेयक के विषय पर संयुक्त संसदीय समिति गठित करने की सिफारिश की है। हालिया लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद राहुल गांधी ने शेयर मार्केट में आई गिरावट की जांच जेपीसी से कराने की मांग की थी, जिसे अस्वीकार कर दिया गया था। इससे पहले अदाणी समूह पर लगे आरोपों पर भी विपक्षी पार्टियों ने जेपीसी से जांच कराने की मांग की थी। समय-समय पर विभिन्न मुद्दों को लेकर जेपीसी गठन की मांग की जाती रही है।