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आखिर क्‍या है Love Jihad? इसे रोकने लिए क्‍या है कानून, जानें देश के किन राज्‍यों ने इस पर बनाया कठोर नियम

Love Jihad News जब एक धर्म विशेष को मानने वाला व्‍यक्ति दूसरे धर्म की लड़कियों को प्‍यार के जाल में फंसाकर किसी प्रकार का प्रलोभन देकर या विवाह के जरिए धर्म परिवर्तन करवा देता है तो इस पूरी प्रक्रिया को लव जिहाद कहा जाता है।

By Ramesh MishraEdited By: Updated: Sun, 20 Nov 2022 11:14 AM (IST)
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आखिर क्‍या है Love Jihad ? इसे रोकने लिए क्‍या है कानून।

नई दिल्‍ली, जेएनएन। देश में लव जिहाद (Love Jihad) के मामले सामने आ रहे हैं। लव जिहाद के मुद्दे को श्रीराम सेना के प्रमोद मुथालिक ने उठाया था। लव जिहाद को लेकर बड़े पैमाने पर चर्चा वर्ष 2000 में शुरू हुई, लेकिन आजादी के पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके थे। एक समुदाय विशेष के लोग दूसरे समुदाय की लड़कियों को गलत पहचान बताकर प्यार करते हैं और उसके बाद उन लड़कियों पर अत्याचार करके उनका धर्म परिवर्तन कराया जाता है। ऐसे मामलों को लव जिहाद का नाम दिया गया है। इन मामलों को लेकर कई राज्यों की सरकारों ने कड़े कानून बनाने की पहल की है। इस कड़ी में हम आपको बताएंगे कि आखिर लव जिहाद को रोकने के लिए देश में क्‍या कानून है। देश के किन तीन प्रमुख राज्‍यों ने लव जिहाद को रोकने के लिए कानून बनाया है। इस पर क्‍या है विशेषज्ञों की राय।

लव जिहाद के क्‍या हैं मायने

दरअसल, लव जिहाद (Love Jihad) दो शब्‍दों से मिलकर बना है। इसमें लव अंग्रेजी भाषा का शब्‍द है। इसका मतलब प्‍यार, इश्‍क और मोहब्‍बत होता है। जिहाद अरबी भाषा का शब्‍द है। इसका मतलब धर्म की रक्षा के लिए युद्ध करना होता है। आशय साफ है कि जब एक धर्म विशेष को मानने वाला व्‍यक्ति दूसरे धर्म की लड़कियों को प्‍यार के जाल में फंसाकर किसी प्रकार का प्रलोभन देकर या विवाह के जरिए धर्म परिवर्तन करवा देता है तो इस पूरी प्रक्रिया को लव जिहाद कहा जाता है।

लव जिहाद के लिए क्‍या है कानून

1- उत्‍तर प्रदेश के पूर्व महाधिवक्‍ता व पूर्व सांसद विजय बहादुर सिंह (वरिष्‍ठ अधिवक्‍ता, हाई कोर्ट इलाहाबाद) ने कहा कि यदि दो अलग-अलग धर्मों के लोग विवाह करते हैं तो इस बात की पुष्टि की जाएगी कि यह विवाह प्रलोभन देकर या कपटपूर्ण तरीके से तो नहीं किया गया है। यदि लड़की का धर्म परिवर्तन स‍िर्फ व‍िवाह के लिए किया गया है तो उस शादी को शून्‍य घोषित किया जाएगा। यह अपराध गैर-जमानती होगा। इसकी सुनवाई प्रथम श्रेणी स्‍तर का मजिस्‍ट्रेट ही करेगा। जबरन विवाह के लिए धर्म पर‍िवर्तन के मामले में पांच वर्ष की सजा और 15 हजार रुपये तक का जुर्माना होगा।

2- वरिष्‍ठ अधिवक्‍ता ने कहा कि इसके साथ अनुसूचित जाति और जनजाति या नाबालिग लड़की के जबरन धर्म परिवर्तन के मामले में दो से सात वर्ष तक की सजा और कम से कम 25 हजार रुपये तक का जर्माना का प्रावधान है। यदि मामला सामूहिक धर्म परिवर्तन का है तो इस मामले में अधिकतम दस वर्ष की सजा और 50 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान है। इसके अलावा यदि कोई लड़की अपना धर्म परिवर्तन कर शादी करना चाहती है तो इसके लिए जिला मजिस्‍ट्रेट को एक महीने पहले सूचना देना अनिवार्य होगा। इसके उल्‍लंघन पर छह माह से तीन वर्ष की सजा का प्रावधान है।

3- विजय बहादुर सिंह ने कहा कि हालांकि अभी तक लव जिहाद शब्‍द को कानूनी मान्‍यता नहीं मिली है, परंतु सुप्रीम कोर्ट में यह मान लिया गया है कि लव जिहाद होता है। मुस्लिम युवक हिंदू लड़कियों को अपने प्‍यार के जाल में फंसाकर उनका धर्म परिवर्तन करवाकर लव जिहाद करते हैं। केरल हाई कोर्ट ने 25 मई को हिंदू महिला अखिला अशोकन की शादी को रद कर दिया था। दिसंबर, 2016 में अखिला अशोकन ने एक मुस्लिम युवक से निकाह किया था।

4- लव जिहाद को लेकर भाजपा शासित तीन राज्‍यों में कठोर सजा का प्रावधान है। उत्‍तर प्रदेश, मध्‍य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश ने लव जिहाद को रोकने के लिए कानूनी प्रक्रिया को अपनाया है। -

UP में लव जिहाद पर कानून: कानून के मुताबिक ‘धर्म परिवर्तन के लिए इच्छा संबंधी घोषणापत्र’ जिला मजिस्ट्रेट के पास 60 दिन पहले देना होगा। यदि इसमें कोई दोषी पाया जाता है तो लव जिहाद कानून के तहत गैर जमानती धाराओं में मामला दर्ज करने और 10 साल की कड़ी सजा का प्रावधान है।

MP लव जिहाद पर कानून: मध्‍य प्रदेश में भी यूपी की तरह ही यह नियम 60 दिनों का ही है। इसमें ‘धर्म परिवर्तन के लिए इच्छा संबंधी घोषणापत्र’ जिला मजिस्ट्रेट के पास देना होगा और जांच के बाद ही यह धर्म परिवर्तन और शादी मान्य व वैधानिक होगी। वहां भी दोषियों को गैर जमानती धाराओं में मामला दर्ज करने और दस साल की कड़ी सजा का प्रावधान है।

Himachal Pradesh लव जिहाद पर कानून: हिमाचल प्रदेश में सरकार ने ‘धर्म परिवर्तन के लिए इच्छा संबंधी घोषणापत्र’ जिला मजिस्ट्रेट के पास जमा करने की अवधि तीस दिन रखी है। इन तीस दिनों में जांच कर सुनिश्चित किया जाएगा की यह धर्म परिवर्तन स्व इच्छा से हो रहा है। यदि इसमें कोई दोषी पाया जाता है, तो दोषी को एक से पांच साल तक की कैद हो सकती है।