कभी एक वोट तो कभी बिना वोटिंग गिरी सरकार, अविश्वास प्रस्ताव से क्यों बेफिक्र है BJP; समझें संसद का नंबर गेम
No Confidence Motion अविश्वास प्रस्ताव के जरिए सरकार की परीक्षा होती है कि क्या उसके पास सदन में बहुमत है या नहीं। जब किसी राजनीतिक दल को ऐसा एहसास हो कि सदन में सरकार बहुमत खो सकती है तो अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है। आइए आज समझते हैं कि आखिर कब-कब अविश्वास प्रस्ताव की वजह से सरकार गिरी है।
By Piyush KumarEdited By: Piyush KumarUpdated: Tue, 08 Aug 2023 02:22 PM (IST)
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। विपक्ष की ओर से नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ एक बार फिर अविश्वास प्रस्ताव (No Confidence Motion) लाया गया। मंगलवार से चर्चा की शुरुआत हुई जो तीन दिनों तक चलेगी। आखिरी दिन यानी 10 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रस्ताव का जवाब सदन में देंगे।
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए 12 घंटे का समय तय किया गया है। संसद ने तय किया है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सदस्यों को तकरीबन 6 घंटे 41 मिनट और कांग्रेस पार्टी के लिए करीब एक घंटे 41 मिनट तक का समय तय किया गया है।
कांग्रेस नेता और सांसद गौरव गोगोई द्वारा सदन में यह प्रस्ताव लाया गया है। दरअसल, विपक्ष की मांग की है मणिपुर में जातीय हिंसा (Manipur Violence) और राज्य में महिलाओं के साथ हुए अत्याचार पर पीएम मोदी सदन में चर्चा करें।
क्या है अविश्वास प्रस्ताव?
दरअसल, अविश्वास प्रस्ताव के जरिए सरकार की परीक्षा होती है कि क्या उसके पास सदन में बहुमत है या नहीं। जब किसी राजनीतिक दल को ऐसा एहसास हो कि सदन में सरकार बहुमत खो सकती है तो अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है। गौरतलब है कि संसद का कोई भी सदस्य अविश्वास प्रस्ताव को सदन में पेश कर सकता है। हालांकि, उन्हें कम से कम 50 सांसदों का समर्थन प्राप्त होना चाहिए।
लोकसभा में किसका पलड़ा भारी?
लोकसभा में फिलहाल 539 सांसद सदस्य मौजूद हैं। वर्तमान में लोकसभा में बहुमत का आंकड़ा 270 है। वहीं, अकेले भाजपा के पास फिलहाल 301 सांसद सदस्य मौजूद हैं। वहीं, उनके सहयोगी दल एनडीए के पास 31 सांसद हैं। विपक्षी दल यानी 'इंडिया' के पास 143 सीटें हैं। इसके अलावा, केसीआर की बीआरएस, वाईएस जगन रेड्डी की वाईएसआरसीपी और नवीन पटनायक की बीजेडी जैसी पार्टियों के पास 70 सांसद हैं।नंबर गेम में मोदी सरकार काफी आगे
उम्मीद जताई जा रही है कि मोदी सरकार अविश्वास मत में सफल हो जाएगी। तकरीबन 366 सांसद अब तक मौजूदा सरकार को अपना समर्थन दे चुके हैं।विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' के पास 143 सांसदों की ताकत है। उन्हें बीआरएस के 9 सांसदों का साथ भी मिल सकता है। इंडिया के साथ 152 सांसद खड़े दिखाई दे रहे हैं।