NRC और NPR क्या है, CAA के बाद क्यों चल रही चर्चा; जानिए एनआरसी और एनपीआर के बीच का अंतर
NRC NPR Kya Hai नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (एनआरसी) और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) में काफी अंतर है। एनआरसी का उद्देश्य देश में अवैध रूप से रह रहे नागरिकों की पहचान करना है। एनपीआर का उद्देश्य प्रत्येक सामान्य निवासी का एक व्यापक पहचान डेटाबेस तैयार करना है। एनपीआर का नागरिकता से कोई लेना-देना नहीं है। सभी नागरिकों के लिए एनपीआर में पंजीकरण और सरकार को सही विवरण बताना अनिवार्य है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा 11 मार्च 2024 को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का नोटिफिकेशन जारी किया गया। इसके साथ ही सीएए के नियम देशभर में लागू हो गए। सीएए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन रखी गई है, जहां लोग पोर्टल के माध्यम से सीएए के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। सीएए को लेकर विपक्ष केंद्र सरकार पर हमलावर है।
एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने नागरिकता (संशोधन) कानून को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा और कहा कि देश में धर्म के आधार पर कानून नहीं बनाया जा सकता। सीएए को एनआरसी और एनपीआर के साथ जोड़कर देखने की जरूरत है। भाजपा का मुख्य उद्देश्य देश में एनपीआर और एनआरसी लागू करना है। आइए जानते हैं क्या होता है एनपीआर (राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर) और एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर)।
एनपीआर क्या है? What is NPR Bill Meaning
एनपीआर की फुल फॉर्म राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर है। एनपीआर देश के सामान्य निवासियों की एक सूची है। भारत के प्रत्येक सामान्य निवासी के लिए एनपीआर में पंजीकरण कराना अनिवार्य है। इसमें भारतीय नागरिक और विदेशी नागरिक दोनों शामिल हैं।एनपीआर का उद्देश्य देश के प्रत्येक सामान्य निवासी का डेटाबेस बनाना है। इसे नागरिकता अधिनियम 1955 और नागरिकता (नागरिकों का पंजीकरण और राष्ट्रीय पहचान पत्र जारी करना) नियम 2003 के प्रावधानों के तहत स्थानीय (गांव/उप-नगर), उप-जिला, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जा रहा है।
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के लिए डेटा पहली बार 2010 में भारत सरकार द्वारा एकत्र किया गया था और इसे हर 10 साल में दोहराया जाएगा। इसका उद्देश्य देश के प्रत्येक सामान्य निवासी का एक व्यापक पहचान डेटाबेस बनाना है। डेटाबेस में जनसांख्यिकीय के साथ-साथ बायोमेट्रिक विवरण भी शामिल होंगे। एनपीआर के लिए किसी दस्तावेज की आवश्यकता नहीं होगी क्योंकि जनसंख्या रजिस्ट्रार में डेटा प्रविष्टि के लिए स्व-घोषणा को पर्याप्त माना जाएगा।
सीएए यानी नागरिकता संशोधन अधिनियम पर चल रहे विवाद के बीच लोगों की मन में बहुत विभ्रांति उत्पन्न हो गई है, बहुत से लोग नहीं जान पा रहे हैं कि आखिर यह राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर यानी एनपीआर क्या है और उसे क्यों अपडेट किया जा रहा है? हम आपको समझते हैं कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर क्या है?एनपीआर देश के सभी नागरिकों की जनसंख्या विवरण का डेटा है। सभी नागरिकों के लिए एनपीआर में पंजीकरण और सरकार को सही विवरण बताना अनिवार्य है। भारत में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार के तहत कारगिल समीक्षा समिति ने गैर नागरिकों और नागरिकों के अनिवार्य पंजीकरण सिफारिश को 2001 में स्वीकार किया गया था।
वर्तमान में प्रक्रिया असम को छोड़कर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में की जाएगी। दरअसल केंद्र और राज्य सरकार कल्याणकारी योजनाएं बनती है, लेकिन सरकार को कोई योजना बनाने से पहले यह जानना जरूरी होता है कि जिन लोगों के लिए कोई योजना बनाई जा रही है उन लोगों की संख्या कितनी है? उनकी आर्थिक स्थिति कैसी है? उनकी क्या आवश्यकता है? इत्यादि।
एनपीआर का मूल उद्देश्य क्या है? What is NPR Objective
जनगणना आयोग के अनुसार, एनपीआर का उद्देश्य प्रत्येक सामान्य निवासी का एक व्यापक पहचान डेटाबेस तैयार करना है।एनपीआर में किस तरह का डेटा शामिल किया जाएगा?
- राष्ट्रीयता घोषित व्यक्ति का नाम
- जन्म तिथि
- जन्म स्थान
- मां का नाम
- पिता का नाम
- लिंग
- वैवाहिक स्थिति
- पति का नाम यदि विवाहित है तो
- स्थाई आवासीय पता
- शैक्षिक योग्यता
- व्यवसाय वर्तमान पता पर रहने की अवधि
- सामान्य निवास का पता
- घर के मुखिया से संबंध आदि