क्या है पीएम मोदी का लाइट हाउस प्रोजेक्ट? फ्लैट की कितनी होगी कीमत? जानें-सबकुछ
लाइट हाउस प्रोजेक्ट केंद्रीय शहरी मंत्रालय की महत्वाकांक्षी योजना है जिसके तहत लोगों को स्थानीय जलवायु और इकोलॉजी का ध्यान रखते हुए टिकाऊ आवास प्रदान किए जाते हैं। इस प्रोजेक्ट में खास तकनीक का इस्तेमाल कर सस्ते और मजबूत मकान बनाए जाते हैं।
By Sanjeev TiwariEdited By: Updated: Fri, 01 Jan 2021 07:57 PM (IST)
नई दिल्ली, एजेंसी । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए साल के पहले दिन छह राज्यों में लाइट हाउस प्रोजेक्ट की नींव रखी। उन्होंने ग्लोबल हाउसिंग टेक्नोलॉजी चैलेंज-इंडिया के तहत अगरतला (त्रिपुरा), रांची (झारखंड), लखनऊ (उत्तर प्रदेश), इंदौर (मध्य प्रदेश), राजकोट (गुजरात) और चेन्नई (तमिलनाडु) में लाइट हाउस प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी गई है। आइए जानते हैं क्या है लाइट हाउस प्रोजेक्ट और कितनी होगी इसकी कीमत...
लाइट हाउस प्रोजेक्ट केंद्रीय शहरी मंत्रालय की महत्वाकांक्षी योजना है जिसके तहत लोगों को स्थानीय जलवायु और इकोलॉजी का ध्यान रखते हुए टिकाऊ आवास प्रदान किए जाते हैं। लाइट हाउस प्रोजेक्ट के लिए जिन राज्यों को चुना गया है उनमें त्रिपुरा, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात और तमिलनाडु शामिल हैं। इस प्रोजेक्ट में खास तकनीक का इस्तेमाल कर सस्ते और मजबूत मकान बनाए जाते हैं। इस प्रोजेक्ट में फैक्ट्री से ही बीम-कॉलम और पैनल तैयार कर घर बनाने के स्थान पर लाया जाता है, इसका फायदा ये होता है कि निर्माण की अवधि और लागत कम हो जाती है। इसलिए प्रोजेक्ट में खर्च कम आता है। इस प्रोजेक्ट के तहत बने मकान पूरी तरह से भूकंपरोधी होंगे। इस प्रोजेक्ट के तहत पूरा कारपेट एरिया 34.50 वर्ग मीटर में होगा। इसके तहत 14 मंजिला टावर बनाए जाएंगे। कुल 1,040 फ्लैट तैयार होंगे, हर फ्लैट 415 वर्ग फुट का होगा।
घरों की कीमत कितनी होगी?
जानकारी के मुताबिक, घरों की कीमत 12.59 लाख रुपये है, जिसमें केंद्र और प्रदेश सरकार की तरफ से 7.83 लाख रुपये अनुदान के तौर पर दिए जाएंगे। बाकी 4.76 लाख रुपये लाभार्थियों को देने होंगे। फ्लैट का आवंटन प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अनुसार होगा। नई तकनीक के प्रयोग के कारण निर्माण कार्य करीब एक साल में पूरा हो सकेगा। प्री फैब्रिकेटेड चीजों के प्रयोग से निर्माण ज्यादा टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल होगा। केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने 2017 में GHTC-इंडिया के तहत लाइट हाउस प्रोजेक्ट के लिए छह स्थानों को चुनने के लिए राज्यों व केन्द्रशासित प्रदेशों को कहा था. मंत्रालय ने इसमें सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को प्रोत्साहित किया था. मानकों के मुताबिक, सबसे अधिक मार्क्स पाने वाले 6 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में लाइट हाउस प्रोजेक्ट की शुरुआत करने की घोषणा की गई थी।
In Chennai, America’s and Finland’s precast concrete system will be used. In Ranchi, Germany’s 3-D construction system will be used to construct houses. In Agartala, New Zealand’s steel frame technology is being used to make houses under light house projects : PM @narendramodi pic.twitter.com/mbLW2gzQok
— Prasar Bharati News Services पी.बी.एन.एस. (@PBNS_India) January 1, 2021
ईंट और गारे की दीवारें नहींप्रधानमंत्री ने कहा ये प्रोजेक्ट आधुनिक तकनीक और इनोवेटिव प्रोसेस से बनेगा। इसमें कंस्ट्रक्शन का समय कम होगा और गरीबों के लिए ज्यादा सस्ते और सुविधाजनक घर तैयार होंगे। इन घरों की खासियत बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इंदौर में जो घर बन रहे हैं उनमें ईंट और गारे की दीवारे नहीं होंगी, बल्कि प्री फेबरिकेटेड सैंडविच पैनल सिस्टम इसमें इस्तेमाल किया जाएगा। राजकोट में बनने वाले घर में टनल के जरिए मोनोलिथिक कंक्रीट का इस्तेमाल होगा, फ्रांस की इस तकनीकी से हमें गति मिलेगी और बनने वाला नया ज्यादा आपदा को झेलने में सक्षम होगा।
दीवारों को प्लास्टर और पेंट करने की जरूरत नहींपीएम ने कहा कि इन घरों को बनाने में कम समय लगेगा। ये घर हवादार, आरामदायक और सुरक्षित होंगे। लखनऊ में बनने वाले घर में कनाड़ा की तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, इसमें पहले से दीवारें बनी होंगी, इन दीवारों को प्लास्टर और पेंट करने की भी जरूरत नहीं है। अगरतला में स्टील फ्रेम में तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, इस तकनीक को न्यूजीलैंड से मंगाया गया है। इन घरों को भूकंप का कम से कम खतरा रहेगा।