Delhi Service Bill: विपक्षी हंगामे के बीच लोकसभा में दिल्ली सेवा बिल हुआ पास, पढ़ें क्या है इसके मायने?
Delhi Service Bill दिल्ली सेवा बिल गुरुवार को लोकसभा में पास हो गया। इस बिल को मंगलवार को लोकसभा में लाया गया था। इस बिल को ध्वनिमत से लोकसभा में पारित किया गया। विपक्षी गठबंधन आईएनडीआईए ने एकजुट होकर इस बिल का विरोध किया। वहीं राजग के साथ-साथ बीजद वाईएसआर कांग्रेस और टीडीपी ने इसका समर्थन किया। पढ़ें क्या है इसके मायने?
By Devshanker ChovdharyEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Fri, 04 Aug 2023 02:58 AM (IST)
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Delhi Service Bill: दिल्ली सेवा बिल गुरुवार को लोकसभा में पास हो गया। इस बिल को मंगलवार को लोकसभा में लाया गया था। इस बिल को ध्वनिमत से लोकसभा में पारित किया गया।
विपक्षी गठबंधन आईएनडीआईए ने एकजुट होकर इस बिल का विरोध किया। वहीं, राजग के साथ-साथ बीजद, वाईएसआर कांग्रेस और टीडीपी ने इसका समर्थन किया। दरअसल, इस विधेयक पर दिल्ली सरकार और केंद्र केंद्र सरकार आमने सामने है।
आज संसद में क्या हुआ?
- गुरुवार को लोकसभा में दिल्ली सेवा विधेयक पारित हो गया।
- दिल्ली सेवा विधेयक पर लोकसभा में लंबे समय तक बहस चली।
- लोकसभा में ध्वनि मत से दिल्ली सेवा विधेयक, 2023 पारित हुआ।
किससे जुड़ा है दिल्ली सेवा विधेयक?
- दिल्ली सेवा विधेयक सिविल सेवकों के स्थानांतरण और पोस्टिंग से जुड़ा है।
- विधेयक में राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण के निर्माण की मांग की गई है।
गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज लोकसभा में कहा कि केंद्र के पास केंद्र शासित प्रदेशों पर कानून बनाने की शक्ति है। इसलिए, उसे नियम बनाने का भी अधिकार है। इसके मद्देनजर ये विधेयक लाया गया है।
दिल्ली सेवा बिल पास होने पर क्या बोले सीएम केजरीवाल?
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सेवा विधेयक शहर के लोगों को गुलाम बनाने के लिए लाया जा रहा है। उन्होंने अमित शाह पर भी निशाना साधा और कहा कि उनके पास सेवा विधेयक का समर्थन करने के लिए एक भी वैध तर्क नहीं है।
दिल्ली से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था?
- सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई को पुलिस, सार्वजनिक सुरक्षा और भूमि को छोड़कर सभी सेवाओं पर दिल्ली के निर्वाचित सरकार को अधिकार दे दिया था।
- सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने ये आदेश दिया था।
- सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले दिल्ली सरकार के अधिकारियों के तबादलों पर उपराज्यपाल का निर्णय अंतिम होता था।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद क्या हुआ?
- केंद्र सरकार ने 19 मई को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (संशोधन) अध्यादेश जारी किया।
- इसमें राष्ट्रीय राजधानी के प्रशासन में सेवाओं पर उपराज्यपाल की शक्तियों का विस्तार किया गया।
दिल्ली से जुड़ा क्या था केंद्र का अध्यादेश?
- केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण बनाने के लिए एक अध्यादेश जारी किया।
- इसके तहत दिल्ली में तैनात नौकरशाहों को स्थानांतरित करने और नियुक्त करने की शक्ति होगी।
राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण का क्या होगा काम?
- दिल्ली के मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाले प्राधिकरण में मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव शामिल होंगे।
- इसके द्वारा तय किए जाने वाले सभी मामले सदस्यों के बहुमत से पास होंगे।