लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा चुनावों में क्या है अंतर? यहां जानिए Elections से जुड़े हर सवाल और इसकी प्रक्रिया
Difference Between Loksabha Rajyasbha And Vidhansbha Election भारतीय लोकतंत्र की चुनाव प्रक्रिया के अलग- अलग स्तर हैं इसके कई आयाम और मायने हैं। संविधान में पूरे देश के लिए एक लोकसभा तथा राज्यों के लिए अलग विधानसभा का प्रावधान है। लोकसभा की कुल 543 सीटों में से विभिन्न राज्यों से अलग-अलग संख्या में जनता के प्रतिनिधि चुने जाते हैं।
भारतीय लोकतंत्र में चुनाव प्रक्रिया
भारत में संसदीय प्रणाली
भारत में एक संसदीय प्रणाली है, जिसमें जन प्रतिनिधियों की शक्तियों को केंद्र सरकार और राज्यों के बीच वितरित किया जाता है। इस क्रम में राष्ट्रपति देश का प्रमुख मुखिया और सभी रक्षा बलों का सर्वोच्च कमांडर-इन-चीफ होता है। वहीं, प्रधानमंत्री लोकसभा के राष्ट्रीय चुनावों में बहुमत प्राप्त राजनीतिक गठबंधन की पार्टी का नेता होता है। वह देश का प्रधानमंत्री भारत सरकार की कार्यकारी शाखा का प्रमुख नेता होता है।लोकसभा चुनाव
- लोकसभा को हाउस ऑफ पीपल (लोअर हाउस) भी कहा जाता है।
- लोक सभा जनता के प्रतिनिधियों से बनी होती है।
- लोकसभा का उम्मीदवार देश की जनता द्वारा चुना जाता है।
- लोकसभा में कुल 552 सीट होती है।
- लोकसभा में राज्यों का प्रतिनिधित्व करने के लिए 530 सदस्य और केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करने के लिए 20 सदस्य शामिल हो सकते हैं।
- लोकसभा सदस्य बनने के लिए 25 वर्ष से अधिक आयु होना चाहिए। इसके साथ ही व्यक्ति का भारतीय नागरिक होना जरूरी है।
- लोकसभा सदस्यों का कार्यकाल पांच साल के लिए होता हैं। लेकिन प्रधानमंत्री की सलाह पर उसे राष्ट्रपति पहले भी भंग कर सकता है।
- लोकसभा को असामान्य स्थिति या अन्य बड़े कारणों के चलते भंग भी किया जा सकता है।
- लोकसभा का काम कानून बनाना, कानून में संशोधन करना , मंत्रिपरिषद के कामों पर अपना नियंत्रण रखना और जनता पर कर लगाने और खर्च करने का निर्णय लेना होता है।
राज्यसभा
- राज्यसभा को काउंसिल ऑफ स्टेट्स (अपर हाउस) भी कहा जाता है।
- राज्यसभा के उम्मीदवार MLA (Member Of Lagislative Assembly) द्वारा चुने जाते हैं और इसका चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से किया जाता है।
- राज्यसभा में कुल 250 सीट हैं, जिसमें 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा नामित किए जाते हैं।
- राज्यसभा के चुनाव में सभी विधानसभाओं के विधायक हिस्सा लेते हैं। हालांकि इसमें विधान परिषद के सदस्य वोट नहीं कर सकते।
- राज्यसभा एक स्थाई सदन है और इसे भंग नहीं किया जा सकता है।
- राज्यसभा के सदस्यों का कार्यकाल 6 साल का होता है, इसमें हर दो साल पर एक तिहाई सदस्य रिटायर हो जाते हैं, जिस वजह से हर दो साल पर चुनाव होता है।
राज्य विधानसभा या विधानसभा चुनाव
- राज्य विधान सभा के सदस्य सीधे वोट द्वारा चुने जाते हैं।
- उम्मीदवार को उन उम्मीदवारों में से चुना जाता है जो अपने संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव लड़ते हैं।
- प्रत्येक युवा उम्मीदवार अपने संबंधित निर्वाचन क्षेत्र में मतदान कर सकता है।
- राज्य विधान सभा चुनाव जीतने वाले उम्मीदवार को विधान सभा सदस्य (एमएलए) के रूप में जाना जाता है।
- एक विधायक पांच साल तक या राज्यपाल द्वारा निकाय को भंग किए जाने तक पद पर बना रहता है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
राष्ट्रपति अपने पद पर प्रवेश करने की तारीख से पांच वर्ष की अवधि तक अपने पद पर बने रह सकते हैं।
देश के लोकतंत्र का संसद (Parliament) एक महत्वपूर्ण अंग है। केंद्र स्तर पर संविधान द्वारा स्थापित विधायिका को संसद कहा जाता है। यह भारत का सर्वोच्च विधायी अथॉरिटी है। भारत की संसद में राष्ट्रपति के साथ दो अन्य सदन होते हैं, जो लोक सभा (हाउस ऑफ पीपल) और राज्य सभा (कांसिल ऑफ स्टेट्स) में विभाजित हैं। भारतीय संविधान के पांचवें भाग के अनुच्छेद (Article) 79 से 122 में संसद के गठन, इसकी संरचना, अवधि, अधिकारियों, प्रक्रिया, विशेषाधिकार सहित अन्य अधिकारों के बारे में बताया गया है। देश का कोई भी विधेयक (b
विधानसभा के सदस्य MLA को विधायक या Member Of Legislative Assembly भी कहते हैं। विधायक एक जनप्रतिनिधि होता है, जिसे क्षेत्रीय लोगो के द्वारा विधानसभा चुनाव के जरिये चुना जाता है। एक विधायक जनता द्वारा 5 साल के लिए चुना जाता है, जिसका काम अपने क्षेत्र के विकास व जनता के मुद्दों को State Assembly में रखना होता है। प्रत्येक राज्य के MLA को 'विधायक निधि' से वेतन दिया जाता है। MLA के लिए उम्मीदवार की आयु 25 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए। एक MLA उमीदवार व्यक्ति को अपने राज्य का मतदाता होना आवश्यक है।
देश के प्रत्येक राज्य को अलग-अलग क्षेत्रों या निर्वाचन क्षेत्रों में विभाजित किया गया है। जैसे - हिमाचल प्रदेश राज्य 68 विधानसभा क्षेत्रों में विभाजित है। प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र से, लोग एक प्रतिनिधि चुनते हैं, जो फिर विधान सभा का सदस्य (MLA) बनता है।