जब इंदिरा गांधी की वजह से देश के मुख्य न्यायाधीश नहीं बन पाए थे CJI संजीव खन्ना के चाचा, पढ़ें क्या है पूरा मामला
CJI Sanjiv Khanna जस्टिस संजीव खन्ना ने सोमवार को भारत के नए मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। उनके पिता दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश एवं चाचा सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश रह चुके हैं। उनके चाचा सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस भी बनते लेकिन तत्कालीन इंदिरा सरकार ने ऐसा नहीं होने दिया। जानिए क्या थी इसके पीछे की मुख्य वजह।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जस्टिस संजीव खन्ना भारत के नए प्रधान न्यायाधीश बन गए हैं। सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। सीजेआई के रूप में जस्टिस खन्ना का कार्यकाल करीब छह महीने का होगा। वह 13 मई, 2025 को सेवानिवृत होंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सहित अनेक महत्वपूर्ण हस्तियों ने उन्हें बधाई दी। वह दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस देव राज खन्ना के पुत्र और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस हंसराज (एचआर) खन्ना के भतीजे हैं।
इंदिरा सरकार ने नहीं बनने दिया था सीजेआई
जस्टिस एचआर खन्ना भी वरिष्ठता के मुताबिक भारत के प्रधान न्यायाधीश बनते, लेकिन तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार ने उन्हें प्रधान न्यायाधीश नियुक्ति नहीं किया था और उनसे जूनियर न्यायाधीश एमएच बेग को भारत का सीजेआई बना दिया था। इसके विरोध में जस्टिस एचआर खन्ना ने 1977 में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश पद से इस्तीफा दे दिया था।जस्टिस खन्ना भारत के 51वें प्रधान न्यायाधीश हैं। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के 10 नवंबर को सेवानिवृत होने के बाद जस्टिस खन्ना ने नए प्रधान न्यायाधीश के रूप में पदभार संभाला है। जस्टिस खन्ना 18 जनवरी 2019 को दिल्ली हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश प्रोन्नत हुए थे।
जिला अदालत से शुरू की वकालत
14 मई 1960 को जन्में जस्टिस संजीव खन्ना 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में पंजीकृत हुए और शुरुआती वकालत दिल्ली की तीस हजारी जिला अदालत से शुरू की। बाद में दिल्ली हाई कोर्ट और ट्रिब्यूनल्स में भी विभिन्न कानूनी मुद्दों और संवैधानिक सवालों, टैक्स से जुड़े मसलों पर वकालत की।
जस्टिस संजीव खन्ना 2005 में दिल्ली हाई कोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त हुए और 2006 में हाई कोर्ट के स्थायी जज बने। वह 18 जनवरी 2019 को सुप्रीम कोर्ट में प्रोन्नत हुए। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के तौर पर जस्टिस संजीव खन्ना ने कई ऐतिहासिक फैसले दिए।