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दिल्ली-NCR में खुलने वाले हैं स्कूल? सुप्रीम कोर्ट ने ऑनलाइन पढ़ाई और मिड-डे मील को लेकर जताई चिंता

When Delhi schools will open सुप्रीम कोर्ट ने ऑनलाइन पढ़ाई की सुविधा न होने के चलते कुछ बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होने और स्कूल बंद होने के कारण मिड-डे मील से वंचित हो रहे बच्चों की स्थिति को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) से स्कूलों को खोलने पर विचार करने को कहा है। कोर्ट ने कई और सुझाव भी दिए हैं।

By Jagran News Edited By: Mahen Khanna Updated: Tue, 26 Nov 2024 12:48 AM (IST)
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When Delhi schools will open स्कूलों को खुलने पर सुप्रीम कोर्ट ने दिया सुझाव। (फोटो- जागरण)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। When Delhi schools will open सुप्रीम कोर्ट ने ऑनलाइन पढ़ाई की सुविधा नहीं होने के चलते कुछ बच्चों की प्रभावित हो रही पढ़ाई और स्कूल बंद होने के कारण मिड-डे मील से वंचित हो रहे बच्चों की स्थिति को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) से स्कूलों को खोलने पर विचार करने को कहा है।

कोर्ट ने आयोग पर छोड़ा निर्णय

स्थिति का आकलन करते हुए स्कूल खोलने या नहीं खोलने का निर्णय कोर्ट ने आयोग पर छोड़ा है। इसके अलावा शीर्ष अदालत ने एनसीआर के सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि जब तक निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध है तब तक वे श्रमिक कल्याण के लिए एकत्र किए गए लेबर सेस से श्रमिकों को साप्ताहिक भत्ता दें जिससे उनका गुजारा हो।

राज्य सरकारों को सभी आदेशों का करना होगा पालन

कोर्ट ने राज्य सरकारों को तत्काल प्रभाव से आदेश का पालन करने का निर्देश दिया है। ये निर्देश जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस अगस्टीन जार्ज मसीह की पीठ ने दिल्ली में वायु प्रदूषण के मुद्दे पर सुनवाई के दौरान सोमवार को दिए।

कोर्ट ने कहा कि प्रदूषण स्तर बढ़ने से लागू किए गए ग्रेड चार के प्रतिबंधों के चलते सामाज के विभिन्न वर्ग के लोग प्रभावित हो रहे हैं और परेशानी झेल रहे हैं।

श्रमिक वर्ग न हो परेशान

शीर्ष अदालत ने कहा कि आयोग के पास सीएक्यूएम एक्ट, 2021 की धारा 12(1) के तहत विभिन्न अथारिटीज को निर्देश जारी करने की शक्ति है जिससे श्रमिक वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए उपाय करना सुनिश्चित हो और वे परेशान न हों। कोर्ट ने आयोग को निर्देश दिया कि वह जरूरी उपाय करने के लिए इस संबंध में धारा-12 के तहत तत्काल निर्देश जारी करने पर विचार करे।

सुनवाई के दौरान आयोग की ओर से पेश एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने कोर्ट को चार्ट पेश कर बताया कि दिल्ली में 20 नवंबर से लेकर 24 नवंबर के बीच वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) 318 से लेकर 419 तक रहा। कोर्ट ने आयोग को अगली सुनवाई पर अपडेटेडेड चार्ट पेश करने को कहा ताकि कोर्ट अगली सुनवाई पर ग्रेप-चार के प्रतिबंध जारी रखने पर विचार कर सके।

ऑनलाइन पढ़ाई और मिड डे मील पर जताई चिंता

सुनवाई के दौरान जब कोर्ट को बताया गया कि दिल्ली में प्रदूषण स्तर बढ़ने से ग्रेप-चार के प्रतिबंध लागू हो गए हैं जिसके कारण स्कूल-कालेज बंद हैं। स्कूल-कालेज बंद होने से ऐसे बच्चे शिक्षा से वंचित हो रहे हैं जिनके पास ऑनलाइन पढ़ाई के साधन नहीं हैं या जिन स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई के साधन नहीं हैं। साथ ही स्कूलों और आंगनवाडि़यों के बंद होने से बच्चे मिड-डे मील से भी वंचित हो रहे हैं।

इन पहलुओं पर विचार करते हुए कोर्ट ने आयोग को निर्देश दिया कि वह कुछ ऐसे वर्गों को छूट देने पर विचार करे।

छूट देने पर क्या बोला कोर्ट?

  • कोर्ट ने कहा कि आयोग तीन श्रेणियों को छूट देने पर विचार करें।
  • जिसमें पहला तो बड़ी संख्या में ऐसे छात्र हैं जो स्कूल और आंगनवाड़ी बंद होने से मिड-डे मील से वंचित हो गए हैं।
  • दूसरे बड़ी संख्या में ऐसे बच्चे हैं जिनके पास ऑनलाइन पढ़ाई के साधन नहीं हैं, बहुत से स्कूलों के पास ऑनलाइन क्लास के साधन नहीं हैं ऐसे में उन बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
  • कोर्ट ने तीसरी श्रेणी की बात करते हुए कहा कि बहुत से छात्र ऐसे हैं जिनके घर पर एयर प्यूरीफायर नहीं हैं, ऐसे में उन लोगों को कोई अंतर नहीं पड़ता कि वे स्कूल जाएं या घर में रहें। शीर्ष अदालत ने कहा कि आयोग इस संबंध में तत्काल उचित निर्णय ले।
  • इसके अलावा कोर्ट ने आयोग को दसवीं और बारहवीं कक्षाओं की स्कूलों में पढ़ाई शुरू करने पर भी निर्णय लेने की छूट दी है।

ग्रेप-चार के प्रतिबंधों में छूट अभी नहीं

कोर्ट ने ग्रेप-चार के प्रतिबंधों में छूट पर कहा कि जब तक कोर्ट संतुष्ट नहीं हो जाता कि प्रदूषण के स्तर में लगातार कमी आ रही है तब तक कोर्ट आयोग को दूसरी और तीसरी श्रेणी में जाने की इजाजत नहीं देगा।

दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई के दिए निर्देश

ग्रेप-चार के प्रतिबंध लागू होने पर दिल्ली में ट्रकों का प्रवेश रोकने के लिए दिल्ली के पुलिसकर्मियों की तैनाती में ढिलाई पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि कुछ ही एंट्री प्वाइंट पर पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई, वे भी बिना किसी निर्देश के।

कोर्ट ने कहा कि कोर्ट कमिश्नर्स की रिपोर्ट देखने से पता चलता है कि वास्तविकता में तो कोर्ट के 22 नवंबर के आदेश के बाद पुलिस की तैनाती की गई। यह गंभीर चूक है। कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को निर्देश दिया है कि वह दोषी अधिकारियों के खिलाफ तत्काल सीएक्यूएम एक्ट, 2021 की धारा-14 के तहत कार्रवाई शुरू करें।