दिल जीत लेगी रतन टाटा की सादगी: खुद के होटल में किया था नाश्ता, पहचान तक नहीं बताई; जब किया भुगतान तो सब हैरान
दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा परोपकार की मिसाल थे। बुधवार की रात उन्होंने 86 साल की उम्र में मुंबई स्थित ब्रीच कैंडी अस्पताल में आखिरी सांस ली। कोरोना महामारी में 1500 करोड़ रुपये दान करने वाले रतन टाटा स्वभाव से बेहद विनम्र थे। वे आज हमारे बीच नहीं हैं। मगर उनकी सादगी भरे तमाम किस्से लोग साझा कर रहे हैं। आइए पढ़ते हैं उनसे जुड़ा एक ऐसा ही किस्सा।
आईएएनएस, तिरुवनन्तपुरम। देश के प्रतिष्ठित उद्योगपति रतन टाटा का जीवन बेहद सादगी भरा रहा। वे अपने होटल में अपनी पहचान बताए बिना रुकते थे। यहां तक की पूरा बिल का भुगतान भी करते थे। दिवंगत उद्योगपति रतन टाटा ने जुड़ा बेहद दिलचस्प किस्सा साझा किया है आईबीएस सॉफ्टवेयर के कार्यकारी अध्यक्ष वीके मैथ्यूज ने। मैथ्यूज ग्रुप ऑफ टेक्नोलॉजी कंपनीज के अध्यक्ष भी हैं।
विनम्रता खूब पसंद आई
वीके मैथ्यूज ने रतन टाटा से जुड़े कुछ संस्मरणों को याद किया। उन्होंने टाटा संस के मानद चेयरमैन और टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। मैथ्यूज ने बताते हैं कि मुझे उनकी विनम्रता सबसे ज्यादा पसंद आई। गंभीर पलों में उनका सेंस ऑफ ह्यूमर कमरे के माहौल को हल्का कर देता था। इससे वे और भी प्यारे लगते थे।
बिना पहचान बताए होटल में किया नाश्ता
मैथ्यूज ने अपनी अमेरिकी यात्रा के दौरान की दो घटनाओं का जिक्र किया। जब उन्हें रतन टाटा के साथ कुछ समय बिताने का मौका मिला। मैथ्यूज ने बताया कि न्यूयॉर्क में हम एक सुबह रतन टाटा के साथ उनके होटल में नाश्ता कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने होटल के कर्मचारियों को अपनी पहचान नहीं बताई। मैथ्यूज कहते हैं कि यह उनकी विनम्रता का छोटा मगर स्पष्ट संकेत था।
खुद क्रेडिट कार्ड से चुकाया बिल
मैथ्यूज ने रतन टाटा की सादगी से जुड़ा दूसरा किस्सा साझा किया। मैथ्यूज ने कहा कि न्यूयॉर्क के एक अन्य रेस्तरां में रतन टाटा से मिले। मुझे हैरानी इस बात की हुई कि उन्होंने अपने क्रेडिट कार्ड से बिल का भुगतान किया। भुगतान से पहले उन्होंने अपने बिल की जांच भी की। यह बेहद सरल सी दिखने वाली बात उनके स्वभाव के बारे में बहुत कुछ कहती है।
एक करिश्माई कारोबारी
मैथ्यूज ने कहा कि एक करिश्माई कारोबारी का निधन व्यापार जगत और राष्ट्र के लिए बहुत बड़ी क्षति है। मैथ्यूज ने रतन टाटा को याद करते हुए कहा कि रेस्तरां में उन्होंने मजाकिया अंदाज में मुझसे पूछा कि क्या मैं आपका पीछा कर रहा हूं या आप मेरा पीछा कर रहे हैं?'
रतन टाटा दूरदर्शी नेता थे
मैथ्यूज ने कहा कि अपनी सभी उपलब्धियों के बावजूद रतन टाटा हमेशा जमीन से जुड़े रहे। वे मिलनसार रहे। रतन टाटा एक दूरदर्शी नेता थे। उन्होंने उभरते भारत की ऊर्जा, आशा और सफलता को मूर्त रूप दिया। वे एक दूरदर्शी उद्यमी से कहीं ज्यादा देश की आर्थिक और सामाजिक प्रगति के वास्तविक प्रतिबद्धता वाले नेता थे।
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