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कौन सा शहर बनेगा नंबर 1 या नंबर 2, इन पैमानों पर होगा तय, रैंकिंग के लिए जारी हुए नए दिशा-निर्देश

सिटी फाइनेंस रैंकिंग-2022 का मकसद शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) का तीन वित्तीय मापदंडों में प्रदर्शन के आधार पर मूल्यांकन करना मान्यता देना और पुरस्कृत करना है। यह रैंकिंग उन वित्तीय क्षेत्रों की पहचान करने में भी यूएलबी की मदद करेगी जिनमें और सुधार करने की गुंजाइश है।

By AgencyEdited By: Shashank MishraUpdated: Wed, 28 Dec 2022 06:31 PM (IST)
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शहरों के पास इस संबंध में अपने सुझाव देने के लिए 15 जनवरी तक का समय है।

नई दिल्ली, पीटीआई। केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने वित्तीय प्रदर्शन और सौंदर्यीकरण के आधार पर शहरों की नई रैंकिंग प्रणाली के लिए बुधवार को दिशा-निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा, “भारत ने शहरी कायाकल्प के लिए दुनिया के किसी भी देश से अधिक महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है। स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले शहरों को गर्व की भावना देती है।” सिटी फाइनेंस रैंकिंग-2022 का मकसद शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) का तीन वित्तीय मापदंडों (संसाधन जुटाना, व्यय प्रदर्शन और वित्तीय शासन प्रणाली) में प्रदर्शन के आधार पर मूल्यांकन करना, मान्यता देना और पुरस्कृत करना है।

आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय में सचिव मनोज जोशी के मुताबिक, यह रैंकिंग उन वित्तीय क्षेत्रों की पहचान करने में भी यूएलबी की मदद करेगी, जिनमें और सुधार करने की गुंजाइश है, ताकि वे गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचा और सेवाएं प्रदान करने के साथ-साथ अपने नागरिकों को बेहतर जीवन देने में सक्षम हो सकें। उन्होंने कहा, “सिटी फाइनेंस रैंकिंग में शामिल प्रत्येक यूएलबी का मूल्यांकन तीन प्रमुख नगरपालिका वित्त मानदंडों में 15 संकेतकों के आधार पर किया जाएगा, जो एक साथ रखे जाने पर वित्तीय रूप से सबसे ज्यादा टिकाऊ और जवाबदेह शहरों की पहचान करने में मदद करेंगे।”

जोशी के अनुसार, ‘सिटी ब्यूटी कॉम्पिटिशन’ को पांच व्यापक स्तंभों-सौंदर्यशास्त्र, पहुंच, सुविधाओं, गतिविधियों और पारिस्थितिकी में शहरों के वार्ड और सार्वजनिक स्थानों का मूल्यांकन करने, उन्हें मान्यता देने एवं पुरस्कृत करने के लिए एक मंच के रूप में तैयार किया गया है। उन्होंने कहा, “इसका उद्देश्य शहरों को उनकी समृद्ध पारंपरिक विरासत के संरक्षण के लिए प्रोत्साहित करना, बुनियादी ढांचे के कुशल प्रावधान के लिए उनके वितरण तंत्र को सुव्यवस्थित करना, सामुदायिक भागीदारी विकसित करना, पारिस्थितिक संरक्षण के सिद्धांतों को आत्मसात करना और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना है।”

जोशी के मुताबिक, इस प्रतियोगिता के तहत शहर और राज्य, दोनों स्तरों पर सबसे खूबसूरत वार्डों को सम्मानित किया जाएगा, जबकि शहरों को उनके सबसे खूबसूरत सार्वजनिक स्थानों, जलस्रोतों, हरित स्थानों, पर्यटन और विरासत स्थलों व बाजार एवं वाणिज्यिक स्थानों के लिए पुरस्कार दिए जाएंगे।

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दिशा-निर्देशों को अंतिम रूप देकर 30 जनवरी तक जारी किया जाएगा। शहरों के पास इस संबंध में अपने सुझाव देने के लिए 15 जनवरी तक का समय है।

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