Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Ali Khamenei: भारत के खिलाफ ईरान ने उगला जहर, पढ़ें अली खामेनेई की कुंडली जिसे विदेश मंत्रालय ने पढ़ाया पाठ

Iran Supreme Leader Khamenei ईरान के अयातुल्लाह अली खामेनेई ने कहा कि भारत में मुसलमानों का उत्पीड़न होता है। खामेनेई के बयान पर विदेश मंत्रालय ने कड़ा एतराज जताते हुए उसे आईना दिखाया है। भारत ने पलटवार करते हुए कहा कि हमारे बारे में गलतबयानी करने से पहले अपने घर में झांको। भारत के खिलाफ जहर उगलने वाला ईरान के अयातुल्ला अली खामेनेई कौन है आइए जानते हैं...

By Mahen Khanna Edited By: Mahen Khanna Updated: Tue, 17 Sep 2024 05:10 PM (IST)
Hero Image
Iran Supreme Leader Khamenei अली खामेनेई कौन है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Iran Supreme Leader Khamenei भारत के खिलाफ ईरान कई बार विवादित बयान देता रहा है। इस बार भी अयातुल्लाह अली खामेनेई ने कहा कि भारत में मुसलमानों का उत्पीड़न होता है। हालांकि, खामेनेई के बयान पर विदेश मंत्रालय ने कड़ा एतराज जताते हुए उसे आईना दिखाया है।

भारत ने पलटवार करते हुए कहा कि भारत के अल्पसंख्यकों के बारे में गलतबयानी करने वालों को हम सलाह देना चाहते हैं कि दूसरों के बारे में कुछ भी बोलने से पहले अपने घर में झांक लें।


आखिर भारत के खिलाफ ये जहर उगलने वाले ईरान के अयातुल्ला अली खामेनेई कौन हैं, आइए जानते हैं...

कौन है अयातुल्ला खामेनेई?

  • अयातुल्ला अली खामेनेई ईरान का सुप्रीम लीडर है, जो 1989 से इस पद पर बैठा है। खामेनेई का जन्म 17 जुलाई 1939 को ईरान के मशहद में हुआ। खामेनेई एक धार्मिक परिवार से है और उसके पिता सैय्यद जावेद खामेनेई एक इस्लामिक विद्वान थे।
  • खामेनेई हमेशा इस्लाम की बात करते दिखाई देते हैं। ईरान में चले हिजाब विरोधी आंदोलन के खिलाफ भी खामेनेई ने आवाज उठाई थी। अयातुल्ला खामेनेई ने कहा था कि ये खुदा के खिलाफ युद्ध है।

ज्यादातर इस्लामिक शिक्षा मदरसों से ली

अयातुल्ला खामेनेई ने मशहद में कम उम्र से ही धार्मिक अध्ययन करना शुरू कर दिया था। ज्यादातर इस्लामिक शिक्षा मदरसों से ली है। इसके बाद वो कोम में चला गया, जो शिया शिक्षा का एक प्रमुख केंद्र है। यहां उसने अयातुल्ला खुमैनी सहित कई प्रमुख विद्वानों के अधीन धार्मिक अध्ययन किया।

ईरानी क्रांति में निभाई भूमिका

  • साल 1962 में ईरान को इस्लामिक देश बनाने के लिए ईरान के तत्कालीन शासक शाह मोहम्मद रजा के खिलाफ अयातुल्ला खुमैनी ने ही विरोध प्रदर्शन किया था।
  • 1979 की इस्लामिक क्रांति में भी खामेनेई ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके कारण ईरान के अंतिम शाह मोहम्मद रजा पहलवी को उखाड़ फेंका गया।
  • इसके बाद खामेनेई क्रांति के नेता और ईरान के पहले सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खोमैनी के करीबी सहयोगी के रूप में उभरे।
  • खामेनेई ने रक्षा उप मंत्री और इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के प्रमुख सहित विभिन्न प्रमुख पदों पर कार्य किया।

ईरान के राष्ट्रपति भी बने थे खामेनेई 

1981 में खामेनेई ईरान के तीसरे राष्ट्रपति के रूप में चुने गए थे। उन्होंने 1989 तक लगातार दो कार्यकाल पूरे किए। उन्होंने ईरान-इराक युद्ध (1980-1988) के दौरान देश की रिकवरी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। राष्ट्रपति पद के दौरान ही खामेनेई को अयातुल्ला के पद पर पदोन्नत किया गया।

ईरान का सर्वोच्च नेता बना

1989 में अयातुल्ला खुमैनी की मृत्यु के बाद, खामेनेई को ईरान के सर्वोच्च नेता के रूप में नियुक्त किया गया।सर्वोच्च नेता के रूप में खामेनेई सरकार, सेना और न्यायपालिका की सभी शाखाओं पर अंतिम अधिकार रखता है। वो सशस्त्र बलों के कमांडर-इन-चीफ भी है।

यह भी पढ़ें- 'पहले अपने गिरेबान में झांके', ईरान के सुप्रीम लीडर ने भारतीय मुस्लिमों पर दिया बयान तो MEA ने दिया दो टूक-जवाब