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क्या हरीश साल्वे की पैरवी से विनेश फोगाट को मिलेगा मेडल?

Who is Harish Salve कुश्ती के फाइनल में पहुंची विनेश को निराशा हाथ लगी और उसे ओलंपिक से ज्यादा वजन के चलते बाहर कर दिया गया। इस बीच विनेश ने कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट में इस फैसले के खिलाफ केस दर्ज किया है। केस में एक व्यक्ति का नाम काफी चर्चा में है और वो हैं हरीश साल्वे। आखिर ये हरीश साल्वे कौन हैं और आइए जानते हैं...

By Mahen Khanna Edited By: Mahen Khanna Updated: Fri, 09 Aug 2024 04:07 PM (IST)
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Who is Harish Salve विनेश के केस से चर्चा में साल्वे।
जागरण डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ओलंपिक में कमाल का प्रदर्शन कर रहीं महिला रेसलर विनेश फोगाट को उस समय झटका लगा जब उन्हें अपनी 50 किलोग्राम वेट कैटेगरी से 100 ग्राम ज्यादा वजन के चलते अयोग्य करार दिया गया। फाइनल में पहुंची विनेश को निराशा हाथ लगी और वो ओलंपिक से बाहर हो गईं।

इस बीच विनेश ने कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (CAS) में इस फैसले के खिलाफ केस दर्ज किया है। केस की बात आते ही एक व्यक्ति का नाम काफी चर्चा में है और वो हैं हरीश साल्वे। आखिर ये हरीश साल्वे (Who is Harish Salve) कौन हैं और उनका इस मामले से क्या संबंध है, आइए जानते हैं...

कौन हैं हरीश साल्वे?

हरीश साल्वे (Who is Harish Salve) टॉप भारतीय वकील हैं जो संवैधानिक, वाणिज्यिक और कराधान से संबंधित कानून मामलों के विशेषज्ञ हैं। वे भारत के सबसे प्रसिद्ध और सम्मानित वकीलों में से एक हैं, जिन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय और हाई-प्रोफाइल केस को संभाला है। उन्हें देश का नंबर वन वकील भी कहा जाता है।

विनेश का केस लड़ेंगे हरीश साल्वे

पूर्व सॉलिसिटर जनरल और वकील साल्वे कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (CAS) में विनेश फोगाट (Vinesh phogat latest news) का केस लड़ने के लिए IOA द्वारा नियुक्त किया गया है। अब साल्वे पर केस जीतकर विनेश को मेडल दिलवाने की उम्मीदे हैं।

साल्वे से जुड़ी खास बातें

  • हरीश साल्वे (Haresh Salve lawyer profile) एक वरिष्ठ वकील और पूर्व सॉलिसिटर जनरल रहे हैं।  
  • 1980 के दशक में हरीश साल्वे ने कानून के क्षेत्र में अपना करियर शुरू किया और जल्द ही वो बड़े केस लेने लगे।
  • 1999 से 2002 तक देश के शीर्ष कानूनी पदों में से एक भारत के सॉलिसिटर जनरल के रूप में कार्य किया।
  • सर्वोच्च न्यायालय और बॉम्बे उच्च न्यायालय में सबसे अधिक मांग वाले वकीलों में से एक हैं साल्वे।

हरीश साल्वे का जन्म और पढ़ाई

हरीश साल्वे का जन्म महाराष्ट्र के मराठी परिवार में 22 जून 1955 को हुआ था। साल्वे के पिता केपी साल्वे पेशे से सीए थे। वहीं, साल्वे की मां अंब्रिति डॉक्टर थीं। हरीश के दादा बहुत ही फेमस क्रिमिनल लॉयर थे।

साल्वे ने कानून क्षेत्र में जाने से पहले चार्टर्ड अकाउंटेंट की पढ़ाई की थी, जहां उन्होंने अच्छी रैंक हासिल की थी। साल्वे ने नागपुर के सेंट फ्रांसिस डी सेल्स हाईस्कूल से पढ़ाई की। ICAI से चार्टेड अकाउंट की पढ़ाई के बाद उन्होंने नागपुर यूनिवर्सिटी से LLB (What is the degree of Harish Salve?) की पढ़ाई की।

साल्वे की ये है खासियत

कानून की गहरी समझ और अदालत में साल्वे की दलीलें सभी को हैरत में डाल देती है। कोई भी मुश्किल से मुश्किल केस को जिस तरह से साल्वे संभालते हैं, सभी उनकी इस प्रतिभा के कायल हो जाते हैं। वे भारत के बाहर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता और कानूनी मामलों से जुड़े केसों भी शामिल रहे हैं।

हरीश साल्वे को ज्यादातर हाई-प्रोफाइल मामलों (Who are the clients of Harish Salve?) के लिए चुना जाता है। पिछले कुछ वर्षों में, उन्होंने बहुराष्ट्रीय निगमों, सरकारी संस्थाओं सहित कई बड़े लोगों का केस लड़ा है। उन्हीं में से कुछ बड़े केस हैं...

  1. कुलभूषण जाधव मामला: 2017 में हरीश साल्वे ने कुलभूषण जाधव मामले में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में भारत का पक्ष रखते हुए पाकिस्तान को आईना दिखाया था। कुलभूषण एक भारतीय नागरिक हैं, जिसे पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। साल्वे की दलीलों के कारण ही ICJ ने जाधव की फांसी पर रोक लगा दी थी। इसी केस से हरीश साल्वे चर्चा में आए थे। इस केस के लिए उन्होंने 1 रुपये की फीस चार्ज किया था। 
  2. वोडाफोन केस: 2012 में साल्वे ने भारत सरकार के साथ एक हाई-प्रोफाइल कर विवाद में वोडाफोन का केस लड़ उसे जिताया था। मामले में सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन के पक्ष में फैसला सुनाया।
  3. अंबानी गैस विवादः 2009 में साल्वे ने प्राकृतिक गैस के मूल्य निर्धारण को लेकर अनिल अंबानी की रिलायंस नेचुरल रिसोर्सेज के खिलाफ कानूनी लड़ाई में मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज का प्रतिनिधित्व किया। 
  4. धारा 377 का गैर-अपराधीकरणः साल्वे ने 2018 में भारतीय दंड संहिता की धारा 377 को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ताओं का समर्थन करके भारत में समलैंगिकता को गैर-अपराधीकरण करने की कानूनी लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

कितनी फीस लेते हैं साल्वे?

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हरीश साल्वे एक बड़े केस लड़ने के लिए 40 लाख तक चार्ज करते हैं। उनकी नेटवर्थ (Harish salve networth) 250 करोड़ तक है। 

क्या हम भी हरीश साल्वे को अपना वकील बना सकते?

कोई भी व्यक्ति हरीश साल्वे या उनके जैसे वकीलों को सीधे अपना वकील नहीं बना सकता। साल्वे और उनके जैसे प्रतिष्ठित वकीलों को वरिष्ठ अधिवक्ता नामित किया जाता है। उन्हें अधिवक्ता अधिनियम और बार काउंसिल के नियमों के तहत सीधे कोई भी केस लेने से रोका जाता है। उन्हें केवल अन्य नियमित अधिवक्ताओं और कानूनी फर्मों द्वारा ही नियुक्त किया जा सकता है।

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