Move to Jagran APP

Tamil Nadu: देव अय्यनार जिन्‍हें अर्पित किए जाते हैं मिट्टी से बने घोड़े, जानिये क्‍यों...

दक्षिण भारत के गांवों में इन दिनों देव अय्यनार की पूजा चल रही है। लोग जलूसों में शामिल होकर भगवान को मिट्टी से बने घोड़े अर्पित कर रहे हैं। जानें भगवान अय्यनार की पूरी कहानी....

By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Wed, 05 Jun 2019 03:40 PM (IST)
Hero Image
Tamil Nadu: देव अय्यनार जिन्‍हें अर्पित किए जाते हैं मिट्टी से बने घोड़े, जानिये क्‍यों...
नई दिल्‍ली [जागराण स्‍पेशल]। भारत अनेक विविधताओं वाला देश है। खासकर धर्म के मामले देश के हिस्‍सों में विभिन्‍न रंग दिखाई देते हैं। यदि आप भारत के गांवों में जाएं, खासकर हिंदू बहुल ग्रामीण क्षेत्रों में देखेंगे कि आबादी से बाहर घोड़े, हाथियों पर सवार कुछ मुर्तियां नजर आती हैं। दरअसल, ये मूर्तियां ग्राम देवताओं की होती हैं, जिन्‍हें देश के अलग-अलग हिस्‍सों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। देश के राज्‍य तमिलनाडु (Tamil Nadu) में आजकल इन्‍हीं देवताओं में से एक भगवान अय्यनार (Ayyanar) की पूजा हो रही है।

सबसे लोकप्रिय और शक्तिशाली देव हैं अय्यनार
देव अय्यनार सबसे लोकप्रिय ग्राम देवता माने जाते हैं, जो दक्षिण भारत के प्रत्येक गांव की रखवाली करते हैं। तमिलनाडु और केरल में लोग धूमधाम से इनकी पूजा करते हैं। यदि आप दक्षिण भारत की यात्रा पर जाएं तो देखेंगे कि हर गांवों में भगवान अय्यनार की मूर्तियां आबादी से बाहर के इलाके में खुले आकाश के नीचे स्‍थापित नजर आएंगी। आपको आस पास घोड़े और हाथियों की मूर्तियां भी दिखाई देंगी। आप देखेंगे कि भगवान अय्यनार की प्रतिमा के दोनों किनारों पर उनकी पत्नियों की मूर्तियां पूर्णा (Poorna) और पुष्का (Pushkaa) प्रतिमाएं विराजमान होंगी।

कौन हैं भगवान अय्यनार
अधिकांशत: देव अय्यनार को एक योद्धा के रूप में दर्शाया गया है। उन्‍हें खड़ा, घोड़े या हाथी की सवारी करते हुए देखा जा सकता है। उनके हाथ में एक चाबुक या राजदंड नजर आता है। उन्‍हें महाराज या न्‍याय देवता के रूप में भी दर्शाया जाता है। उनके साथ अनुरक्षक भी दिखते हैं। उनके चेहरे पर रौबदार मूछें शोभा पाती हैं। श्रद्धालुओं का विश्‍वास है कि देव अय्यनार भगवान शिव और विष्‍णु की संतान हैं। मान्‍यता है कि अयप्पा शिव और मोहिनी की संतान हैं। यह भी मत है कि देव अय्यनार परशुराम से युद्ध कौशल की दीक्षा ली थी।

इसलिए अर्पित किए जाते हैं मिट्टी से बने घोड़े
भगवान अय्यनार एक संरक्षक देव हैं। केरल और तमिलनाडु में देव अय्यनार को ग्राम देवता के तौर पर पूजा जाता है। यहां लोग देव अय्यनार को कुछ सबसे बलशाली देवों में से एक मानते हैं। माना जाता है कि देव अय्यनार प्राकृतिक आपदाओं, जंगली जानवरों, दुश्मनों और महामारियों जैसे खतरों से ग्राम वासियों की रक्षा करते हैं। लोगों का विश्‍वास है कि देव अय्यनार आधी रात को अपने घोड़े पर सवार होकर बुरी आत्‍माएं और दुष्‍टों का शिकार करते हैं। शायद यही वजह है कि लोग उन्‍हें प्रसन्‍न करने के लिए मिट्टी से बने सफेद घोड़े अर्पित करते हैं।  

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप