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MBBS की पढ़ाई और कालाबाजारी… पैसों के लिए पहले फेल फिर पास का खेल; पढ़ें संदीप घोष की काली कहानी

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में पूर्व पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष का नाम सुर्खियों में है। घोष पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। मेडिकल कॉलेज के पूर्व उपाधीक्षक अख्तर अली ने घोष के खिलाफ राज्य सतर्कता आयोग से शिकायत की है। अख्तर ने संदीप घोष पर कई छात्रों को नुकसान पहुंचाने का भी आरोप लगाया है।

By Jagran News Edited By: Sonu Gupta Updated: Wed, 21 Aug 2024 08:28 PM (IST)
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आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष। फाइल फोटो।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में पूरे देश में गुस्सा का माहौल है। 31 वर्षीय डॉक्टर के साथ हुई इस भयावह घटना के बाद से ही देश के कई हिस्से में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। वहीं, मानवता को शर्मसार करने वाली इस घटना के बाद संस्थान के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष का नाम सुर्खियों में है।

ममता सरकार के इस कदम पर कोर्ट ने उठाए सवाल

सरकारी अस्पताल के सेमिनार हॉल में महिला डॉक्टर के शव मिलने के बाद संदीप घोष पर की गई कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट और कलकत्ता हाई कोर्ट ने भी सवाल उठाए हैं। अदालतों ने ममता सरकार के उस कदम पर भी सवाल उठाए हैं, जिसमें आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रमुख के पद से इस्तीफे के कुछ ही घंटों बाद संदीप घोष को दूसरे मेडिकल कॉलेज का प्रिंसिपल बना दिया गया।

कौन है संदीप घोष?

आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष ने कोलकाता के पास बोंगांव हाई स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की, जिसके बाद उसने मेडिकल और इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा पास की और आरजी कर मेडिकल कॉलेज में अध्ययन किया।

डॉ घोष ने 1994 में एमबीबीएस पूरा किया और एक आर्थोपेडिक सर्जन बन गया। आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल बनने से पहले घोष ने कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज में वाइस प्रिंसिपल के रूप में कार्य किया।

भ्रष्टाचार के लगे बड़े आरोप

प्रिंसिपल का पदभार संभालने के करीब दो साल बाद ही धोष पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे। दरअसल, आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व उपाधीक्षक अख्तर अली ने राज्य सतर्कता आयोग से घोष के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उनके खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए।

शिकायत में डॉ. घोष और अन्य पर सरकारी धन की बर्बादी, वित्तीय नियमों से बचने, विक्रेताओं को चुनने में भाई-भतीजावाद करने और उनसे रिश्वत लेने, संविदा कर्मचारियों की भर्ती में अनियमितताएं करने जैसे कई आरोप लगाए गए।

छात्रों को पास करने के लिए लेता था पैसा

अख्तर ने संदीप घोष पर कई छात्रों को 'नुकसान' पहुंचाने का भी आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि वह विद्यार्थियों को फेल कराता था और छात्रों को पास कराने के लिए उनसे पैसे लेता था।

अख्तर ने कहा कि उन्होंने उपाधीक्षक के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान ये सभी 'अनियमितताएं' देखी हैं। इसकी जानकारी उन्होंने अधिकारियों को भी दी थी। अली का कहना है कि मैं संदीप के खिलाफ लिखित शिकायत करता रहा, फिर कुछ नहीं हुआ।

12 अगस्त को दिया था इस्तीफा

वहीं, आरजी कर में दुष्कर्म व हत्या की घटना सामने आने के बाद से घोष पर कई आरोप लगाए गए हैं। सभी डाक्टरों और छात्रों ने संदीप घोष को हटाने की भी मांग की। आंदोलन के दबाव में संदीप ने पिछले 12 अगस्त को इस्तीफा दे दिया था।

उन्होंने स्वास्थ्य विभाग में जाकर अपना त्याग पत्र सौंप दिया। कुछ ही घंटों में, राज्य स्वास्थ्य विभाग ने संदीप को कोलकाता के एक अन्य सरकारी अस्पताल में प्रिंसिपल के रूप में नियुक्त कर दिया।

उन्हें वहां से हटाने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू हो गया। इसी बीच, कलकत्ता हाई कोर्ट ने संदीप को 'लंबी छुट्टी' पर जाने का आदेश दे दिया। तब से संदीप छुट्टी पर थे और सीबीआई लगातार उनसे पूछताछ कर रही है।

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