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कौन हैं अरुण योगीराज? जिन्होंने बनाई रामलला की मूर्ति; देखते ही बन रही भव्यता

Who is Arun Yogiraj श्रीराम की नगरी अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है और गर्भगृह में रामलला की मूर्ति स्थापित की जा चुकी है। शुक्रवार को रामलला की मूर्ति की पहली झलक भी सामने आई। इस मूर्ति को कर्नाटक के रहने वाले अरुण योगीराज ने बनाई है। मूर्तिकार अरुण योगीराज कर्नाटक के मैसूर के रहने वाले हैं।

By Devshanker Chovdhary Edited By: Devshanker Chovdhary Updated: Fri, 19 Jan 2024 07:54 PM (IST)
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अरुण योगीराज ने बनाई रामलला की मूर्ति। (फोटो- जागरण)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। श्रीराम की नगरी अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है और गर्भगृह में रामलला की मूर्ति स्थापित की जा चुकी है। शुक्रवार को रामलला की मूर्ति की पहली झलक भी सामने आई। इस मूर्ति को कर्नाटक के रहने वाले अरुण योगीराज ने बनाई है।

कौन हैं मूर्तिकार अरुण योगीराज?

मूर्तिकार अरुण योगीराज कर्नाटक के मैसूर के रहने वाले हैं। उनकी कई पीढियां इसी काम से जुड़े हुए हैं। उनके पिता योगीराज शिल्पी एक बेहतरीन मूर्तिकार हैं और उनके दादा बसवन्ना शिल्पी ने वाडियार घराने महलों में अपनी कला दिखाई थी। अरुण मूर्तिकार का मैसूर राजा के कलाकारों के परिवार से संबंध है।

दादा की भविष्यवाणी हुई सच

शुरुआत में अरुण योगीराज अपने पिता और दादा की तरह मूर्तिकार नहीं बनना चाहते थे और उन्होंने 2008 में मैसूर यूनिवर्सिटी से एमबीए की पढ़ाई करने के बाद एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी की। हालांकि, उनके दादा ने कहा था कि अरुण एक मूर्तिकार ही बनेगा और अंत में वही हुआ। अरुण एक मूर्तिकार बने और ऐसे मूर्तिकार, जिन्होंने साक्षात रामलला की मूर्ति बनाई।

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अरुण योगीराज ने बनाई हैं कई मूर्तियां

अरुण योगीराज ने सिर्फ रामलला की ही मूर्ति नहीं बनाई है, बल्कि उन्होंने इससे पहले कई और भी मूर्तियां बनाई है, जिसके लिए उनकी तारीफ भी की गई है। अरुण योगीराज ने इंडिया गेट के पास स्थापित सुभाष चंद्र बोस की 30 फीट की मूर्ति बनाई है।

इसके अलावा अरुण योगीराज ने भगवान आदि शंकराचार्य की 12 फीट की मूर्ति बनाई है, जिसकी स्थापना केदारनाथ में की गई है। उन्होंने मैसूर में स्थापित भगवान हनुमान की 21 फीट की मूर्ति भी बनाई है।

श्याम शिला पत्थर से रामलला की मूर्ति का निर्माण

अरुण योगीराज ने रामलला की मूर्ति का निर्माण श्याम शिला पत्थर को तराश कर किया है। रामलला की मूर्ति की ऊंचाई 4.24 फीट है, जो दिखने में काफी भव्य है। मूर्ति का वजन करीब 200 किलोग्राम है। मूर्ति में भगवान राम के कई अवतारों को तराशा गया है।

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