मोदी सरकार के लिए खास 5 अगस्त: ऐतिहासिक फैसले ने बदली राज्य की तस्वीर, इसी दिन साकार हुआ रामभक्तों का भी सपना
5 August History नरेंद्र मोदी के एक बार फिर से प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद जनता से किए गए वादों में से दो वादों को पूरा किया गया। इन वादों को पूरा करने के साथ BJP ने दिखाया कि वह चुनाव से पहले जो वादे करती है उस पर खरी भी उतरती है। इन वादों को पूरा करने से देश में पीएम मोदी की 56 इंच वाली छवि मजबूत हुई।
By Nidhi AvinashEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Wed, 02 Aug 2023 05:42 PM (IST)
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। 5 August History: भारतीय जनता पार्टी शुरू से ही राम मंदिर का निर्माण और जम्मू-कश्मीर से संबधित धारा 370 को लेकर मुखर रही है। इसको बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में भी शामिल किया था। भाजपा की सरकार बनने में इन मुद्दों का काफी अहम रोल माना जाता है। बीजेपी ने सत्ता में आकर अपने इन दो वादों को पूरा किया। सबसे अहम बात यह है कि इन दोनों ही कामों को 5 अगस्त के दिन पूरा किया गया।
2019 में नरेंद्र मोदी के एक बार फिर से प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद जनता से किए गए वादों में से दो वादों को पूरा किया गया। इन वादों को पूरा करने के साथ बीजेपी ने सभी को दिखाया कि वह चुनाव से पहले जो वादे करती है, उस पर खरी उतरती है। एक समय विपक्षी उनको कहते थे कि बीजेपी केवल वादे करती है और सत्ता का मजा लेना चाहती है। लेकिन, इन वादों को पूरा करने से देश में पीएम मोदी की 56 इंच वाली छवि मजबूत हुई।
क्या थे वो दो वादे?
- 2019 में 5 अगस्त के ही दिन अनुच्छेद 370 को संशोधन कर जम्मू-कश्मीर को मिला विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर दिया गया था।
- इसके अगले साल 2020 में 5 अगस्त के ही दिन ही अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण की आधारशिला रखी गई थी।
5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर में हुई नए युग की शुरुआत
संसद का मानसून सत्र चल रहा था और तारीख थी 5 अगस्त, 2019। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह लोकसभा के सदस्य है और आशा की जाती है कि वे लोकसभा में आएंगे। लेकिन वह उस दिन लोकसभा नहीं बल्कि राज्यसभा का रुख कर गए। स्पीकर चेयर पर राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडु बैठे हुए थे। सभापति से इजाजत मिलने के बाद अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के आर्टिकल 370 पर बोलना जैसे ही शुरू किया, उसी दौरान विपक्ष में बैठे गुलाम नबी आजाद और कांग्रेस के नेताओं ने चिल्लाना शुरू कर दिया। इस दौरान अमित शाह जम्मू-कश्मीर के नए युग का आगाज कर रहे थे।जब अमित शाह ने किए थे ये दो ऐलान
अमित शाह ने 5 अगस्त, 2019 को सदन में ऐलान किया था कि धारा 370 को भारत के राष्ट्रपति की सिफारिश पर जिस दिन से यह गजट प्रकाशित किया जाएगा उस दिन से अनुच्छेद 370 के कोई भी खंड राज्य में लागू नहीं होगा। शाह ने इसी के साथ अपनी दूसरी घोषणा करते हुए कहा था कि जम्मू-कश्मीर एक अलग केंद्र शासित प्रदेश बनेगा और लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाएगा। शाह की इन दो घोषणा से राज्यसभा में हंगामा मच गया था।
'कश्मीर के लिए हम जान दे देंगे क्या बात करते हैं आप'
'कश्मीर के लिए जान दे देंगे'
अमित शाह ने कश्मीर को लेकर एक ऐसा बयान दिया था, जिसके बाद तालियों से पूरा राज्यसभा गूंज उठा था। सदन में जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा, 'कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, कश्मीर मामले पर संसद ही सर्वोच्च है। कश्मीर को लेकर नियम कानून और संविधान में बदलाव से कोई नहीं रोक सकता। रही बात कश्मीर की तो जब मैं जम्मू कश्मीर कहता हूं तो उसमें पाक अधिकृत कश्मीर और अक्साई चीन भी शामिल है। भारत का हिस्सा है। कश्मीर के लिए हम जान दे देंगे क्या बात करते हैं आप। क्या कांग्रेस PoK को भारत का हिस्सा नहीं मानती है?अमित शाह के इस ऐलान के बाद जम्मू-कश्मीर में बढ़ाई गई थी सुरक्षा
5 अगस्त, 2019 को अमित शाह के ऐलान के बाद जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। धारा 370 के मुताबिक, भारत की संसद को जम्मू कश्मीर के लिए रक्षा, विदेश मामले और संचार के विषय में कानून बनाने का अधिकार चाहिए होता था। इसके अलावा किसी अन्य मुद्दे पर कोई कानून लागू करवाने के लिए केंद्र सरकार को राज्य सरकार का अनुमोदन चाहिए होता था।
5 अगस्त, 2020 को रखी गई राम मंदिर की आधारशिला
5 अगस्त, 2020 को पीएम नरेंद्र मोदी ने मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन कर आधारशिला रखी थी। उल्लेखनीय है कि 9 नवंबर, 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर निर्माण के पक्ष में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। राम मंदिर का इतिहास 1 या 2 साल का नहीं ब्लकि 492 साल पुराना है। अयोध्या जमीन विवाद को सुलझाने के लिए कई नेता आए और गए, लेकिन मोदी सरकार की सत्ता में ही यह ममुकिन हो सका कि देश के सबसे लंबे चलने वाले केस पर सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुना डाला। 5 जजों की संवैधानिक बेंच ने राम मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया।5 अगस्त का ही दिन क्यों चुना गया?
- जानकारों की मानें तो राम मंदिर के भूमि पूजन के लिए 5 अगस्त का दिन बहुत ही शुभ माना गया था।
- भूमि पूजन का आरंभ धनिष्ठा नक्षत्र में शुरू किया गया और समापन शतभिषा नक्षत्र में हुआ था।
- भूमि पूजन अभिजीत मुहूर्त में किया गया था और इसी मुहूर्त में भगवान राम का जन्म हुआ था।
- रामचरित मानस में भगवान राम के जन्म और मुहुर्त के बारे में लिखा गया है।