Bus Accident in Barabanki: साल दर साल बड़े एक्सप्रेस वे बनते जा रहे हैं बड़े हादसों का हाट प्वाइंट, जानिए इनके पीछे के बड़े कारण
बाराबंकी में हुई बस हादसे के बाद एक बार फिर से इन हादसों की वजह पर बहस छिड़ गई है। कई सवालों में एक बड़ा सवाल इन हादसों के पीछे छिपे बड़े कारणों को जानने का भी है जो इस तरह के हादसों की वजह बनते हैं।
By Kamal VermaEdited By: Updated: Mon, 25 Jul 2022 11:00 AM (IST)
नई दिल्ली (कमल कान्त वर्मा)। बाराबंकी के ईस्टर्न एक्सप्रेस वे पर हुए हादसे में 8 लोगों की मौत और 15 लोगों के घायल होने से हर कोई दुखी है। इस हादसे ने लोगों का ध्यान एक बार फिर से लोगों की जान के लिए खतरनाक साबित हो रहे एक्सप्रेस वे की तरफ जा रहा है। ऐसे में इस सवाल का भी उठना बेहद लाजिमी है कि ऐसे भीषण हादसों के पीछे बड़ी वजह क्या होती है।
बाराबंकी हादसे की बड़ी वजह
ये सवाल बड़ा जरूर है लेकिन हर हादसे में ही इसका जवाब छिपा होता है। बाराबंकी की घटना का ही अगर जिक्र किया जाए तो ये हादसा तेज रफ्तार बस के दूसरी बस से टकराने से हुआ था। एक्सप्रेस वे पर अधिकतर हादसों की वजह का कारण भी यही होता है। इन हादसों की दूसरी बड़ी वजह का जिक्र करने से पहले आपको एसीआरबी के कुछ आंकड़ों के बारे में बता देते हैं।
एनसीआरबी के आंकड़े
पिछले वर्ष सामने आई एनसीआरबी की रिपोर्ट वर्ष 2019 में सड़क हादसों में कुल 1.54 लाख से अधिक लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। इसके अलावा ट्रेफिक एक्सीडेंट में जान गंवाने वालों की संख्या 1.81 लाख थी। इस रिपोर्ट में सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाओं के मामले में जो राज्य सबसे ऊपर थे उनमें तमिलनाडु ( 59499 हादसे), मध्य प्रदेश (53379 एक्सीडेंट), उत्तर प्रदेश (42368 हादसे), कर्नाटक (40666 हादसे), महाराष्ट्र (33624 हादसे) शामिल थे।
सड़क हादसों में जान गंवाने वालों में यूपी सबसे ऊपर इसी रिपोर्ट में सड़क हादसों में जान गंवाने के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे ऊपर था, जहां पर सड़क हादसों में कुल 27661 लोगों की मौत हुई थीं। इसके बाद इसके बाद महाराष्ट्र, , तमिलनाडु, राजस्थान, कर्नाटक, बिहार, पश्चिम बंगाल और गुजरात का नाम था।इस रिपोर्ट में सड़क हादसों का जो सबसे बड़ा कारण बताया गया था वो कुछ इस प्रकार है।
गाडि़यों की तेज रफ्तार : एनसीआरबी की रिपोर्ट में सड़क हादसों के कुछ बड़े कारणों में तेज रफ्तार था। आपको बता दें कि भारत में बने एक्सप्रेस वे पर अलग-अलग वाहनों के लिए रफ्तार तय की गई है। इसके बाद भी सड़क पर चलने वाले वाहन अक्सर इस नियम का उल्लंघन करते हुए दिखाई देते हैं। बाराबंकी हादसे की एक बड़ी वजह यही थी। गाड़ी के तेज रफ्तार होने की वजह से चालक उस पर अपना नियंत्रण नहीं रख पाते हैं, जिसका नतीजा बड़ा हादसा और लोगों की मौत का कारण बन जाता है।
चालक को नींद की झपकी आना : एनसीआरबी की रिपोर्ट में जिन कारणों का जिक्र किया गया है उनमें चालक को नींद की झपकी आ जाना होता है। ये एक ऐसा कारण है जिसको अक्सर हम नजरअंदाज कर देते हैं। बाराबंकी में जो हादसा हुआ वो बस बिहार से आ रही थी। ऐसे लंबे सफर में चालक का नींद पूरी न होना और झपकी आ जाना एक स्वाभाविक कारण होता है। इन रास्तों पर चलने वाले प्राइवेट बसों के मालिक अक्सर इसको लेकर लापरवाही भी बरतते हैं। वहीं ड्राइवर जल्दी पहुंचने की वजह से नींद की झपकी आने को नजरअंदाज कर देते हैं। इस तरह के मामले में एक हल्की सी झपकी बड़े हादसे को बुलावा देती है।
गर्मी की वजह से टायर का फटना अचानक: गर्मी के मौसम में एक्सप्रेस वे पर अक्सर टायर फटने की वजह से हादसों की खबर आती है। हाईवे या एक्सप्रेस वे पर तय गति में अचानक टायर फटने से कोई भी गाड़ी पलट जाती है। दरअसल, अधिक गर्मी होने पर गाडि़यों के टायर सड़क के घर्षण से अधिक गर्म होकर फट जाते हैं। यही वजह है कि एक्सपर्ट लंबी दूरी पर जाने के समय लोगों को अपनी गाडि़यों के टायर में नाइट्रोजन डालन की सलाह देते हैं जिसकी वजह से गर्मी में भी टायर अंदर से ठंडे रहते हैं।
शराब या नशा कर सड़क पर चलना: सड़क हादसों की कुछ बड़ी वजह में से ये भी एक बड़ी समस्या है। नशा करके वाहन चलाने पर हादसे का डर सबसे अधिक होता है। ऐसे में ड्राइवर अपनी गाड़ी पर नियंत्रण नहीं रख पाता है और दूसरों की भी जिंदगी दांव पर लगा देता है। ये समस्या केवल एक्सप्रेस वे पर चलने वालों की ही नहीं है बल्कि अन्य सड़कों पर गाड़ी चलाने वालों के साथ भी होती है।
सर्द मौसम में एक्सप्रेस वे पर घना कोहरा होना: एक्सप्रेस वे पर सर्दियों के दिनों में घने कोहरे की वजह से ड्राइवर को दूर तक देखने में परेशानी आती है। ऐसे में अक्सर वहीं गाड़ी दूसरी गाड़ी से भिड़ (Accidents on Expressway or Highways) जाती है या पीछे से आ रही तेज गति की गाड़ी उससे भिड़ जाती है, जो बड़े हादसे का कारण बनती है। बीते कुछ वर्षों में ऐसे हादसे भारत के विभिन्न एक्सप्रेस वे पर देखने को मिले हैं जिसमें एक के बाद एक कई गाडि़यां आपस में टकरा गई थीं। एक्सप्रेस वे पर होने वाले हादसों में अधिक लोगों की जान जाने की एक बड़ी वजह तुरंत चिकिस्ता सुविधा न मिलना भी होती है। हादसे की जगह से अस्पताल तक ले जाने में हुई देरी लोगों की जान ले लेती है।
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