Earthquake: आखिर क्यों बार-बार आते हैं भूकंप? कैसे मापी जाती है इसकी तीव्रता; जानें हर सवाल का जवाब
उत्तर भारत के कई राज्यों में मंगलवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप का केंद्र नेपाल था। दोपहर करीब 2 बजकर 53 मिनट पर भूकंप के झटकों को महसूस किया गया है। 25 मिनट के अंतराल पर 4.6 और 6.2 तीव्रता के दो झटके महसूस किए गए। ऐसे में आपको भूकंप की उन वजहों के बारे में बताते हैं जिसके कारण धरती अचानक हिल जाती है।
By Mohd FaisalEdited By: Mohd FaisalUpdated: Tue, 03 Oct 2023 06:07 PM (IST)
ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली। उत्तर भारत के कई राज्यों में मंगलवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप का केंद्र नेपाल था। दोपहर करीब 2 बजकर 53 मिनट पर भूकंप के झटकों को महसूस किया गया है। 25 मिनट के अंतराल पर 4.6 और 6.2 तीव्रता के दो झटके महसूस किए गए।
इसकी तीव्रता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दो बार आए भूकंप को काफी देर तक महसूस किया गया। ऐसे में आपको भूकंप की उन वजहों के बारे में बताते हैं, जिसके कारण धरती अचानक हिल जाती है और इससे जानमाल का काफी नुकसान होता है।
क्यों आता है भूकंप?
दरअसल, पृथ्वी की चार प्रमुख परतें हैं, जिसे इनर कोर, आउटर कोर, मेंटल और क्रस्ट कहते हैं। जानकारी के अनुसार, पृथ्वी के नीचे मौजूद प्लेट्स घूमती रहती हैं, जिसके आपस में टकराने पर पृथ्वी की सतह के नीचे कंपन शुरू होता है। जब ये प्लेट्स अपनी जगह से खिसकती हैं तो भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं। इस जगह पर सबसे ज्यादा भूकंप का असर रहता है। हालांकि, भूकंप की तीव्रता अगर ज्यादा होती है तो इसके झटके काफी दूर तक महसूस किए जाते हैं।भूकंप कब लाता है तबाही
रिक्टर स्केल | असर |
0 से 1.9 | सीस्मोग्राफ से ही भूकंप के बारे में जानकारी मिलती है। |
2 से 2.9 | हल्का कंपन महसूस होता है। |
3 से 3.9 | जब कोई ट्रक नजदीक से गुजरता है तो ऐसा ही असर होता है। |
4 से 4.9 | घरों की खिड़कियां टूट सकती हैं और दीवरों पर टंगी फ्रेम गिर सकती है। |
5 से 5.9 | फर्नीचर हिल सकता है। |
6 से 6.9 | इमारतों की नींव दरक सकती है और ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है। |
7 से 7.9 | इमारतें गिर जाती हैं और जमीन के अंदर मौजूद पाइप फट जाते हैं। |
कैसे मापी जाती है भूकंप की तीव्रता?
बता दें कि भूकंप की तीव्रता का पता लगाने के लिए रिक्टर स्केल का इस्तेमाल किया जाता है। रिक्टर स्केल पर 1 से 9 तक आए भूकंप के झटकों को मापा जाता है। भूकंप के दौरान पृथ्वी के नीचे से ऊर्जा तरंगे निकलती हैं। उसे रिक्टर स्केल के जरिए मापा जाता है। इसके बाद ही यह पता लग पाता है कि भूकंप की तीव्रता कितनी थी और इसका केंद्र किस क्षेत्र में था।यह भी पढ़ें- Earthquake In Nepal: नेपाल में लगातार तीन बार कांपी धरती, 5 लोग अस्पताल में भर्ती; कई इमारतों को पहुंचा नुकसान
स्रोत: National Center for Seismology
भूकंप के दौरान क्या करें?
- भूकंप के झटके महसूस होने पर सबसे पहले शांत रहे और अपने आसपास के लोगों को आश्वस्त करें।
- इस दौरान इमारतों से दूर खुली जगहों पर चले जाएं, जहां आसपास कोई इमारत न हो।
- जब भूकंप के झटके महसूस हो तो घर में मौजूद लोगों को तुरंत सावधानी बरतनी चाहिए। डेस्क, टेबल, बिस्तर के नीचे छिप जाएं। इस दौरान कांच के दरवाजों, शीशों और खिड़कियों से दूरी बनाकर रखें।
- जब तक भूकंप का कंपन बंद नहीं हो जाता है, तब तक अपने घरों में न जाएं।
- अगर आप कार या बाइक चला रहे हैं तो उस दौरान आपको झटके महसूस होते हैं। तुरंत ही रुकें और गाड़ी में ही बैठे रहें।
- इसके अलावा भूकंप आने के दौरान मोमबत्तियां, माचिस और अन्य चीजों का इस्तेमाल न करें।
स्रोत: National Center for Seismology