India Stand On Ukraine War: भारत ने रूस के खिलाफ यूएनएससी में क्यों नहीं किया वोट, जानिए क्या हैं इसके प्रमुख मायने
शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के महत्वपूर्ण सत्र में रूस ने यूक्रेन के खिलाफ सबसे मजबूत शब्दों में रूसी आक्रामकता में अमेरिका द्वारा प्रायोजित प्रस्ताव को अवरुद्ध करने के लिए अपनी वीटो शक्ति का इस्तेमाल किया ।
By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Updated: Sat, 26 Feb 2022 04:23 PM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआइ। रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के बीच शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में निंदा प्रस्ताव पर वोट किया गया। यूक्रेन संकट पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में रूस की निंदा वाले प्रस्ताव पर भारत ने वोट नहीं किया। ऐसा करके नई दिल्ली ने बीच का कोई रास्ता निकालने तथा बातचीत और कूटनीति को बढ़ावा देने के लिए सभी संबंधित पक्षों तक पहुंचने का विकल्प खुला रखा है। सूत्रों ने शनिवार को इस बात की जानकारी दी।
हालांकि, भारत ने प्रस्ताव पर वोट से परहेज किया है। साथ ही यूएनएससी में भारत ने राज्यों की 'संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता' का सम्मान करने का आह्वान किया और 'हिंसा और शत्रुता' को तत्काल समाप्त करने की मांग की है। सूत्रों ने कहा कि यह रुख और रूसी आक्रमण की आलोचना को दर्शाता है। .शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के महत्वपूर्ण सत्र में रूस ने यूक्रेन के खिलाफ सबसे मजबूत शब्दों में रूसी आक्रामकता में अमेरिका द्वारा प्रायोजित प्रस्ताव को अवरुद्ध करने के लिए अपनी वीटो शक्ति का इस्तेमाल किया।
भारत ने कूटनीति के रास्ते पर लौटने का किया आह्वानप्रस्ताव पर वोट से परहेज करते हुए भारत ने वोट के बाद एक 'मतदान का स्पष्टीकरण' जारी किया, जिसमें उसने 'कूटनीति के रास्ते पर लौटने' का आह्वान किया और 'हिंसा और शत्रुता' को तत्काल समाप्त करने की मांग की है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को यह भी बताया कि वह सभी संबंधित पक्षों के संपर्क में है और उनसे बातचीत की टेबल पर लौटने का आग्रह किया है।
सूत्रों ने कहा कि राज्यों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने और चल रही हिंसा को समाप्त करने की भारत की मांग रूसी कार्रवाई की आलोचना और इसके समग्र दृष्टिकोण में एक सूक्ष्म परिवर्तन को दर्शाती है।मतभेदों और विवादों को निपटाने का एकमात्र जवाब बातचीतउन्होंने कहा कि भारत यूक्रेन में हाल के घटनाक्रमों से बहुत परेशान है और इस मामले पर अपनी निरंतर, दृढ़ और संतुलित स्थिति बनाए रखी है कि बातचीत ही मतभेदों और विवादों को सुलझाने का एकमात्र जवाब है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि मतभेदों और विवादों को निपटाने का एकमात्र जवाब बातचीत है और मानव जीवन की कीमत पर कोई समाधान कभी नहीं आ सकता है।
भारत, चीन और यूएई ने वोट करने से किया पहरहेजबता दें कि 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव के पक्ष में 11 मत मिले। रूस ने इसका विरोध किया और भारत, चीन और संयुक्त अरब अमीरात ने वोट से परहेज किया। यूएनएससी में भारत ने यह भी बताया कि भारतीय समुदाय का कल्याण और सुरक्षा, विशेष रूप से फंसे हुए छात्रों और यूक्रेन से उनकी निकासी, इसकी तत्काल प्राथमिकता रही है।
सूत्रों ने कहा कि भारत ने सभी सदस्य देशों से अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों का सम्मान करने का आह्वान किया क्योंकि ये आगे एक रचनात्मक रास्ता प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत इस बात पर खेद व्यक्त करता है कि संकट को हल करने में कूटनीति का रास्ता छोड़ दिया गया है और जोर देकर कहा कि उसे वापस लौटना चाहिए।