G20 Summit 2023: New Delhi Declaration में रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर क्या कहा गया? 10 बड़ी बातें
G20 शिखर सम्मेलन के पहले दिन भारत को बड़ी सफलता मिली है। इसकी वजह नई दिल्ली घोषणा को अपनाया जाना है। इस पर सभी देशों ने अपनी सहमति व्यक्त की है। जी-20 के सदस्य देशों का मानना है कि यह मंच राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा करने का नहीं है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली डिक्लेरेशन प्रस्ताव को स्वीकार किए जाने की जानकारी दी।
नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। New Delhi Declaration: भारत की मेजबानी में इस समय नई दिल्ली के प्रगति मैदान में स्थित भारत मंडपम में जी-20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) चल रहा है। इस सम्मेलन में शुक्रवार को अफ्रीकी यूनियन (African Union) को 21वें सदस्य के रूप में शामिल किया गया। इसके अलावा, सम्मेलन में 'नई दिल्ली घोषणा' को अपनाया गया, जिसे भारत (Bharat) के लिए बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने की घोषणा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने 'नई दिल्ली डिक्लेरेशन' को अपनाने की घोषणा की। उन्होंने कहा,
हमारी टीम के कठिन परिश्रम और आप सबके सहयोग से नई दिल्ली G20 लीडर समिट के डिक्लेरेशन पर सहमति बनी है। मेरा प्रस्ताव है कि लीडर्स डिक्लेरेशन को भी अपनाया जाए। मैं भी इस डिक्लेरेशन को अपनाने की घोषणा करता हूं।
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Delhi Declaration की प्रमुख 10 बातें
- G20 के सदस्य अर्थव्यवस्था में महिलाओं की समान और प्रभावी भागीदारी को बढ़ावा देंगे।
- G20 के सदस्यों ने सभी के लिए वैश्विक खाद्य सुरक्षा और पोषण बढ़ाने के लिए प्रतिबद्धता जताई। इसके लिए पौष्टिक अनाजों पर रिसर्च सहयोग को मजबूत किया जाएगा।
- G20 के देशों ने महामारी की रोकथाम के लिए वैश्विक स्वास्थ्य वास्तुकला को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध रहने का संकल्प लिया।
- G20 के देशों ने एक नियम आधारित, निष्पक्ष, खुला, समावेशी, न्यायसंगत, टिकाऊ, पारदर्शी और गैर-भेदभावपूर्ण बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली को अपनाने की पुष्टि की।
- जी-20 के देश मजबूत, टिकाऊ, संतुलित और समावेशी विकास में तेजी लाने के लिए काम करेंगे। इसके साथ ही वे सतत विकास के लिए 2030 के एजेंडे को लागू करने की दिशा में भी काम करना जारी रखेंगे।
- डिक्लेरेशन में कहा गया है कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी देश पीछे न छूटे। यह भी कहा गया है कि हम 2030 एजेंडा के कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिए भारत की तरफ से उठाए गए प्रयासों की सराहना करते हैं।
- G20 के देशों ने जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय संकटों की चुनौतियों से निपटने के लिए कार्यों में तेजी लाने का संकल्प लिया।
- G20 के सदस्य देशों ने समावेशी, टिकाऊ और लचीली वैश्विक मूल्य श्रृंखला बनाने के लिए निजी क्षेत्र के साथ काम करने को लेकर सहमति जताई। इसके साथ ही वे विकासशील देशों को मूल्य श्रृंखला में आगे बढ़ने में सहायता भी करेंगे, जिससे ऋण संबंधी कमजोरियां हल होंगी और 'कोई भी पीछे न छूटे' नीति लागू हो पाएगी।
- G20 देशों ने यूक्रेन पर आक्रमण करने को लेकर रूस का नाम तो नहीं लिया, लेकिन क्षेत्रीय लाभ के लिए बल के प्रयोग की कड़ी आलोचना की।
- G20 विकासशील देशों को मौजूदा और उभरती स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के लिए मदद करेगा।
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अफ्रीकी यूनियन बना G20 का स्थायी सदस्य
इससे पहले, पीएम मोदी ने अफ्रीकी यूनियन के का स्थायी सदस्य बनने की घोषणा की। उन्होंने अफ्रीकी संघ के अध्यक्ष और कोमोरोस के राष्ट्रपति अजाली असौमानी से अपनी सीट लेने का आग्रह भी किया।