Move to Jagran APP

Meghalaya: क्यों उठ रही है तुरा को मेघालय की दूसरी राजधानी बनाने की मांग? यहां जानें A टू Z पूरी कहानी

तुरा को शीतकालीन राजधानी बनाने की मांग की जा रही है। इस मांग के चलते बीते सोमवार को तुरा में स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय पर कुछ लोगों की भीड़ ने हमला कर दिया। इस हमले में लगभग 5 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। वहीं ये हमला उस समय हुआ जब सीएम मीटिंग कर रहे थे। इस खबर में जानिए कि क्यों हो रही है तुरा को शीतकालीन राजधानी बनाने की मांग।

By Versha SinghEdited By: Versha SinghUpdated: Wed, 26 Jul 2023 04:02 PM (IST)
Hero Image
क्यों उठ रही है तुरा को मेघालय की दूसरी राजधानी बनाने की मांग?
नई दिल्ली, वर्षा सिंह। मेघालय राज्य में एक नई बहस छिड़ गई है। मेघालय के जिले तुरा को मेघालय की शीतकालीन राजधानी बनाने की मांग की जा रही है। इसके चलते मेघायल में हिंसा और झड़प की कई खबरें सामने आ रही है। वहीं, बीते सोमवार को मेघायल के तुरा में  मुख्यमंत्री कार्यालय पर हमला किया गया। जिसमें कई लोगों के घायल होने की खबरें भी सामने आई थी।

कैसे हुई विवाद की शुरुआत?

बता दें कि ये हमला उस समय हुआ जब मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा ACHIK (कॉन्शियस होलिस्टिकली इंटीग्रेटेड क्रिमा, ACHIK) और गारो हिल्स स्टेट मूवमेंट कमेटी (GHSMC) के नेताओं के साथ बैठक कर रहे थे।

ये नेता तुरा को मेघालय की शीतकालीन राजधानी बनाने की मांग कर रहे थे, तभी कार्यालय के बाहर सैकड़ों लोग पहुंचे और नारे लगाने लगे। इसके बाद भीड़ ने कार्यालय पर पथराव शुरू कर दिया। हमले के दौरान आगजनी और तोड़फोड़ भी की गई। गनीमत रही कि इस घटना में मुख्यमंत्री संगमा को कुछ नहीं हुआ और वह सुरक्षित रहे।

प्रदर्शनकारियों से हुई झड़प

हमले के दौरान पुलिस ने आंसू गैस के गोले और लाठीचार्ज कर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा। इस दौरान हाथापाई में कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हो गए।

मुख्यमंत्री ने घायल कर्मियों के लिए अनुग्रह राशि के रूप में 50,000 रुपये की भी घोषणा की और कहा कि उनका चिकित्सा खर्च भी राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।

तुरा में लगा कर्फ्यू

तुरा शहर में तत्काल प्रभाव से रात्रि कर्फ्यू लगा दिया गया है। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि भीड़ के वीडियो फुटेज की जांच की जाएगी और दोषियों की पहचान की जाएगी। वहीं, शहर भर में कई जगहों पर टायर जलाए जाने की भी खबरें सामने आई हैं।

अधिकारियों ने कहा कि मुख्यमंत्री ने तुरा में 3 घंटे से अधिक समय तक आंदोलनकारी संगठनों के साथ शांतिपूर्ण चर्चा की।

इससे पहले, मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनकारी संगठनों से अपनी हड़ताल वापस लेने और अगले महीने राज्य की राजधानी शिलांग में बैठक के लिए आगे आने की अपील की थी।

किसने उठाई शीतकाली राजधानी की मांग?

तुरा को मेघालय की शीतकालीन राजधानी बनाने की मांग ACHIK द्वारा उठाई गई थी। ये मांग उठने के बाद 24 जुलाई की रात से ही हिंसा दिखने लगी थी। बता दें कि वर्तमान में राज्य की राजधानी शिलांग पूर्वी खासी हिल्स जिले में स्थित है।

शिलांग लगभग पहाड़ियों के केंद्र में है, जहां खासी लोग (Khasi People) रहते हैं, जो मेघालय के 3 मातृसत्तात्मक समुदायों में से एक हैं। वहीं, अन्य दो गारो हिल्स में केंद्रित गारो हैं और जैन्तिया (Jaintia) हिल्स पर हावी जयन्तिया (Tribe In Meghalaya) हैं।

11 जुलाई को, ACHIK नेता तुरा को शीतकालीन राजधानी घोषित करने की मांग को लेकर (अक्टूबर से मार्च तक) 6 महीने तक अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल का ऐलान किया था।

क्यों उठ रही शीतकालीन राजधानी की मांग?

शीतकाली राजधानी की मांग क्यों?

अप्रैल के महीने में भी ACHIK ने मुख्यमंत्री के नाम एक याचिका दी थी। उनका कहना था कि जब से मेघालय राज्य बना है तब से ये सपना देखा जा रहा है। संगठन के मुताबिक सरकार ने तुरा को राजधानी घोषित करने का वादा भी किया था।

ACHIK के अध्यक्ष थॉमस एम. मराक, उनके डिप्टी ग्रेनेथ एम. संगमा और संगठन के जनरल सेक्रेटरी बर्निता आर. मराक की तरफ से मुख्यमंत्री को दी गई याचिका में कहा था, इस प्रस्ताव (तुरा को शीतकालीन राजधानी घोषित करना) को लागू करने में देर हुई तो NDA सरकार (मेघालय में MDA 2.0 जिसकी सहयोगी है.) की सुशासन और सफल होने की उपलब्धि में भी देर होगी।

उन्होंने कहा कि NDA सरकार बरसों से इस सुशासन की वकालत कर रही है और काम भी अच्छा कर रही है। सत्ता के हस्तांतरण और विकेंद्रीकरण से सरकार लोगों के लिए और सुलभ हो सकेगी। उनकी जरूरतों को और बेहतर तरीके से पूरा किया जा सकेगा।

इस दौरान तुरा को शीतकाली राजधानी घोषित करने की जरूरत बताते हुए कुछ और भी तर्क दिए गए... जिनमें ये प्रमुख हैं-

  • ACHIK की ओर से कहा गया कि तुरा को शीतकाली राजधानी बनाने के बाद पूरे राज्य का तेजी से विकास होगा।
  • तुरा को शीतकाली राजधानी बनाने के बाद सुविधाओं का एक सामान बंटवारा किया जा सकेगा। 
  • तर्क देते हुए ये भी कहा गया कि तुरा के शीतकालीन राजधानी बनने के बाद किसी खास इलाके का नहीं बल्कि पूरे मेघालय के लोगों का समग्र उत्थान होगा।
  • जियो-फिजिकल बैरियर कम होगा यानी ट्रांसपोर्ट वगैरह की सुविधाएं बढेंगी।
  • सर्दियों में तुरा में तुलनात्मक रूप से मौसम ठीक रहता है, इसलिए ये शीतकाली राजधानी के लिए एक आदर्श जगह है। 
  • ACHIK ने कहा कि खासी-जैंतिया समुदायों के लोग गारो हिल्स को एक्सप्लोर कर सकेंगे। अलग-अलग समुदायों के बीच कम्युनिकेशन, आपसी समझ और सांप्रदायिक सद्भाव बढ़ेगा।
ACHIK की तरफ से ये भी कहा गया कि दूसरे कई राज्यों की भी कई राजधानियां हैं। जैसे- आंध्र प्रदेश की तीन, हिमाचल प्रदेश की दो और जम्मू-कश्मीर की दो राजधानियां हैं।

स्वास्थ्य मंत्री ने की मांग खारिज

ACHIK द्वारा शीतकालीन राजधानी की मांग की जा रही है। इस मांग से हर कोई सहमत नहीं है।

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अम्पारीन लिंगदोह ने इस मांग को खारिज कर दिया है और कहा कि कहीं और किसी भी तरह की राजधानी पर विचार करना सही नहीं होगा। उन्होंने कहा, हम शिलांग में हैं। यह राजधानी है और हमें उम्मीद है कि इन मांगों पर विचार नहीं किया जाना चाहिए। यह मेरा निजी विचार है क्योंकि अगर हर जिला यह कहने लगे कि 'यह मेरे जिले में लाओ, वह मेरे जिले में लाओ' तो हम मुश्किल में पड़ जाएंगे, हमारे लिए प्रशासन करना मुश्किल हो जाएगा।

क्या बोलीं राज्य स्वास्थ्य मंत्री?

राज्य की स्वास्थ्य मंत्री अम्पारीन लिंगदोह ने बताया कि सोमवार को जो हमला हुआ वो उन लोगों द्वारा नहीं किया गया था जो तुरा के लिए शीतकालीन राजधानी की मांग कर रहे हैं। जिन उपद्रवियों ने कानून और व्यवस्था की स्थिति पैदा की, वे सभी 2-3 पार्टियों के राजनीतिक नेता थे जो हाल के राज्य चुनावों में हार गए थे।

उन्होंने कहा कि हम इसकी निंदा करते हैं और प्रशासन और पुलिस से सुरक्षा के उल्लंघन और मुख्यमंत्री को सीधे धमकी देने के लिए सभी संबंधित लोगों को गिरफ्तार करने का आग्रह करते हैं।

इस बीच, शिलांग को ग्रीष्मकालीन राजधानी और तुरा को शीतकालीन राजधानी बनाने की मांग ने जंतिया हिल्स में जोवाई को वसंत राजधानी बनाने की मांग शुरू कर दी है। जोवाई जैन्तिया हिल्स का मुख्य केन्द्र है। कुछ दिन पहले हाइनीवट्रेप यूथ काउंसिल की स्थानीय इकाई द्वारा यह मांग उठाए जाने के बाद जैन्तिया छात्र आंदोलन की ओर से भी ये मांग उठाई जा रही है। 

कितने लोग हुए गिरफ्तार?

मेघालय के तुरा में मुख्यमंत्री कार्यालय पर हमला करने के संबंध में भाजपा की महिला मोर्चा की दो पदाधिकारियों सहित कम से कम 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। भाजपा के नेताओं पर हमले करने के मामले में संलिप्तता का आरोप है। इस घटना में पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। वहीं, हमले के लिए भीड़ को उकसाने के आरोप में 2 TMC नेताओं की भी तलाश जारी है। 

क्या बोले ACHIK अध्यक्ष?

ACHIK क्रीमा काउंसिल के अध्यक्ष, थॉमस एम मराक ने सभा को बताया कि यह जानना दुखद है कि यद्यपि तुरा में शीतकालीन राजधानी या दूसरी राजधानी मेघालय राज्य के अग्रदूतों की एक सहमत नीति थी, फिर भी, मेघालय के राज्य बनने के 51 साल बाद भी कार्यान्वयन के लिए कोई वास्तविक नीति नहीं होने से यह एक दूर का सपना बनकर रह गया है।

समारोह की अध्यक्षता करते हुए, ACHIK क्रीमा काउंसिल के कार्यकारी अध्यक्ष, मैकलॉरेंस एम संगमा ने इस बात पर जोर दिया कि राज्य के 51 वर्षों में, गारो हिल्स के कई गैर सरकारी संगठनों ने इस मुद्दे पर कई ज्ञापन प्रस्तुत किए थे।

उन्होंने कहा कि गारो लोगों और इतिहास के युग में, इस आंदोलनात्मक कार्यक्रम ने इसे पहला आंदोलनात्मक कार्यक्रम बनाकर इतिहास रचा है, जो पूरी तरह से तुरा में शीतकालीन राजधानी/दूसरी राजधानी के निर्माण के लिए था।

क्या बोला जैंतिया छात्र संघ?

जैंतिया छात्र संघ (JSU) ने 21 जुलाई को सरकार से जैंतिया हिल्स क्षेत्र को मेघालय राज्य की 'ग्रीष्मकालीन राजधानी' बनाने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र में उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों के माध्यम से राज्य के लिए महत्वपूर्ण राजस्व लाता है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

आंध्र प्रदेश की तीन, हिमाचल प्रदेश की दो और जम्मू-कश्मीर की दो राजधानियां हैं।

मेघायल के तुरा को मेघालय की शीतकालीन राजधानी बनाने की मांग की जा रही है। ये मांग ACHIK द्वारा की गई है। उनका कहना है कि तुरा को शीतकाली राजधानी बनाने के बाद पूरे राज्य का तेजी से विकास होगा।

हिमाचल प्रदेश और जम्मू और कश्मीर भारत में राज्य और केंद्र शासित प्रदेश हैं जिनकी दो राजधानियाँ हैं।

चण्डीगढ़ भारत का एक केन्द्र शसित प्रदेश है, जो दो भारतीय राज्यों, पंजाब और हरियाणा की राजधानी भी है। भारत में दो राज्य ऐसे भी है जिनकी राजधानी एक है। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद है।

1947 से पहले, लद्दाख की ग्रीष्मकालीन राजधानी लेह थी, जबकि लद्दाख की शीतकालीन राजधानी स्कर्दू थी। 15 अगस्त 1947 के बाद 2019 तक लेह लद्दाख की राजधानी थी । अगस्त 2019 में केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा मिलने के बाद लेह और कारगिल दोनों को लद्दाख की संयुक्त राजधानी घोषित किया गया।