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तीन नए आपराधिक कानूनों का विपक्ष क्यों नहीं कर रहा समर्थन? कांग्रेस नेता चिदंबरम ने खुलकर बताई इसके पीछे की वजह

वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद पी चिदंबरम ने रविवार को तीन नए आपराधिक कानून लागू किए जाने पर सवाल उठाए। 1 जुलाई से लागू हो चुके इन कानूनों को लेकर विपक्ष सरकार का समर्थन नहीं कर रही है। चिदंबरम ने सवाल किया कि हर अधिनियम को फिर से क्यों लिखा गया और हर धारा को फिर से क्यों क्रमांकित किया गया है?

By Agency Edited By: Nidhi Avinash Updated: Sun, 14 Jul 2024 02:44 PM (IST)
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तीन नए आपराधिक कानूनों का विपक्ष क्यों नहीं कर रहा समर्थन (Image:ANI)
एएनआई, नई दिल्ली। New criminal laws: 1 जुलाई से तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए है। देश में आईपीसी, सीआरपीसी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह अब तीन नये कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनिमय सोमवार से देश में हो लागू हो गए हैं। हालांकि, विपक्षी तीन नए आपराधिक कानूनों पर सरकार का समर्थन नहीं कर रही है।

अब सभी के मन में सवाल है कि आखिर विपक्ष इन कानूनों का समर्थन क्यों नहीं कर रही है? समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने इसका जवाब दिया है। समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए उन्होंने कहा कि लगभग 40 सवाल पूछने के बावजूद हमें किसी का भी उत्तर नहीं मिल रहा है।

95-99% हिस्सा काट-छांट कर चिपकाया गया 

ANI से बातचीत के दौरान चिदंबरम ने कहा 'मैंने लगभग 40 प्रश्न पूछे हैं और उनमें से किसी का भी उत्तर नहीं दिया जा रहा है। आईपीसी और सीआरपीसी का 90-95% हिस्सा काट-छांट कर चिपकाया गया है और भारतीय साक्ष्य अधिनियम का 95-99% हिस्सा काट-छांट कर चिपकाया गया है।

यदि कानून का अधिकांश हिस्सा काट-छांट कर चिपकाया गया है तो जो कुछ जोड़-घटाव किए गए हैं, उन्हें संशोधन के माध्यम से किया जा सकता है। हर अधिनियम को फिर से क्यों लिखा गया और हर धारा को फिर से क्यों क्रमांकित किया गया है? इससे पूरी तरह से भ्रम पैदा हो गया है।'

प्रदर्शन और हड़ताल पर जाएंगे वकील

चिदंबरम ने बताया कि पूरे भारत में वकील सोमवार को दिल्ली की निचली अदालतों में विरोध प्रदर्शन और हड़ताल पर जा रहे हैं। 20 जुलाई को डीएमके वकीलों की विरोध बैठक निर्धारित की गई है। कांग्रेस का कानूनी और मानवाधिकार विभाग इन मुद्दों पर इस महीने के अंत तक एक सम्मेलन आयोजित करने की कोशिश कर रहा है।

संविधान हत्या दिवस पर क्या बोले चिदंबरम?

1975 के आपातकाल की याद में 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इस अवसर पर कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा, 'भाजपा 18वीं या 17वीं सदी में क्यों नहीं लौट रही है? आज रहने वाले 75% भारतीय 1975 के बाद पैदा हुए हैं। आपातकाल एक गलती थी और इसे इंदिरा गांधी ने स्वीकार किया था। हमने संविधान में संशोधन किया है ताकि आपातकाल इतनी आसानी से न लगाया जा सके। 50 साल बाद आपातकाल के सही और गलत होने पर बहस करने का क्या मतलब है?... भाजपा को अतीत को भूल जाना चाहिए। हमने अतीत से सबक सीखा है?'

'I.N.D.I गठबंधन के पक्ष में हवा चल रही'

हाल ही में सात राज्यों में हुए उपचुनावों में भारतीय जनता पार्टी के शानदार प्रदर्शन के बाद, चिदंबरम ने रविवार को भरोसा जताया कि 'हवा I.N.D.I गठबंधन के पक्ष में है।' एएनआई को दिए गए साक्षात्कार में चिदंबरम ने कहा कि उपचुनावों से संकेत मिलता है कि लोगों का 'मूड' भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का ढांचा कमजोर है, मुझे डर है कि सिर्फ 'मूड' से काम नहीं चलेगा। हमें उन राज्यों में काम करना होगा जहां पार्टी का ढांचा कमजोर है।'

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