क्यों सुन्न पड़ जाते हैं हमारे हाथ-पैर, कहीं ये किसी गंभीर बीमारी का संकेत तो नहीं...?
हाथ या पैर का सुन्न पड़ जाना अमूमन आम समस्या है जो अक्सर स्वस्थ लोगों को भी हो जाता है। हालांकि ये कुछ गंभीर और जानलेवा बीमारियों का भी संकेत है। जानें- क्या है इसकी वजह...
By Amit SinghEdited By: Updated: Thu, 01 Aug 2019 10:28 AM (IST)
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। क्या कभी देर तक बैठे-बैठे आपके हाथ-पैर सुन्न हुए हैं? क्या आपके साथ अक्सर ऐसा होता है? ऐसी स्थिति में आपको सुन्न पड़ चुके अंग में कुछ देर के लिए कोई एहसास नहीं होता। आप उस अंग का कोई इस्तेमाल नहीं कर सकते। जैसे अगर पैर सुन्न हो जाए तो खड़ा होना बहुत मुश्किल हो जाता है। कई बार सुन्न पैर के साथ खड़ा होने का प्रयास करने पर लोग गिर भी जाते हैं। अगर आपके भी हाथ-पैर सुन्न पड़ जाते हैं, तो आपको इसकी वजह जानना जरूरी है। आपको ये भी पता होना चाहिए कि हाथ-पैर सुन्न होना किसी गंभीर बीमारी का इशारा तो नहीं है।
ये है सबसे सामान्य वजह
हाथ-पैर के सुन्न होने की सबसे सामान्य वजह है ऑक्सीजन की कमी। मतलब आपको जो अंग सुन्न पड़ रहा है, वहां तक सही मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुंच पा रही है। ऐसा अक्सर काफी देर तक बैठे रहने या एक साइड से ही सोने अथवा लेटने पर उस अंग की कोई नश दबने से हो जाता है। नश दबने पर उस अंग तक सही मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुंचती और दिमाग उस अंग को सही से संकेत नहीं भेज पाता या संकेत भेजना बंद कर देता है। बहुत से मामलों में हाथ-पैर का सुन्न हो जाना कोई बड़ी समस्या नहीं है। ऐसी स्थिति में उस अंग को हिला-डुलाकर या थोड़ी सी मालिश कर सुन्नपन खत्म कर सकते हैं।
हाथ-पैर के सुन्न होने की सबसे सामान्य वजह है ऑक्सीजन की कमी। मतलब आपको जो अंग सुन्न पड़ रहा है, वहां तक सही मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुंच पा रही है। ऐसा अक्सर काफी देर तक बैठे रहने या एक साइड से ही सोने अथवा लेटने पर उस अंग की कोई नश दबने से हो जाता है। नश दबने पर उस अंग तक सही मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुंचती और दिमाग उस अंग को सही से संकेत नहीं भेज पाता या संकेत भेजना बंद कर देता है। बहुत से मामलों में हाथ-पैर का सुन्न हो जाना कोई बड़ी समस्या नहीं है। ऐसी स्थिति में उस अंग को हिला-डुलाकर या थोड़ी सी मालिश कर सुन्नपन खत्म कर सकते हैं।
मधुमेह का संकेत
कभी-कभार हाथ-पैर का सुन्न हो जाना एक सामान्य बात है, लेकिन बार-बार ऐसा होता है तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए। ये किसी बीमारी का संकेत भी हो सकता है। डॉक्टरों के मुताबिक हाथ-पैर का बार-बार सुन्न पड़ना मधुमेह (डायबिटीज) का संकेत हो सकता है। बार-बार हाथ-पैर के सुन्न होने के तकरीबन 33 फीसद मामलों में डायबिटीज अहम वजह होती है। यही वजह है कि बार-बार हाथ-पैर सुन्न होने की शिकायत पर डॉक्टर सबसे पहले मधुमेह की ही जांच कराते हैं। अगर दोनों अंग सुन्न हो रहे
सामान्य तौर पर कोई नश दबने से शरीर का एक ही अंग सुन्न पड़ता है, लेकिन एक साथ दोनों अंग मतलब दोनों हाथ या दोनों पैर सुन्न पड़ जाते हैं तो ये शरीर में कुछ खास विटामीन की कमी का संकेत हो सकता है। डॉक्टरों के अनुसार ऐसा अक्सर विटामीन बी12 की कमी के कारण होता है। ऐसे में खून की एक आसान सी जांच कर इसका पता लगाया जा सकता है। अगर खून जांच में शरीर में विटामीन की कमी पायी जाती है, तो डॉक्टर विटामीन सप्लीमेंट देकर उस कमी को पूरा करते हैं।
कभी-कभार हाथ-पैर का सुन्न हो जाना एक सामान्य बात है, लेकिन बार-बार ऐसा होता है तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए। ये किसी बीमारी का संकेत भी हो सकता है। डॉक्टरों के मुताबिक हाथ-पैर का बार-बार सुन्न पड़ना मधुमेह (डायबिटीज) का संकेत हो सकता है। बार-बार हाथ-पैर के सुन्न होने के तकरीबन 33 फीसद मामलों में डायबिटीज अहम वजह होती है। यही वजह है कि बार-बार हाथ-पैर सुन्न होने की शिकायत पर डॉक्टर सबसे पहले मधुमेह की ही जांच कराते हैं। अगर दोनों अंग सुन्न हो रहे
सामान्य तौर पर कोई नश दबने से शरीर का एक ही अंग सुन्न पड़ता है, लेकिन एक साथ दोनों अंग मतलब दोनों हाथ या दोनों पैर सुन्न पड़ जाते हैं तो ये शरीर में कुछ खास विटामीन की कमी का संकेत हो सकता है। डॉक्टरों के अनुसार ऐसा अक्सर विटामीन बी12 की कमी के कारण होता है। ऐसे में खून की एक आसान सी जांच कर इसका पता लगाया जा सकता है। अगर खून जांच में शरीर में विटामीन की कमी पायी जाती है, तो डॉक्टर विटामीन सप्लीमेंट देकर उस कमी को पूरा करते हैं।
कंप्यूटर जॉब भी हो सकती है वजह
अगर आप लैपटॉप या कंप्यूटर पर ज्यादा काम करते हैं। आपको कई घंटों तक कंप्यूटर या लैपटॉप या टाइप राइटर आदि पर टाइपिंग करनी पड़ती है तो ये भी हाथों के सुन्न होने की अहम वजह हो सकती है। डॉक्टरों के अनुसार इस तरह के काम से कलाईयों की नस बुरी तरह पर काफी जोर पड़ता है। इसे कार्पल टनल सिंड्रोम भी कहा जाता है। इसमें कलाई की नसों पर बुरा असर पड़ने से हाथ अक्सर सुन्न होने लगते हैं। हाथों का सुन्न होना इसका शुरूआती संकेत होता है।सर्वाइकल या बैक पेन
कई बार रीढ़ की हड्डी में खराबी आने से शरीर की कोई नस दब जाती है। स्थाई तौर पर या लंबे समय तक नस दबने से सर्वाइकल या बैक पेन (रीढ़ की हड्डी खिसकने से होने वाला कमर दर्द) का खतरा बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में भी हाथ या पैर बार-बार सुन्न पड़ने लगते हैं। डॉक्टर इसका पता लगाने के लिए MRI या सिटी स्कैन का सहारा लेते हैं। बहुत ज्यादा नशा
बहुत ज्यादा नशा करने वालों को भी इस तरह की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। खासतौर पर बहुत ज्यादा शराब पीने वालों को इस तरह की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। शराब से लिवर तो खराब होता ही है, नसों पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। अत्यधिक शराब के सेवन शरीर में विटामिन की भी कमी हो जाती है। इन सबकी वजह से हाथ-पैर सुन्न पड़ने लगते हैं। अंदरूनी चोट लगना
किसी हादसे का शिकार होने पर लगने वाली बाहरी चोट हमें दिखाई भी देती है और हम उसका गंभीरता से इलाज भी कराते हैं, लेकिन खेलते वक्त या दैनिक कार्य में या किसी हादसे में लगने वाली अंदरूनी चोट को हम अक्सर नजरअंदाज कर जाते हैं। डॉक्टरों के अनुसार बहुत से मामलों में अंदरूनी चोट, बाहरी चोट से ज्यादा खतरनाक होती है। अंदरूनी चोट में अक्सर शरीर की नस क्षतिग्रस्त हो जाती है। इसकी वजह से भी हाथ-पैर सुन्न होने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।थायरॉइड बढ़ना
शरीर में थायरॉइड की मात्रा अनियंत्रित होने मतलब बढ़ने या घटने दोनों ही स्थिति में हाथ-पैर सुन्न होने की समस्या हो सकती है। इतना ही नहीं थायरॉइड की मात्रा अनियंत्रित होने से शरीर में थकावट होने लगती है। वजट घटने या बढ़ने लगता है। बाल झड़ने लगते हैं। खून की जांच से डॉक्टर थायरॉइड का पता लगाते हैं। जानलेवा गैगरीन का भी खतरा
हाथ-पैर का बार-बार सुन्न हो जाना गैगरीन जैसी जानलेवा बीमारी का भी संकेत हो सकता है। इसलिए इसे बिल्कुल नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। हाथ-पैर का बार-बार सुन्न होना। काफी देर तक उस अंग का सुन्न बने रहना, गैगरीन का संकेत हो सकता है। लिहाजा इसे नजरअंदाज करने की जगह गंभीर बीमारी का संकेत मान, चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए।हृदय की बीमारी का खतरा
सामान्य तौर पर डॉक्टर एक हाथ का ही ब्लड प्रेशर नापते हैं, लेकिन मरीज के दोनों हाथ-पैर का ब्लड प्रेशर नापना चाहिए। यदि दोनों के ब्लड प्रेशर का अनुपात 0.9 से कम है तो इसका मतलब उस अंग की नसों में ब्लॉकेज हो सकता है। पैरों की नसों में ब्लॉकेज की वजह से हृदय की बीमारी का खतरा 30 फीसद तक बढ़ जाता है। पैर के ब्लड प्रेशर की जांच से ही इसका पता लगाया जा सकता है।ब्रेन स्ट्रोक का भी है खतरा
चिकित्सकों के अनुसार हाथ-पैर का सुन्न होना या नसों में ब्लॉकेज की वजह अमूमन हमारी खराब जीवनशैली होती है। इसमें नियमित व्यायाम न करना। धूम्रपान, शराब का सेवन या अन्य तरह का नशा करना। प्रदूषण, खाद्य पदार्थों में अत्यधिक पेस्टीसाइड का इस्तेमाल और मधुमेह प्रमुख वजह है। डॉक्टरों को एक अध्ययन में 23 फीसद लोगों के पैरों की नसों में ब्लॉकेज मिला। 40 फीसद लोगों के गले की नस में ब्लॉकेज मिला, जिससे उन्हें ब्रेन स्ट्रोक हो गया।अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप
अगर आप लैपटॉप या कंप्यूटर पर ज्यादा काम करते हैं। आपको कई घंटों तक कंप्यूटर या लैपटॉप या टाइप राइटर आदि पर टाइपिंग करनी पड़ती है तो ये भी हाथों के सुन्न होने की अहम वजह हो सकती है। डॉक्टरों के अनुसार इस तरह के काम से कलाईयों की नस बुरी तरह पर काफी जोर पड़ता है। इसे कार्पल टनल सिंड्रोम भी कहा जाता है। इसमें कलाई की नसों पर बुरा असर पड़ने से हाथ अक्सर सुन्न होने लगते हैं। हाथों का सुन्न होना इसका शुरूआती संकेत होता है।सर्वाइकल या बैक पेन
कई बार रीढ़ की हड्डी में खराबी आने से शरीर की कोई नस दब जाती है। स्थाई तौर पर या लंबे समय तक नस दबने से सर्वाइकल या बैक पेन (रीढ़ की हड्डी खिसकने से होने वाला कमर दर्द) का खतरा बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में भी हाथ या पैर बार-बार सुन्न पड़ने लगते हैं। डॉक्टर इसका पता लगाने के लिए MRI या सिटी स्कैन का सहारा लेते हैं। बहुत ज्यादा नशा
बहुत ज्यादा नशा करने वालों को भी इस तरह की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। खासतौर पर बहुत ज्यादा शराब पीने वालों को इस तरह की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। शराब से लिवर तो खराब होता ही है, नसों पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। अत्यधिक शराब के सेवन शरीर में विटामिन की भी कमी हो जाती है। इन सबकी वजह से हाथ-पैर सुन्न पड़ने लगते हैं। अंदरूनी चोट लगना
किसी हादसे का शिकार होने पर लगने वाली बाहरी चोट हमें दिखाई भी देती है और हम उसका गंभीरता से इलाज भी कराते हैं, लेकिन खेलते वक्त या दैनिक कार्य में या किसी हादसे में लगने वाली अंदरूनी चोट को हम अक्सर नजरअंदाज कर जाते हैं। डॉक्टरों के अनुसार बहुत से मामलों में अंदरूनी चोट, बाहरी चोट से ज्यादा खतरनाक होती है। अंदरूनी चोट में अक्सर शरीर की नस क्षतिग्रस्त हो जाती है। इसकी वजह से भी हाथ-पैर सुन्न होने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।थायरॉइड बढ़ना
शरीर में थायरॉइड की मात्रा अनियंत्रित होने मतलब बढ़ने या घटने दोनों ही स्थिति में हाथ-पैर सुन्न होने की समस्या हो सकती है। इतना ही नहीं थायरॉइड की मात्रा अनियंत्रित होने से शरीर में थकावट होने लगती है। वजट घटने या बढ़ने लगता है। बाल झड़ने लगते हैं। खून की जांच से डॉक्टर थायरॉइड का पता लगाते हैं। जानलेवा गैगरीन का भी खतरा
हाथ-पैर का बार-बार सुन्न हो जाना गैगरीन जैसी जानलेवा बीमारी का भी संकेत हो सकता है। इसलिए इसे बिल्कुल नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। हाथ-पैर का बार-बार सुन्न होना। काफी देर तक उस अंग का सुन्न बने रहना, गैगरीन का संकेत हो सकता है। लिहाजा इसे नजरअंदाज करने की जगह गंभीर बीमारी का संकेत मान, चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए।हृदय की बीमारी का खतरा
सामान्य तौर पर डॉक्टर एक हाथ का ही ब्लड प्रेशर नापते हैं, लेकिन मरीज के दोनों हाथ-पैर का ब्लड प्रेशर नापना चाहिए। यदि दोनों के ब्लड प्रेशर का अनुपात 0.9 से कम है तो इसका मतलब उस अंग की नसों में ब्लॉकेज हो सकता है। पैरों की नसों में ब्लॉकेज की वजह से हृदय की बीमारी का खतरा 30 फीसद तक बढ़ जाता है। पैर के ब्लड प्रेशर की जांच से ही इसका पता लगाया जा सकता है।ब्रेन स्ट्रोक का भी है खतरा
चिकित्सकों के अनुसार हाथ-पैर का सुन्न होना या नसों में ब्लॉकेज की वजह अमूमन हमारी खराब जीवनशैली होती है। इसमें नियमित व्यायाम न करना। धूम्रपान, शराब का सेवन या अन्य तरह का नशा करना। प्रदूषण, खाद्य पदार्थों में अत्यधिक पेस्टीसाइड का इस्तेमाल और मधुमेह प्रमुख वजह है। डॉक्टरों को एक अध्ययन में 23 फीसद लोगों के पैरों की नसों में ब्लॉकेज मिला। 40 फीसद लोगों के गले की नस में ब्लॉकेज मिला, जिससे उन्हें ब्रेन स्ट्रोक हो गया।अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप