कनाडा के खिलाफ मोदी सरकार के तीन बड़े फैसले, पढ़ें 72 घंटों में क्यों छिड़ी दोनों देशों के बीच रार
India Canada Row। कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो कई बार खुलेआम खालिस्तानी आतंकियों के समर्थन में खड़े दिखे। पिछले तीन दिन यानी 72 घंटों में कई ऐसी घटनाएं घटी जिसकी वजह से दोनों देशों के रिश्तों के बीच दरार और भी बढ़ चुकी है। पीएम ट्रूडो के बयान से लेकर भारत द्वारा कनाडा के नागरिकों की वीजा सेवा को निलंबित किए जाने तक समझें क्या कुछ हुआ।
By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarUpdated: Thu, 21 Sep 2023 02:21 PM (IST)
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। India Canada Row। भारत और कनाडा के रिश्तों में हर बीते वक्त के साथ और भी तल्खियां बढ़ती जा रही है। खालिस्तान का समर्थन करने वाले आतंकियों को पनाह देने वाले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Prime Minister Justin Trudeau) के एक बेतुके बयान से दोनों देशों के रिश्ते बिगड़ चुके हैं।
एक तरफ जहां मोदी सरकार लगातार कनाडा से खालिस्तानी आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करती आई है, वहीं कनाडा के पीएम कई बार खुलेआम खालिस्तानी आतंकियों के समर्थन में खड़े दिखे। पिछले तीन दिन यानी 72 घंटों के बीच कई ऐसी घटनाएं घटी, जिसकी वजह से दोनों देशों के रिश्तों के बीच फासला और भी बढ़ गया।
आतंकी की मौत पर पीएम ट्रूडो ने दिया बेतुका बयान
खालिस्तानी समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की इसी साल 18 जून को कनाडा के सर्रे शहर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्या को लेकर सोमवार रात (18 सितंबर) को कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारत सरकार के हाथ होने की बात कह दी।
उन्होंने दावा किया कि कनाडा की सुरक्षा एजेंसियां इस बात की जांच कर रही हैं कि क्या हरदीप सिंह की हत्या के पीछे भारतीय एजेंसियों का हाथ है। वहीं, कनाडा ने भारतीय राजनयिक को निष्कासित भी कर दिया।
भारत ने दिया करारा जवाब
पीएम ट्रूडो के बयान पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने तुरंत जवाबी प्रतिक्रिया दी। भारत सरकार ने कनाडा के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ऐसे आरोप खालिस्तानियों और चरमपंथियों से ध्यान हटाने के लिए लगाए जा रहे हैं।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने मंगलवार सुबह (19 सितंबर) पीएम ट्रूडो के आरोपों को निराधार करार दिया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि पीएम द्वारा दिए गए ऐसे बयान खालिस्तानी आतंकवादियों और चरमपंथियों से ध्यान हटाने की एक कोशिश है, जिसे कनाडा में आश्रय मिलता रहा है।
वहीं, मंगलवार के दिन भारत ने कनाडा के उच्चायुक्त कैमरून मैके को तलब किया। भारत में कनाडाई राजनयिक को निष्कासित करने का फैसला भी लिया गया है। विदेश मंत्रालय ने कहा,"भारत में कनाडा के उच्चायुक्त को आज तलब किया गया और उन्हें निष्कासित करने के भारत सरकार के फैसले के बारे में सूचित किया गया।
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