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सरकार ने क्यों रद्द की NET परीक्षा? जानिए क्या कहता है एंटी पेपर लीक कानून और कितनी मिलती है सजा

UGC NET Exam नेट परीक्षा रद्द किए जाने के बाद सरकार ने जानकारी दी कि आखिर अचानक शिक्षा मंत्रालय को इनता बड़ा फैसला क्यों लेना पड़ गया। वहीं परीक्षा में गड़बड़ी करने वाले अपराधियों को कड़ी सजा मिलेगी। बता दें कि देश के विभिन्न परीक्षाओ में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ केंद्र सरकार एंटी पेपर लीक कानून लेकर सामने आई है। आखिर कानून के जरिए सजा का क्या प्रावधान है।

By Jagran News Edited By: Piyush Kumar Updated: Thu, 20 Jun 2024 01:38 PM (IST)
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केंद्र सरकार ने बुधवार रात UGC NET जून 2024 परीक्षा रद्द करने का फैसला किया।(फोटो सोर्स: जागरण)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। शिक्षा मंत्रालय ने गुरुवार रात UGC NET जून 2024 को रद्द करने का फैसला कर लिया। परीक्षा में सामने आई अनियमितता की वजह से परीक्षा रद्द कर दी गई। केंद्र सरकार ने नए सिरे से परीक्षा कराने का एलान किया है।

सरकार ने ये भी तय किया है कि परीक्षा में गड़बड़ी की जांच सीबीआई करेगी।  यह परीक्षा 18 जून को ही हुई थी और 11 लाख से अधिक छात्रों ने हिस्सा लिया था। परीक्षा आयोजित कराने वाली संस्था नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने इसके सफलतापूर्वक संपन्न होने का दावा किया था।

क्यों रद्द हुई परीक्षा? 

परीक्षा रद्द होने के बाद लोगों के मन में ये सवाल है कि आखिर सरकार को अचानक क्यों इतना बड़ा फैसला लेना पड़ा? दरअसल, शिक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी कि गृह मंत्रालय की साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (14सी) की नेशनल साइबर क्राइम थ्रेट एनालिटिक्स यूनिट ने परीक्षा में हुई गड़बड़ी की जानकारी दी।

इनपुट के जरिए  जानकारी सामने आने के बाद परीक्षा की पारदर्शिता और पवित्रता को बनाने के लिए सरकार ने परीक्षा रद्द करने और फिर से एग्जाम कराने का फैसला किया गया।

अपराधियों को मिलेगी जबरदस्त सजा

सबसे बड़ा सवाल है कि जिन लोगों की वजह से पेपर लीक हुई या जिन अपराधियों की वजह से छात्रों का समय बर्बाद हुआ उन्हें क्या सजा मिलेगी। बता दें कि नेट-यूजीसी यूपीएससी, एसएससी, रेलवे भर्ती, बैंकिंग जैसे परीक्षाओं की पेपर लीक करने वाले अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए मोदी सरकार ने एंटी पेपर कानून बनाई है, जिसे सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) कानून 2024 नाम दिया गया है। इस साल के फरवरी महीने में इस कानून को पारित कर दिया गया था।

  • कानून के मुताबिक, पेपर लीक मामले में दोषी पाए जाने के बाद व्यक्ति को 10 साल की सजा और 1 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है।
  • दूसरे कैंडिडेट के स्थान पर परीक्षा देने के मामले में दोषी पाए जाने पर अपराधी को 3 से 5 साल की जेल होगी और 10 लाख का जुर्माना भी लगाया जाएगा।
  • इसके अलावा अगर परीक्षा में गड़बड़ी मामले में किसी संस्थान का नाम सामने आता है तो उस संस्थान से परीक्षा का पूरा खर्चा वसूला जाएगा। वहीं, संस्थान की संपत्ति भी कुर्क की जा सकती है।
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