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World No Tobacco Day 2023: देश में तंबाकू के सेवन से हर साल 13 लाख लोग गंवाते हैं जान, क्या है इस साल की थीम?

वैश्विक युवा तंबाकू सर्वेक्षण (GYTS) के मुताबिक 2019 में किशोरों (13-15 वर्ष) के बीच तंबाकू के सेवन की दर 8.5 फीसदी थी और इससे पहले के सर्वे (2010) में यह 14.6 फीसदी थी जो यह दर्शाता है कि तंबाकू के सेवन में कमी आई है।

By Anurag GuptaEdited By: Anurag GuptaUpdated: Tue, 30 May 2023 11:30 PM (IST)
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World No Tobacco Day 2023 (जागरण ग्राफिक्स)
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। यह तारीख अपने आप में काफी खास है, क्योंकि इस बार केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय तंबाकू मुक्त युवा 'थीम' के आधार पर 31 मई को 60 दिनों का एक अखिल भारतीय अभियान शुरू करने वाला है। इसके तहत युवाओं में तंबाकू के सेवन की रोकथाम और इसकी लत छोड़ने में सहयोग करने के लिए उचित कदम उठाने पर जोर दिया जाएगा।

वैश्विक युवा तंबाकू सर्वेक्षण (GYTS) के मुताबिक, 2019 में किशोरों (13-15 वर्ष) के बीच तंबाकू के सेवन की दर 8.5 फीसदी थी और इससे पहले के सर्वे (2010) में यह 14.6 फीसदी थी, जो यह दर्शाता है कि तंबाकू के सेवन में कमी आई है, लेकिन आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में किशोरों और वयस्कों के बीच इसकी दर अभी भी ज्यादा है। ऐसे में आज हम विश्व तंबाकू निषेध दिवस के बारे में विस्तृत चर्चा करेंगे।

क्या है विश्व तंबाकू निषेध दिवस का इतिहास ?

तंबाकू के सेवन की वजह से दुनियाभर में हर साल लाखों लोगों की मौत हो गई है। ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 1987 में विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाने का एलान किया था। हालांकि, विश्व तंबाकू निषेध दिवस पहली बार 7 अप्रैल को मनाया गया था, लेकिन 1988 में हर साल 31 मई को मनाने वाला प्रस्ताव पास हुआ। जिसके बाद विश्व तंबाकू निषेध दिवस 31 मई को मनाया जाने लगा।

हर साल कितनों की हो रही मौत ?

ग्लोबल बर्डेन ऑफ डिजिज स्टडी के अनुमान के मुताबिक, 2019 में भारत में धूम्रपान और अन्य व्यक्तियों द्वारा धूम्रपान किए जाने के दौरान उसके धुएं की जद में आने से 12 लाख मौतें हुईं। हाल में डब्ल्यूएचओ ने अनुमान लगाया,

भारत में तंबाकू के इस्तेमाल से हर साल 13.5 लाख लोगों की मौतें होती हैं।

क्या है विश्व तंबाकू निषेध दिवस की थीम?

स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को एक पत्र लिखा गया है। पत्र में इस बार की थीम क्या है? इसका भी जिक्र किया गया है। बता दें कि इस साल के विश्व तंबाकू निषेध दिवस की थीम 'हमें भोजन की जरूरत है, तंबाकू की नहीं' है। बीते साल विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2022 की थीम 'पर्यावरण की रक्षा' थी।

दरअसल, स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव वी हेकाली झिमोमी ने पत्र के जरिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम, (कोप्टा) 2003 के प्रावधानों को लागू करने के लिए विशेष अभियान चलाने की अपील की है।

विश्व तंबाकू निषेध दिवस की बड़ी बातें:

  • भारत तंबाकू का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता एवं उत्पादक देश है।
  • विश्व स्तर पर तंबाकू के सेवन की वजह से हर साल करीब 80 लाख लोगों की मौत होती है।
  • विश्वभर में धूम्रपान करने वाली महिलाओं की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। हालांकि, इसकी वजह से महिलाओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जिसमें गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर और हृदय संबंधी जोखिम इत्यादि शामिल है।
  • भारत सरकार ने साल 2007 में राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम (NTCP) की शुरुआत की थी। जिसका उद्देश्य जागरूक करना, तंबाकू उत्पादों के उत्पादन और आपूर्ति को कम करना, कोप्टा के प्रावधानों का कार्यान्वयन सुनिश्चित करना इत्यादि।