क्या गोवा Beach पर नहीं मिलेगी शराब? भाजपा ने सदन में उठाया मुद्दा
मंगलवार को सदन में बीजेपी नेता ने विकसित भारत का हवाला देते हुए कहा कि गोवा में शराब के सेवन पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। उन्होंने इस बात की पुष्टि पर कहा कि राज्य में शराब की बढ़ती खपत के कारण सड़क दुर्घटनाओं में कई लोगों की मौत होती है। उनके इस मांग पर सदन में उनके सहकर्मी भी सहमत नहीं दिखे।
पीटीआई, नई दिल्ली। गोवा की Beach और शराब दोनों का नाम अक्सर एक साथ ही लिया जाता है। कहने का मतलब यह है की सबसे ज्यादा दारू की खपत वाला राज्य गोवा ही हैं। इस राज्य में अब शराब बैन की मांग उठ रही है। यह मांग भाजपा के एक विधायक ने संसद में रखी। गोवा के भाजपा विधायक प्रेमेन्द्र शेट की गोवा में शराब के सेवन पर प्रतिबंध लगाने की मांग को विधानसभा में उनके सहयोगियों ने भी समर्थन नहीं दिया।
मंगलवार को सदन में बोलते हुए शेट ने कहा, 'विकसित भारत और विकसित गोवा के लिए गोवा में शराब की खपत पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। हम राज्य में शराब का उत्पादन कर सकते हैं और इसे दूसरे राज्यों को निर्यात कर सकते हैं, लेकिन गोवा में इसकी खपत पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।'
भाजपा विधायक प्रेमेन्द्र शेट ने विधानसभा में उठाई मांग
अपनी बात को पुष्ट करने के लिए भाजपा विधायक प्रेमेन्द्र शेट ने कहा कि उत्तरी गोवा में मायेम विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले पहली बार भाजपा विधायक ने कहा कि राज्य में शराब की बढ़ती खपत के कारण सड़कों और औद्योगिक इकाइयों में दुर्घटनाओं में लोगों की मौत होती है।लोग अपना रेस्तरां व्यवसाय बंद कर दें?
बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए भाजपा की महिला विधायक डेलिलाह लोबो ने आश्चर्य व्यक्त किया कि क्या शेट चाहते हैं कि लोग अपना रेस्तरां व्यवसाय बंद कर दें। उन्होंने कहा कि शराब भी एक कारण है जिसके कारण पर्यटक यहां आते हैं। हमें क्या करना चाहिए... क्या हमें रेस्तरां बंद कर देना चाहिए?" लोबो ने पूछा, जो अपने पति माइकल लोबो (कालंगुट विधायक) के साथ मिलकर उत्तरी गोवा के तटीय क्षेत्र में होटलों की एक चेन की मालिक हैं।
'गोवा में शराब पर प्रतिबंध लगाना संभव नहीं'
आप विधायक क्रूज़ सिल्वा ने कहा कि गोवा में शराब पर प्रतिबंध लगाना संभव नहीं है। उन्होंने कहा, "यहां सड़कों पर दुर्घटनाएं होती रहती हैं, लेकिन गोवा के लोग इसमें शामिल नहीं होते। यहां बहुत सारे रेस्तरां और अन्य व्यवसाय हैं जो शराब की बिक्री पर निर्भर हैं। शराब पर प्रतिबंध से रोजगार प्रभावित होगा।"'शेट के विचारों से सहमत नहीं'
भाजपा विधायक संकल्प अमोनकर ने कहा कि वह शराब के दुरुपयोग को लेकर चिंतित हैं और उन्होंने राज्य में दीर्घकालिक शराब के आदी रोगियों के लिए नशा मुक्ति केंद्रों के बारे में पहले भी विधानसभा में प्रश्न उठाया था, लेकिन वह शेट के विचारों से सहमत नहीं थे। उन्होंने कहा, "हमने लोगों को शराब की लत में पड़ते देखा है। मैंने अपने दोस्तों में भी ऐसा देखा है और उनमें से कुछ ने इस लत के कारण अपनी जान गंवा दी है। लेकिन गोवा में शराब पर प्रतिबंध लगाना संभव नहीं है।"
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