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इसी साल अक्टूबर में पाकिस्तान करेगा SCO की मेजबानी, क्या PM मोदी जाएंगे पड़ोसी मुल्क

इस साल अक्टूबर महीने में आयोजित एससीओ की अध्यक्षता पाकिस्तान करने वाला है। सबसे बड़ा सवाल है कि क्या इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए पीएम मोदी पाकिस्तान जाएंगे। मोदी सरकार की नीति पाकिस्तान को लेकर बिल्कुल स्पष्ट है। विदेश मंत्री जयशंकर कई बार इस बात को दोहरा चुके हैं कि जब तक पाकिस्तान आतंकवादियों का समर्थन करता रहेगा तब तक दोनों देशों के बीच कोई बातचीत नहीं होगी।

By Jagran News Edited By: Piyush Kumar Updated: Fri, 05 Jul 2024 10:46 AM (IST)
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इस साल अक्टूबर में पाकिस्तान एससीओ की मेजबानी करने जा रहा है।(फोटो सोर्स: एएनआई)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली।  इस साल पाकिस्तान शंघाई सहयोग संगठन की मेजबानी करने वाला है। इस बैठक में समूह देशों के सभी शासनाध्यक्षों को आमंत्रित किया जाता है। भारत भी इस समूह का हिस्सा है। वहीं, पाकिस्तान और भारत के रिश्तों से दुनिया वाकिफ है। सबसे बड़ा सवाल है कि क्या एससीओ (SCO) में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) पाकिस्तान जाएंगे?

पाकिस्तान को लेकर मोदी सरकार की क्या है नीति?

मोदी सरकार की नीति पाकिस्तान को लेकर बिल्कुल स्पष्ट है। विदेश मंत्री एस जयशंकर कई बार इस बात को दोहरा चुके हैं कि जब तक पाकिस्तान आतंकवादियों का समर्थन करता रहेगा तब तक दोनों देशों के बीच कोई बातचीत नहीं होगी।

भारत के साथ रिश्ते बेहतर बनाना चाहता है पाकिस्तान

हालांकि, पाकिस्तान हमेशा भारत के साथ संबंध को बेहतर बनाने की पैरवी करता आया है। जब नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री की शपथ ली तो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और उनके बड़े भाई नवाज शरीफ ने उन्हें बधाई दी थी।

नवाज शरीफ ने एक्स पर लिखा था,"मोदी जी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर मेरी हार्दिक बधाई। हाल के चुनावों में आपकी पार्टी की सफलता आपके नेतृत्व में लोगों के विश्वास को दर्शाती है। आइए हम नफरत की जगह उम्मीद लाएं और दक्षिण एशिया के दो अरब लोगों की नियति को आकार देने के अवसर का लाभ उठाएं।"

जब पीएम मोदी ने नवाज शरीफ को बताई देश की प्राथमिकता  

हालांकि, पीएम मोदी ने नवाज शरीफ को बधाई के लिए शुक्रिया अदा करते हुए पाकिस्तान को खरी-खरी सुना भी दी। उन्होंने कहा," नवाज शरीफ आपके संदेश की सराहना करता हूं। भारत के लोग हमेशा शांति, सुरक्षा और प्रगतिशील विचारों के पक्षधर रहे हैं। उन्होंने कहा,"हमारे लोगों की भलाई और सुरक्षा सदैव हमारी प्राथमिकता रहेगी।"

कजाखिस्तान की राजधानी अस्ताना में कुछ दिनों पहले आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की शिखर बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भाषण पढ़ा। इसमें उन्होंने याद दिलाया कि आतंकवाद से लड़ाई एससीओ के मूल उद्देश्यों में से एक है।

एससीओ में आठ देश शामिल

एससीओ के सदस्यों में भारत, चीन, रूस, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। यह एक प्रभावशाली आर्थिक और सुरक्षा संगठन है जो सबसे बड़े अंतर-क्षेत्रीय अंतरराष्ट्रीय संगठनों में से एक के रूप में उभरा है।

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