किसानों के लिए खुशखबरी: आय में होगी बढ़ोतरी, लोन लेना भी हुआ आसान; सरकार ने 7 परियोजनाओं को दी मंजूरी
केंद्र सरकार ने किसानों के जीवन को बेहतर बनाने एवं आमदनी बढ़ाने के उद्देश्य से कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र से जुड़ी 13966 करोड़ रुपये की लागत वाली सात परियोजनाओं को मंजूरी दी। इनमें 2817 करोड़ रुपये का डिजिटल कृषि मिशन एवं फसल विज्ञान के लिए 3979 करोड़ की योजना शामिल हैं। नई व्यवस्था में किसानों को मोबाइल पर ही कृषि से संबंधित सारी सूचनाएं मिल जाएंगी। लोन लेना आसान होगा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने किसानों के जीवन को बेहतर बनाने एवं आमदनी बढ़ाने के उद्देश्य से कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र से जुड़ी 13,966 करोड़ रुपये की लागत वाली सात परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इनमें 2,817 करोड़ रुपये का डिजिटल कृषि मिशन एवं फसल विज्ञान के लिए 3,979 करोड़ की योजना शामिल हैं। नई व्यवस्था में किसानों को मोबाइल पर ही कृषि से संबंधित सारी सूचनाएं मिल जाएंगी। लोन लेना भी आसान होगा।
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद सोमवार को सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मीडिया का बताया कि इन कार्यक्रमों के जरिए कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान, प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन से मुकाबला, डिजिटलीकरण एवं बागवानी के साथ ही पशुधन क्षेत्रों के विकास को आधार मिलेगा।खाद्य एवं पोषण सुरक्षा के लिए सरकार ने फसल विज्ञान योजना को स्वीकृति दी है।
फसलों को लेकर होगा सुधार
इसपर कुल 3,979 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसमें छह बिंदुओं पर बल दिया गया है, जिनका उद्देश्य वर्ष 2047 तक जलवायु के अनुकूल फसल विज्ञान और खाद्य सुरक्षा के लिए किसानों को तैयार करना है। इसके तहत कृषि शिक्षा एवं शोध, बीज प्रबंधन, चारा फसलों के लिए आनुवंशिक सुधार, दलहन एवं तिलहन के साथ वाणिज्यिक फसलों में सुधार का कार्य किया जाएगा।साथ ही फसलों में कीट प्रबंधन, सूक्ष्म जीवों एवं परागण तत्वों से जुड़े शोध को भी प्रोत्साहित किया जाएगा।मंत्रिमंडल ने कृषि शिक्षा, प्रबंधन एवं सामाजिक विज्ञान को मजबूत करने के लिए 2,291 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है। इस कार्यक्रम को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के तहत संचालित किया जाएगा। इसके जरिए नई शिक्षा नीति के अनुरूप कृषि शोध एवं शिक्षा को आधुनिक बनाया जाएगा। नवीनतम तकनीक के साथ प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा।डिजिटल कृषि मिशन के तहत कृषि ढांचा एवं किसानों की सहायता प्रणाली को मजबूत किया जाना है।