श्वेत पत्र के सहारे भाजपा ने फिर पलटे कांग्रेसी घोटालों के काले पन्ने, रविशंकर प्रसाद और निशिकांत ने गिनाए घोटाले
भाजपा सांसद श्वेत पत्र के सहारे लोकसभा में उन घोटालों के पन्ने फिर से पलटते गए जिनके आरोपों में कांग्रेस नीत यूपीए सरकार घिरी है। रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस के सवाल पर कहा कि हम यह जनता को बताना चाहते हैं कि विरासत में हमें क्या मिला और हमने दस वर्ष में क्या करके दिखाया। हम तूफानों से कश्ती निकाल कर लाए हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस समेत विपक्ष यह प्रश्न उठाता रह गया कि मोदी सरकार लोकसभा चुनाव से ठीक पहले ही यह श्वेत पत्र क्यों लाई? और इधर, भाजपा सांसद श्वेत पत्र के सहारे लोकसभा में उन घोटालों के पन्ने फिर से पलटते गए, जिनके आरोपों में कांग्रेस नीत यूपीए सरकार घिरी है। पूर्व कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कई घोटाले गिनाते हुए तंज कसा कि कांग्रेस ने आकाश, पाताल, जल, वायु और अग्नि, हर जगह भ्रष्टाचार कर पंचतत्व का नया सिद्धांत दिया।
वहीं, डॉ. निशिकांत दुबे ने यूपीए के 2004 से 2014 तक की सरकार को लूटकाल बताते हुए कई बिंदुओं को उठाते हुए कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार को घेरा। भाजपा सदस्यों के तेवरों को जदयू, शिरोमणि अकाली दल और शिवसेना जैसे अन्य दलों के सहयोगियों का भी साथ मिला।
रविशंकर प्रसाद ने क्या कुछ कहा?
लोकसभा में शुक्रवार को श्वेत पत्र पर चर्चा के दौरान भाजपा के वरिष्ठ सदस्य रविशंकर प्रसाद ने चुनाव से पहले श्वेत पत्र लाए जाने के कांग्रेस के सवाल पर कहा कि हम यह जनता को बताना चाहते हैं कि विरासत में हमें क्या मिला और हमने दस वर्ष में क्या करके दिखाया। हम तूफानों से कश्ती निकाल कर लाए हैं। कई घोटालों के उल्लेख के साथ उदाहरण दिया कि 2-जी स्पेक्ट्रम घोटाले के लिए पहले आओ, पहले पाओ का नियम बनाया। आगमन के लिए समय निश्चित कर दिया और संचार भवन के बाहर बाउंसर बैठा दिए, जबकि जिनके साथ डील होनी थी, वह पहले ही बैक डेट के चेक के साथ अंदर बैठे थे।यह भी पढ़ें: राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर के तीन विधेयक हुए पास, स्थानीय निकाय कानून बिल भी हुआ पारितरविशंकर ने दावा किया कि यह श्वेत पत्र भारत के संसदीय इतिहास के लिए मील का पत्थर बनने वाला है। भाजपा सांसद डॉ. निशिकांत दुबे ने कहा कि 1947 से 1990 तक लाइसेंस, परमिट और कोटा राज था। 2004 से 2014 तक लूट राज रहा और 2014 से 2024 तक राजराज्य का है। आज सभी विपक्षी भ्रष्टाचार के कारण एकजुट दिख रहे हैं। काले धन के खिलाफ यूपीए सरकार के लचर रवैये और मोदी सरकार के प्रयासों का उल्लेख करने के साथ ही भाजपा सांसद ने 2003-04 में यूपीए सरकार द्वारा प्रस्तुत किए गए आर्थिक सर्वे का उल्लेख किया और उन्होंने कहा,
उसमें तत्कालीन वित्त मंत्री ने लिखा था कि हम आभारी हैं वाजपेयी सरकार के, जिन्होंने इतनी अच्छी अर्थव्यवस्था छोड़ी है कि हम जन कल्याण के काम कर पाएंगे और 2013-14 के आर्थिक सर्वे में लिखा था कि बैलेंस ऑफ पेमेंट ऐसा बिगड़ा हुआ है कि हम शायद अपने कर्मचारियों को पैसा भी नहीं दे पाएंगे। यूपीए कार्यकाल में एस्टीमेट कमेटी में आरबीआई गवर्नर के रूप में रघुराम राजन द्वारा दिए गए वक्तव्य का उल्लेख किया कि तब राजन ने कहा था कि राजनीतिक भ्रष्टाचार के कारण बैंक की स्थिति बद से बदतर हो गई है।
निशिकांत ने आदेश घोटाला, देवास घोटाला, अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला, शारदा घोटाला, कामनवेल्थ घोटाला, नौकरी के बदले जमीन घोटाला, सोना आयात-निर्यात घोटाला आदि को तथ्यों और तर्कों के साथ रखा।
2004 से 2014 तक हर सत्र में होती थी घोटालों की चर्चा: राजीव रंजन
जदयू सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि श्वेत पत्र के आंकड़े गलत होते तो कांग्रेस उनका खंडन करती, लेकिन चर्चा को दूसरी दिशा में मोड़ दिया गया। उन्होंने कहा कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह बहुत साफ इंसान थे, लेकिन उनके इर्दगिर्द समूचे लोग घोटाला और कुप्रबंधन के जिम्मेदार थे। कांग्रेस पर करारा प्रहार करते हुए तिथिवार बताया,सीबीआई और ईडी पर कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए ललन सिंह ने कहा कि वह भी दो साल तक एनडीए से अलग रहे, लेकिन उनके और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के यहां तो कोई ईडी और सीबीआई नहीं पहुंची। कांग्रेस को चेताया कि भ्रष्टाचार करेंगे तो भुगतना ही पड़ेगा। यह भी पढ़ें: 'UPA सरकार का हर काला कारनामा....', आखिर कांग्रेस के किन दावों की खुली पोल; मोदी सरकार के श्वेत पत्र में क्या है?जिन कर्जदार उद्योगपतियों के विदेश भाग जाने को लेकर कांग्रेस सवाल उठाती है, उनके लिए भाजपा जिम्मेदार नहीं, क्योंकि उन्हें कर्ज कांग्रेस के समय में दिया गया।