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आधी आबादी का पूरा होगा सपना, Women Reservation Bill पर संसद की मुहर; पीएम मोदी ने जताया सबका आभार

लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रविधान करने वाले नारी शक्ति वंदन विधेयक पर संसद की मुहर लग गई।राज्यसभा में उपस्थित सभी 215 सदस्यों ने विधेयक के पक्ष में मतदान किया विरोध में कोई मत नहीं पड़ा। निर्मला सीतारमण ने साफ किया कि यह 2029 के पहले कभी भी लागू हो सकता है। इसके लिए सिर्फ जनगणना के आंकड़ों और परिसीमन का इंतजार करना होगा।

By Jagran NewsEdited By: Sonu GuptaUpdated: Fri, 22 Sep 2023 12:51 AM (IST)
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नारी शक्ति वंदन अधिनियम पर चर्चा के दौरान संबोधित करते हुए पीएम मोदी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। New Women Reservation Bill: लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रविधान करने वाले नारी शक्ति वंदन विधेयक पर संसद की मुहर लग गई। बुधवार को लोकसभा के बाद गुरुवार को यह राज्यसभा से भी पास हो गया। राज्यसभा में उपस्थित सभी 215 सदस्यों ने विधेयक के पक्ष में मतदान किया, विरोध में कोई मत नहीं पड़ा। संसद के नए भवन में पास होने वाला यह पहला ऐतिहासिक विधेयक है।

विधेयक पारित करने के लिए पीएम मोदी ने जताया आभार

मतदान से पहले प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में विधेयक पारित करने के लिए सभी का आभार व्यक्त किया। खास बात यह रही कि गृह मंत्री अमित शाह पूरी चर्चा के दौरान उच्च सदन में मौजूद रहे। उधर, आरक्षण लागू होने में लगने वाले समय की अटकलों को विराम देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ किया कि यह 2029 के पहले कभी भी लागू हो सकता है। इसके लिए सिर्फ जनगणना के आंकड़ों और परिसीमन का इंतजार करना होगा।

अमित शाह ने क्या कहा?

बुधवार को लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह की ओर से 2024 के लोकसभा चुनावों के तत्काल बाद सीटों के परिसीमन और जनगणना की प्रक्रिया शुरू किए जाने के आश्वासन से इसके 2029 के लोकसभा में लागू होने का अनुमान लगाया जा रहा था। शाह ने साफ किया था कि महिलाओं के लिए सीटों को आरक्षित करने में पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए परिसीमन के आधार पर इसे तय किया जाना जरूरी है।

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कब लागू होगा विधेयक?

दोनों सदनों में विपक्ष की ओर से बार-बार यही सवाल उठाया जा रहा था कि यह लागू कब से होगा। गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ किया कि विधेयक के कानून बनने के बाद पहली जनगणना और परिसीमन के बाद यह लागू हो जाएगा। यानी यह 2029 के लोकसभा चुनाव से पहले होने वाले विधानसभा चुनावों में भी लागू हो सकता है।

राज्यसभा में महिला आरक्षण की मांगों को वित्त मंत्री ने किया खारिज

राज्यसभा में भी महिला आरक्षण की कुछ सांसदों द्वारा की गई मांग को खारिज करते हुए सीतारमण ने साफ किया कि राज्यसभा सदस्यों के चुनाव में आनुपातिक प्रतिनिधित्व और वरीयता मत के कारण इसे लागू नहीं किया जा सकता। सीतारमण ने यह भी साफ कर दिया कि 2002 में संविधान के अनुच्छेद-82 में संशोधन द्वारा 2026 तक लोकसभा सीटों के परिसीमन पर लगी रोक महिला आरक्षण के रास्ते में बाधा नहीं बनेगी। सीतारमण ने कहा

2024-25 में जनगणना की प्रक्रिया पूरी होने और 2026-27 तक इसके आंकड़े आने की उम्मीद है। इसके बाद गठित परिसीमन आयोग नई जनसंख्या के आधार पर सीटों के निर्धारण के साथ ही महिलाओं के लिए आरक्षित सीटें भी तय करेगा।

महिलाओं के विकास के लिए कार्य कर रही है सरकारः वित्त मंत्री

वित्त मंत्री ने विधेयक लाने में देरी के विपक्ष के आरोपों का भी जवाब दिया और कहा कि सरकार लगातार महिलाओं के विकास के लिए कार्य कर रही है। विभिन्न योजनाओं के अलावा दूसरे कार्यकाल में जब अनुच्छेद-370 हटाने का काम किया गया था, उसमें भी महिलाओं की भलाई थी।

ओबीसी के विरुद्ध रही है कांग्रेसः मेघवाल

विपक्ष की ओर से नेता प्रतिपक्ष समेत अधिकतर सदस्यों ने बार-बार ओबीसी महिलाओं को आरक्षण देने के प्राविधान की मांग की। जवाब में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने याद दिलाया कि कांग्रेस तो ओबीसी के विरुद्ध रही है। मोदी काल में ही ओबीसी आयोग बनाने की बात हुई थी तो उस समय भी विरोध किया था।

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